गाजा3 घंटे पहले
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हमास का कहना है कि ट्रम्प सिर्फ इजराइली बंधकों की रिहाई पर जोर दे रहे हैं, जबकि इजराइल की जेल में बंद 10 हजार फिलिस्तीनी कैदियों पर उनका ध्यान ही नहीं है।
अमेरिका और फिलिस्तीन के उग्रवादी संगठन हमास के बीच इजराइल से 2023 में किडनैप अमेरिकी बंधकों की रिहाई को लेकर डायरेक्ट बात हुई है। मंगलवार को हुई बातचीत के बाद हमास के सीनियर लीडर मुशीर अल-मसरी ने ट्रम्प पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया।
अल-मसरी का कहना है कि ट्रम्प का पूरा जोर सिर्फ इजराइल बंधकों की रिहाई पर है, जबकि उन्होंने इजराइली जेल में बंद 10 हजार फिलिस्तीनी कैदियों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। अमेरिका ने खुद को मध्यस्थ के बजाय लड़ाई के एक पक्ष के तौर पर पेश किया।
हमास बोला- गाजा को जबरन खाली नहीं कराया जा सकता हमास का आरोप है कि ट्रम्प उन्हें लगातार धमकी दे रहे हैं कि जल्द से जल्द इजराइल के सभी कैदियों को रिहा करे नहीं तो अंजाम भुगतना होगा। अल-मसरी ने इसे लेकर कहा कि ट्रम्प को जो बाइडेन की नीतियों पर नहीं चलना चाहिए।
अल-मसरी ने कहा-

हमें (हमास) धमकी देने से कुछ नहीं होगा। गाजा के लोगों को जबरन उनके घरों से हटाने का कोई भी प्लान सफल नहीं होगा।

अल-मसरी का कहना है कि हमास और अमेरिका के बीच बातचीत का मकसद इस क्षेत्र में शाति लाना है। हमास युद्ध विराम के दूसरे फेज पर बातचीत के बदले बंधक मुद्दे को हल करना चाहता है।
इजराइल ने हमास-US की डायरेक्ट बातचीत का विरोध किया दूसरी तरफ इस खबर के सामने आते है कि इजराइल ने भी इस बातचीत का कड़ा विरोध किया है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भरोसेमंद रॉन डेरमर और अमेरिका के स्पेशल प्रतिनिधि एडम बोहलर के बीच तीखी बहस भी हो गई।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने बंधक मामलों के लिए एडम बोहलर को अपना विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किया है।

यूएस इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन के CEO रह चुके हैं। ट्रम्प का कहना है कि बोहलर उन लोगों की टीम में शामिल हैं जिन्होंने 2020 में अब्राहम अकॉर्ड पर काम किया था।
4 अमेरिकी बंधकों के शव लौटाने और पर बातचीत हुई अमेरिका और हमास की इस बातचीत में चार मृत अमेरिकी बंधकों के शव लौटाने और अमेरिकी बंधक एडन अलेक्जेंडर की रिहाई पर बात की गई।
इसके साथ ही इसमें सीजफायर, बाकी बंधकों की रिहाई, हमास नेताओं के लिए गाजा से सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता और आखिर में युद्ध को पूरी तरह खत्म करने पर बात की गई।
इस बातचीत में अलेक्जेंडर के बदले में इजराइली जेलों से रिहा किए जाने वाले फिलिस्तीनी कैदियों का मुद्दा भी शामिल था, जिस पर इजराइल सहमत नहीं है।
इससे पहले फरवरी में जब अमेरिकी अधिकारियों ने हमास के साथ डायरेक्ट बात करने प्रस्ताव दिया था तब भी इजराइली अधिकारियों ने इसका विरोध किया था।

पिछले महीने ट्रम्प ने गाजा पर कब्जा करके वहां सिटी रिसॉर्ट बनाने की बात कही थी, जब इजराइली पीएम ने उनका सपोर्ट किया था।
इजराइल-हमास के बीच 3 फेज की सीजफायर डील इजराइल और फिलिस्तीन के बीच ट्रम्प के शपथ ग्रहण से एक दिन पहले यानी 19 फरवरी को सीजफायर डील हुई थी। यह डील तीन फेज में पूरी होगी। इसमें 42 दिन तक बंधकों की अदला-बदली की जानी थी।
इस महीने की शुरुआत में ही दोनों पक्षों के बीच सीजफायर का पहला फेज खत्म हुआ है। हमास के आरोप है कि इजराइल गाजा पट्टी में पहुंचने वाली मदद को रोक रहा है, जिस वजह से अभी तक दूसरे फेज को लेकर बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास की कैद में 13 जीवित बंध और बंधकों के 4 शव हैं। इनमें एक एक जीवित बंधक एडन अलेक्जेंडर अमेरिका का नागरिक है, जबकि बाकी के 12 बंधकों के पास इजराइल और अमेरिका की दोहरी नागरिकता है।
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