नार्मदीय ब्राह्मण समाज में ‘धुंधर मास’ की परंपरा कई सालों से चल रही है।
मकर सक्रांति के पर्व को अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। हरदा में मकर संक्रांति के मौके पर नार्मदीय ब्राह्मण समाज ने ‘धुंधर मास’ की परंपरा निभाई। बुधवार सुबह समाज की धर्मशाला में काशिव परिवार ने गवरनी कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान
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माता पार्वती ने सुहाग अमर रहने का दिया था वरदान समाज की प्रमुख सदस्य सुनीता पाराशर और ममता राजवैद्य ने इस परंपरा की पौराणिक कथा बताई। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के दिन माता पार्वती ने सुहाग सामग्री वितरित की थी। उस समय सभी वर्गों की महिलाएं सुहाग सामग्री लेने आईं थीं, लेकिन ब्राह्मण समाज की महिलाएं सबसे पहले पहुंची। माता पार्वती ने प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया कि जो महिलाएं मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले सुहागिनों को भोजन कराकर सुहाग सामग्री देंगी, उनका सुहाग अमर रहेगा।
कई सालों से चल रही है परंपरा मकर संक्रांति सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाई जाती है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण होते हैं। ये दिन स्नान, दान और विशेष पकवानों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। नार्मदीय ब्राह्मण समाज में ये परंपरा कई सालों से चल रही है, जिसमें महिलाएं एक-दूसरे को सुहाग सामग्री देकर अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।
हरदा में मकर संक्रांति के मौके पर नार्मदीय ब्राह्मण समाज में सहभोज का आयोजन किया गया।
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