हर 15 दिन में चढ़ता है खून, फिर भी जीते 26 मेडल, जानें कौन हैं कुणाल अरोड़ा
Agency:News18 Uttar Pradesh
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Moradabad News: यूपी के मुरादाबाद के कुणाल अरोड़ा पैरा टेबल टेनिस के खिलाड़ी हैं. बीमारी के चलते वर्ष 2010 में इन्हें बाएं पैर के दो आपरेशन कराने पड़े. इसके बाद भी वह 26 मेडल जीत चुके हैं. हर 15 दिन में इन्हें …और पढ़ें
हाइलाइट्स
- कुणाल अरोड़ा पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं.
- कुणाल ने 26 मेडल जीते, जिनमें 9 अंतरराष्ट्रीय शामिल हैं.
- हर 15 दिन में खून चढ़ाने के बावजूद कुणाल ने सफलता पाई.
पीयूष शर्मा/मुरादाबाद: एक कहावत है ‘पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है, मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है’. ये पंक्तियां शहर के पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी कुणाल अरोड़ा पर सटीक बैठती है. कुणाल अरोड़ा की जज्बा थैलेसीमिया जैसी घातक बीमारी पर भी भारी है. उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को पीछे छोड़कर कामयाबी की कहानी लिखी है.
उन्हें बीमारी के चलते साल 2010 में बाएं पैर के दो आपरेशन कराने पड़े. हर 15 दिन में इन्हें खून चढ़ाया जाता है. इसके बाद भी इन्होंने अपने हौसले और मजबूत इरादे से सफलता की कहानी लिखी है. वह अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर 9 और राष्ट्रीय स्तर पर 16 पदक अपनी झोली में डाल चुके हैं.
अब तक जीत चुके हैं 26 मेडल
पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी कुणाल अरोड़ा ने बताया कि मैं 2014 से इस सपोर्ट के फील्ड में हूं. इसके साथ ही मैं अब तक 26 मेडल जीत चुका हूं और मैं जॉर्डन, चीन ,ब्राजील, थाईलैंड, ताइवान, ताईपाई सहित काफी देश में खेलकर मेडल जीत चुका हूं. उन्होंने कहा कि इन 26 मेडल में इंटरनेशनल और नेशनल सभी मेडल शामिल हैं.उन्होंने कहा कि मेरे फादर लॉन टेनिस खेल रहे हैं और वह बहुत अच्छे प्लेयर हैं. मैं पहले उनके साथ लॉन टेनिस खेलने के लिए क्लब जाया करता था. वहीं से 2014 में मुझे पैरा टेबल टेनिस के बारे में पता चला. तभी से मैंने इसमें खेलना शुरू कर दिया।
2014 में शुरू किया था खेलना
2014 में जब उन्होंने पहली बार खेलना शुरू किया, तभी प्रतियोगिता में पार्टिसिपेट किया. पहली बार में ही ब्रॉन्ज मेडल जीता और वहीं से उनका रुझान इस खेल की और बढ़ने लगा. उन्होंने कहा कि वह आगे चलकर 2026 में एशियन गेम्स में पार्टिसिपेट करना चाहते हैं. इसके साथ ही इंडिया के लिए मेडल जीतना उनका लक्ष्य है. इसके साथ ही 2028 में ओलंपिक स्टार्ट होने वाले हैं. उसमें पार्टिसिपेट करके भी वह इंडिया के लिए मेडल लाना चाहते हैं.
कुणाल के नाम 9 अंतरराष्ट्रीय मेडल
कुणाल ने 2014 के बाद कभी पीछे मुडकर नहीं देखा. इसके बाद कुणाल एक के बाद एक पदक जीतते गए. 2017 में पहली बार चीन में आयोजित एशियन रीजनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने पहली बार में ही कांस्य पदक हासिल किया. वह अब तक थाइलैंड, मिस्र, जार्डन जैसे देशों में भारत की ओर से खेल चुके हैं. जार्डन में 2023 में स्वर्ण पदक भी जीत चुके हैं. अब तक कुल 9 अंतरराष्ट्रीय पदक अपने नाम कर चुके हैं. जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 17 पदक जीत चुके हैं. जिसमें 10 स्वर्ण पदक शामिल है.
हर 15 दिन में चढ़ाया जाता है खून
कुणाल अरोड़ा के पिता यशपाल अरोड़ा ने बताया कि थैलेसीमिया बीमारी के कारण कुणाल को हर 15 दिन में खून चढ़ाया जाता है. जिसके लिए इन्हें दिल्ली जाना पडता है. उन्होंने जीवन में हर परेशानी का सामना हंसकर किया है. उन्हें अपने बेटे पर गर्व है. यशपाल स्वयं एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके हैं.
Moradabad,Uttar Pradesh
February 05, 2025, 10:44 IST
हर 15 दिन में चढ़ता है खून, फिर भी जीते 26 मेडल, जानें कौन हैं कुणाल अरोड़ा
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