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हिंदी साहित्य समिति इंदौर में सृजन विविधा कार्यक्रम: प्रेम गीतों में हुए भारतीय संस्कृति के दर्शन, चंद्रमा पर भी चला कविताओं का दौर – Indore News

श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति के साप्ताहिक कार्यक्रम सृजन विविधा में रचनाकारों ने अपनी रचनाओं में प्रमुखता से प्रेम-गीत प्रस्तुत किए। इसमें भाव, लय के साथ भारतीय संस्कृति के भी दर्शन हुए। आरंभ में नयन कुमार राठी ने स्वच्छ इन्दौर, स्वच्छ इन्दौर आए

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रचना सुनाते हरेराम वाजपेयी.

कार्यक्रम का संचालन कर रहे हरेराम वाजपेयी ने भी इसी प्रकार के भाव व्यक्त करते हुए गीत पढ़ा- ‘‘गोल-गोल चंदा सा चेहरा है, उस पर भी सुंदरता का पहरा है’’ सुनाकर प्रशंसा प्राप्त की। सुधीर लोखण्डे ने अपनी कविता में कहा हमको भी ले आइए चितवन में क्रमशः-क्रमशः, हम भी उसमें उतर जाएंगे क्रमशः-क्रमशः। सुब्रतो बोस ने अपनी कविता में कहा हर शख्स किसी न किसी के दिल में रहता है, आसमां में कोई घर नहीं होते। अरविंद जोशी की कविता कुर्सी पर नहीं, टेबल पर नहीं लिख लेता हूं चलते-चलते। जितेन्द्र मानव ने एक अच्छा संदेश देते हुए कविता पढ़ी मीठा होगा परिश्रम का फल करके देखो। कार्यक्रम की अध्यक्षता अरविंद जोशी ने की। आभार हरेराम वाजपेयी ने व्यक्त किया।

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