पिछले एक साल से यहूदी देश इजरायल कई मोर्चों पर युद्ध लड़ रहा है। गाजा की जंग अभी तक खत्म नहीं हुई है। इस बीच ईरान, लेबनान से हिजबुल्ला, यमन के हूती और फिलस्तीन का हमास लगातार इजरायल पर रॉकेट्स और मिसाइल्स से हमले कर रहा है। इसे देखते हुए अमेरिका ने इजरायल में टर्मिनल हाई-एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम (THAAD) तैनात करने का फैसला लिया है।
By Shashank Shekhar Bajpai
Edited By: Shashank Shekhar Bajpai
Publish Date: Mon, 14 Oct 2024 02:54:12 PM (IST)
Updated Date: Mon, 14 Oct 2024 03:14:05 PM (IST)
HighLights
- इजरायल के बिनयामीना मिलिट्री बेस को हिजबुल्ला ने बनाया निशाना।
- हमले में इजरायल के करीब 70 सैनिक घायल, चार की हो गई है मौत।
- इजरायल की सुरक्षा के लिए अमेरिका THAAD सिस्टम करेगा तैनात।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्ला ने रविवार की रात को इजरायल पर सबसे घातक ड्रोन हमला किया। इजरायल के बिनयामीना मिलिट्री बेस को निशाना बनाकर किए गए इस हमले में इजरायल के करीब 70 सैनिक घायल हुए हैं, जबकि चार की मौत हो गई है। इस बीच अमेरिका भी इजरायल की सुरक्षा के लिए सक्रिय हो गया है।
अमेरिका ने इजराइल में एक उन्नत एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम, टर्मिनल हाई-एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) की तैनाती की घोषणा की है। THAAD सिस्टम को संचालित करने के लिए करीब 100 अमेरिकी सैनिकों को भी तैनात किया जा रहा है। इसका मकसद ईरान से हाल ही में हुए मिसाइल हमलों और क्षेत्र में बढ़ती शत्रुता के बाद इजराइल की हवाई सुरक्षा को मजबूत करना है।
इसलिए अमेरिका ने लिया ये फैसला
पेंटागन का कहना है कि THAAD सिस्टम को तैनात करने का फैसला ईरान की तरफ से 13 अप्रैल और 1 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए मिसाइल हमलों को देखते हुए लिया गया है। यह सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइल्स को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है।
यह ईरान या उसके प्रॉक्सी से इजरायल में होने वाले भविष्य के मिसाइल खतरों को कम करने में मदद करता है। THAAD सिस्टम को छोटी और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल्स के खतरों का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किया गया है।
हिजबुल्ला ने ईरानी ड्रोन से किया अटैक!
बताते चलें कि रविवार को हुए हिजबुल्ला के हमले के बाद इजरायल के घायल सैनिकों को हेलीकॉप्टर से अस्पताल पहुंचाया गया है। इजरायली सेना ने हमले में घायल और मृत सैनिकों के परिवारों को घटना की सूचना दे दी है। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, समुद्र के रास्ते से हिजबुल्ला ने दो आत्मघाती मिरसाद ड्रोन इजरायल में हमले के लिए भेजे थे।
इन्हें ईरान में अबाबिल-टी के नाम से भी जाना जाता है। लिहाजा, यह भी माना जा रहा है कि ईरान ने इस हमले में हिजबुल्ला की मदद की है। इजरायली शोध संस्थान अल्मा सेंटर ने बताया कि 40 किलो विस्फोटक ले जाने में सक्षम यह ड्रोन करीब 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हमला करने की क्षमता रखता है। यह ड्रोन करीब 3,000 मीटर तक की तक उड़ान भर सकता है।
एयर डिफेंस सिस्टम को ड्रोन ने दिया चकमा
शुरुआती जांच में पता चला है कि इजरायली रडार ने दोनों ड्रोन्स ट्रैक कर लिए थे। एक को हाइफा के पास मार गिराया गया। मगर, दूसरा ड्रोन जमीन से बेहद करीब उड़ान भरते हुए चकमा देने में कामयाब रहा। इसी वजह से एयर डिफेंस सिस्टम भी इसे ट्रैक नहीं कर सका। हिजबुल्ला ने एक बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी भी ली है।
गौरतलब है कि दो दिन में इजरायल पर ड्रोन से किया गया यह दूसरा हमला है। इससे पहले तेल अवीव के एक उपनगर में शनिवार को ड्रोन से हमला किया था। हालांकि, उस हमले में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था। लेबनान के अलावा इजरायल पिछले एक साल से कई मोर्चों पर जंग लड़ रहा है।
कई मोर्चों पर अकेले लड़ रहा है इजरायल
दक्षिण-पश्चिम में हमास और उत्तर में हिजबुल्ला, उत्तर-पूर्व में सीरिया और ईराक के चरमपंथी गुट के साथ इजरायल लड़ाई लड़ रहा है। इसके अलावा सैकड़ों किलोमीटर दूर यमन से हूती विद्रोही भी यहूदी देश पर मिसाइल से हमले कर रहे हैं। इन सभी एक्सिस ऑफ रजिस्टेंस ग्रुप्स को ईरान से समर्थन मिल रहा है।
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