मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित गिरजाघरों में मंगलवार-बुधवार की आधी रात 12 बजते ही प्रभु यीशु के जन्म लेने की खुशियां मनाना शुरू हो गई। शहर के हर चर्च में शानदार रोशनी की गई थी, और प्रेम-शांति के बीच यीशु का जन्मदिन मनाया जा रहा था। गिरजाघर में प
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प्रेम, एकता और मेल-मिलाप के संदेश के बाद केक काटा गया और लोगों ने एक-दूसरे को मैरी क्रिसमस कहकर पर्व की शुभकामनाएं दी, जिसे देखकर ऐसा लगा कि मानो प्रभु यीशु अपने साथ खुशियों की सौगात लेकर आए हैं।
गौशाले में हुआ प्रभु यीशु का जन्म
क्रिसमस के लिए भंवरताल पार्क चर्च में आकर्षक चरनी सजाई गई थी। प्रभु यीशु के जन्म प्रसंग का चित्रण करते हुए इसमें माता मरियम और उद्धारकर्ता के आने की खुशियां मनाते हुए लोगों की झांकी दिखाई गई। प्रभु यीशु का जन्म गौशाले में हुआ, जहां उन्हें चरनी में रखा गया था। जबलपुर के भंवरताल सहित अलायसिस चर्च, रांझी सेंट जोसफ चर्च, पेंटीनाका चर्च में शाम 7 बजे से ही मसीही जनों की चहल-पहल शुरू हो गई थी। इस दौरान रंग बिरंगी रोशनी के बीच सांता क्लॉज बच्चों को उपहार बांटते भी नजर आए।
शांति और भाईचारे का दिया गया संदेश
प्रभु यीशु के जन्म लेते ही खुशियों का दौर शुरू हो गया. सैकड़ों की संख्या में समाजजनों ने देर रात तक चरनी में जन्में प्रभु यीशु व चर्च में स्थापित माता मरियम की प्रतिमा के सामने मोमबत्तियां जलाकर आराधना की और आशीष भी लिया. वहीं, कैरोल गीत के माध्यम से युवाओं ने शांति, भाईचारा और क्रिसमस के आगमन का संदेश दिया। चर्च में विशेष प्रार्थना के बाद एक दूसरे को केक खिलाया। प्रभु यीशु के जन्मदिन में शहर के सभी चर्चों में रातभर जन्मदिन मनाया जाएगा।
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