उट्रेच यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता कह रहे हैं कि उन्हें ये तो पता था कि यह कहीं ऑस्ट्रेलिया के उत्तर में मौजूद हो सकता है। Live Science के अनुसार, स्टडी को लीड करने वाले लेखक Eldert Advokaat के मुताबिक, उन्हें पता था कि उनकी उम्मीद कह रही है यह साउथ ईस्ट एशिया में ढूंढने पर पाया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने उस महाद्वीप के अलग होने से लेकर उसके गायब होने तक के सफर को फिर से तैयार करने की कोशिश की है।
शोधकर्ताओं ने पाया है कि इस भूमि के टुकड़े के हिस्से इंडोनेशिया और म्यांमार के आसपास मौजूद हैं। पूरी प्रकिया को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने Argoland की उत्तरी दिशा की यात्रा को रीक्रिएट किया। उन्हें इस दौरान छोटे सागरों के अवशेष मिले जो कि 20 करोड़ साल पुराने थे। वैज्ञानिकों ने पाया कि खोया हुआ महाद्वीप टेक्टॉनिक फोर्स के कारण मुख्य महाद्वीप से अलग हो गया और साउथ-ईस्ट एशिया में टुकड़ों में बिखर गया।
हाइपोथिसिस पर काम करते हुए शोधकर्ताओं ने बताया है कि अर्गोलैंड असल में गायब नहीं हुआ था। लेकिन यह टुकडों के रूप में जिंदा रहा और इंडोनेशिया के पूर्व में आइलैंड्स के नीचे दबा रहा। अब वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उनकी स्टडी से इस क्षेत्र के पुराने जलवायु तंत्र के बारे में जानकारी मिल सकती है। साथ ही यहां पर प्रजातियों का जो विषम वितरण हुआ है उसके बारे में भी अहम जानकारी मिल सकती है।
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2023-11-11 15:20:08
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