भोपाल को झुग्गी मुक्त करने के लिए एक बार फिर प्रयास शुरू हुए हैं। नगर निगम और जिला प्रशासन ने इन्हें हटाने के लिए प्लान तैयार कर लिया है। पहले फेज में 39 एकड़ से झुग्गियां हटेंगी। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि, फर्स्ट कलस्टर की कार्रवाई कर र
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ऐसे हटाएंगे झुग्गियां फर्स्ट फेज में वल्लभ भवन के आसपास कार्रवाई शुरू होगी। पीपीपी मोड में काम किया जाएगा। यानी, प्राइवेट कंपनी के जरिए 6 हजार से ज्यादा घर बनाकर दिए जाएंगे। वल्लभ भवन के आसपास 9 बस्तियों को खाली कराया जाएगा। इसके बाद दूसरा फेज शुरू करेंगे।
2 महीने पहले सीएम ने की थी मीटिंग भोपाल को झुग्गी मुक्त करने के लिए करीब 2 महीने पहले सीएम डॉ. मोहन यादव ने मीटिंग की थी। उन्होंने झुग्गियों को हटाने के लिए विस्तृत प्लान बनाने को कहा था। उन्होंने कहा था कि पहले भवन तैयार करें। फिर झुग्गियों को खाली कराएं। ताकि, लोगों को परेशानी न हो।
इसी साल फरवरी में भदभदा बस्ती से 384 झुग्गियां हटाई गई थी।
कई प्राइम लोकेशन पर झुग्गियां भोपाल में चाहे राजभवन से सटे इलाके में 17 एकड़ में फैली रोशनपुरा बस्ती हो या बाणगंगा, भीमनगर, विश्वकर्मा नगर जैसी टॉप 8 झुग्गी-बस्तियां शहर के बीच प्राइम लोकेशंस पर करीब 300 एकड़ में फैली हैं। इनके अलावा राहुल नगर, दुर्गा नगर, बाबा नगर, अर्जुन नगर, पंचशील, नया बसेरा, संजय नगर, गंगा नगर, बापू नगर, शबरी नगर, ओम नगर, दामखेड़ा, उड़िया बस्ती, नई बस्ती, मीरा नगर जैसी कुल 388 बस्तियां शहर में हैं। इन सबकी जमीन का हिसाब लगाएं तो यह करीब 1800 एकड़ के आसपास बैठती है। इनमें से ज्यादातर पॉश इलाकों में ही हैं।
8 महीने में भदभदा बस्ती की हटाई गई नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने इसी साल भोपाल की भदभदा बस्ती से कुल 384 झुग्गियां हटा दीं थी। 4 दिन चली कार्रवाई के दौरान सियासत भी खूब गरमाई। दूसरी ओर, राजधानी में अभी भी हजारों ऐसी झुग्गियां हैं, जो सरकारी जमीन पर तान दी गई है। यही कारण है कि पिछले 4 साल में 20 इलाकों में नई बस्ती डेवलप हो गई।
आरिफ नगर में तो 500 से ज्यादा झुग्गियां बन गई हैं। डीआईजी बंगला चौराहे से करोंद चौराहे की ओर जाने वाले रास्ते पर रेलवे ओवरब्रिज की शुरुआत पर ही झुग्गियां नजर आती हैं। यही तस्वीर बाकी जगहों पर भी देखने को मिल सकती है।
रेलवे ट्रैक से हटाई गई झुग्गियों की जगह पर फिर से कब्जा होने लगा।
अब जानते हैं, कब-कब चला अभियान करीब 40 साल में 3 बार राजधानी को झुग्गी मुक्त बनाने का अभियान चला। इस दौरान 1450 करोड़ रुपए खर्च भी किए गए। फिर भी शहर में झुग्गी-बस्तियों के इलाकों की संख्या बढ़ती गई। 3 साल पहले तक इनकी संख्या 72 थी, जो अब करीब 85 हो गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार-सबसे ज्यादा झुग्गी वाले देश के टॉप-10 शहरों में मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, लखनऊ, कोलकाता, नागपुर, अहमदाबाद, बेंगलुरू के साथ भोपाल भी शामिल रहा है।
- 1984 में अर्जुन सिंह सरकार ने पहली बार अभियान चलाया।
- 2004 में बाबूलाल गौर ने झुग्गियों के री-डेंसीफिकेशन की योजना बनाई।
- 2015 में सीएम शिवराज सिंह चौहान सरकार में पीएम आवास योजना की शुरुआत हुई और शहर में पक्के मकान व पट्टे देने का अभियान शुरू हुआ।
- अब फिर से झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई शुरू हुई है।
पीएम आवास बना रहे, लेकिन अधूरे होने से मिल नहीं रहे राजधानी में गंगानगर, राहुल नगर, 11 नंबर, मालीखेड़ी, भानपुर समेत कई इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास बन रहे हैं, लेकिन नियमों के चलते कई लोग अपात्र हो जाते हैं। वहीं, अधूरे होने की वजह से सालों से लोगों को मिल नहीं पाए हैं। आंकड़ों पर नजर डाले तो भोपाल में कुल 7755 पीएम आवास हैं। इनमें 3 हजार से अधिक अधूरे हैं। यानी, इतने लोगों के सपनों का घर अब तक बनकर तैयार नहीं हुआ है।
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CM डॉ. यादव बोले- भोपाल को झुग्गीमुक्त करने कार्ययोजना बनाएं; पहले तैयार करें घर
दो महीने पहले सीएम डॉ. मोहन यादव ने झुग्गियों को लेकर बैठक की थी।
भोपाल को झुग्गी मुक्त करने के लिए अब फिर प्रयास शुरू होंगे। CM डॉ. मोहन यादव ने झुग्गियों को हटाने के लिए विस्तृत प्लान बनाने को कहा है। इसे लेकर शनिवार को उन्होंने मंत्री, विधायक समेत अफसरों के साथ मीटिंग भी की। उन्होंने कहा, पहले भवन तैयार करें। फिर झुग्गियों को खाली कराएं। ताकि, लोगों को परेशानी न हो। सीएम ने बड़ा तालाब पर एलिवेटेड कॉरिडोर का प्लान बनाने को भी कहा। पढ़ें पूरी खबर
‘झुग्गी वाले अपने मकान किराए पर दे देते हैं’:भोपाल को झुग्गीमुक्त करने के मुद्दे पर बोलीं महापौर
महापौर मालती राय।
‘जिन्हें मकान मिल गए हैं, वे अपने वहां शिफ्ट हो जाएंगे तो आधे से ज्यादा झुग्गियां तो वैसे ही मुक्त हो जाएंगी। देखने में आता है कि झुग्गी वाले लोगों को मकान तो मिल जाते हैं, लेकिन वे किराए पर दे देते हैं। फिर अन्य जगह पर झुग्गी पर रहने लगते हैं।’ भोपाल के स्मार्ट सिटी ऑफिस में महापौर हेल्पलाइन की समीक्षा करने पहुंची महापौर मालती राय ने यह बात कहीं। झुग्गी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का सपना है कि भोपाल में सर्वे कराकर जिस जगह पर झुग्गी बनी है, उस जगह पर पक्के निर्माण करके लोगों को मकानों में शिफ्ट करें। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि भोपाल की जनता पक्के मकानों में रहे। बैठक में बातचीत हुई है। इसका प्लान बना रहे हैं। इसके बाद जल्द ही अमल में लाएंगे। पढ़ें पूरी खबर
भोपाल में 3 साल में 20 इलाकों में नई बस्तियां
एमपी नगर में भी सरकारी जमीन पर बस्तियां हैं।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने भोपाल की भदभदा बस्ती से कुल 384 झुग्गियां हटा दीं। 4 दिन चली कार्रवाई के दौरान सियासत भी खूब गरमाई। दूसरी ओर, राजधानी में अभी भी हजारों ऐसी झुग्गियां हैं, जो सरकारी जमीन पर तान दी गई है। इन अवैध झुग्गियों को हटाने के लिए सिर्फ कागजों में ही कवायदें हो रही हैं, जमीन पर कुछ नहीं। यही कारण है कि पिछले 3 साल में 20 इलाकों में नई बस्ती डेवलप हो गई।आरिफ नगर में तो 500 से ज्यादा झुग्गियां बन गई हैं। डीआईजी बंगला चौराहे से करोंद चौराहे की ओर जाने वाले रास्ते पर रेलवे ओवरब्रिज की शुरुआत पर ही झुग्गियां नजर आती हैं। यही तस्वीर बाकी जगहों पर भी देखने को मिली। दैनिक भास्कर टीम ऐसे चार स्थानों पर घूमी, जहां पर पिछले कुछ सालों में अवैध तरीके से झुग्गियां बना दी गई। पढ़े पूरी खबर
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