भोपाल और आसपास सैफ अली खान के परिवार की एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की जायदाद है।
बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर मुंबई में हुए हमले के बाद भोपाल में उनकी सलामती के लिए दुआ हो रही है। सैफ को मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट हैं। 5 डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है।
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भोपाल में कोहेफिजा स्थित अहमदाबाद पैलेस के पास फ्लैग स्टाफ हाउस उनके परिवार की प्रॉपर्टी है। यहां आसपास लोग दुखी नजर आए।
2011 में मंसूर अली खां पटौदी की मौत के बाद सैफ को भोपाल नवाब का टाइटल मिला था। लोगों ने बताया कि सैफ और करीना ढाई साल पहले भी यहां आए थे। पटौदी परिवार के पास भोपाल और आसपास एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की जायदाद है। कई प्रॉपर्टी का विवाद कोर्ट में भी चल रहा है।
भोपाल का फ्लैग स्टाफ हाउस, जहां सैफ का बचपन बीता। सैफ और करीना ढाई साल पहले भी यहां आए थे।
भोपाल नवाब हमीदुल्लाह खां के जमाई थे सैफ के दादा सैफ के दादा इफ्तिखार अली खान पटौदी ने भोपाल नवाब हमीदुल्लाह खां की बेटी साजिदा सुल्तान से निकाह किया था। मंसूर अली खां पटौदी साजिदा और इफ्तिखार के बेटे थे, जो बाद में भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन बने। सैफ, मंसूर अली खां और शर्मिला टैगोर के बेटे हैं।
सैफ के दादा इफ्तिखार अली खान पटौदी और दादी साजिदा सुल्तान के साथ पिता मंसूर अली खान पटौदी की बचपन की तस्वीर (दाएं से दूसरे)।
चौथी क्लास तक बाल भवन स्कूल में पढ़े दैनिक भास्कर ने भोपाल में सैफ के पैतृक आवास के आसपास लोगों से बात की। बचपन में सैफ अली खान के साथ खेलने वाले आबिद खान ने बताया कि पटौदी परिवार के यहां के लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध रहे हैं। फ्लैग स्टाफ हाउस में ही सैफ अली का बचपन बीता।
वे फोर्थ क्लास तक यहीं बाल भवन स्कूल में पढ़े। बचपन में हम उनके साथ क्रिकेट खेला करते थे। हमें नवाब परिवार के लोग खेलने बुलाया करते थे। इसके बाद वे मुंबई चले गए।
आबिद कहते हैं कि हम अभी भी सैफ को ही भोपाल का नवाब मानते हैं। 2011 में मंसूर अली खां की मौत के बाद सैफ को पगड़ी पहनाई गई थी।
बेहतरी की दुआएं मांग रहे परिचित और पड़ोसी अहमदाबाद पैलेस के पास रहने वाले मोहम्मद खालिद कहते हैं कि सैफ पर हमले के बाद हमारा पटौदी परिवार से संपर्क नहीं हो सका है। मोहम्मद सैफ अली खान की प्रॉपर्टी के सामने वाले मकान में ही रहते हैं। खालिद बताते हैं कि हमें मीडिया से खबरें मिल रही हैं।
हम चाहते हैं कि वो जल्द से जल्द ठीक हों। सैफ की प्रॉपर्टी के पड़ोस में रहने वाले इरशाद कहते हैं कि यहां पर लोग उनकी बेहतरी के लिए दुआएं कर रहे हैं। अल्लाह उन्हें जल्द से जल्द स्वस्थ करें। भोपाल से पटौदी परिवार का पुराना लगाव रहा है। वो जब भी यहां आते हैं, आस-पास के लोगों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जरूर पूछते हैं।
2020 में बुआ के निधन पर भोपाल आए थे सैफ सैफिया कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर अशहर किदवई बताते हैं कि 2020 में सैफ अपनी बुआ सालेहा सुल्तान के निधन पर भोपाल आए थे। इससे पहले भी वे लगातार भोपाल आते रहे हैं। किदवई कहते हैं कि 2011 में मंसूर अली खां पटौदी की मृत्यु के बाद सैफ को भोपाल नवाब का टाइटल मिला था।
किदवई कहते हैं कि लोकतंत्र में नवाब की पदवी का कोई अर्थ नहीं है लेकिन परंपरा के मुताबिक सैफ को ही नवाब का टाइटल मिला है। बाकायदा इसकी पगड़ी रस्म हुई है। अब वही नवाब परिवार के प्रमुख वारिस हैं।
मंसूर अली खान पटौदी के निधन के बाद सैफ अली खान की पगड़ी रस्म हुई थी। उनको नवाब का टाइटल मिला।
सैफ कैसे बने भोपाल के नवाब प्रोफेसर किदवई बताते हैं कि नवाब हमीदुल्लाह की 3 बेटियां थीं। सबसे बड़ी आबिदा, दूसरी साजिदा और तीसरी राबिया। आबिदा सुल्तान ने 1950 में भारत छोड़कर पाकिस्तान की नागरिकता ले ली थी। वे अपने पिता हमीदुल्लाह की हरकतों से नाराज थीं। 1960 में उनके पिता नवाब हमीदुल्लाह खान का निधन हुआ, तब वे भोपाल में ही मौजूद थीं।
आबिदा सुल्तान को लगा कि अगर वे पाकिस्तान की नागरिकता छोड़कर भोपाल में बसना चाहती हैं तो उन्हें शाही खानदान का नवाब बनाया जाएगा। पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान ने भी भोपाल में बसने की सलाह दी लेकिन उन्होंने भोपाल नवाब का पद ठुकरा दिया।
दूसरी बेटी साजिदा का निकाह हरियाणा के पटौदी के नवाब इफ्तिकार अली खान से हुआ था। इफ्तिकार के बेटे मंसूर अली खान पटौदी थे। मंसूर के बेटे सैफ अली खान हैं। नवाब हमीदुल्लाह के निधन के बाद साजिदा सुल्तान के पति इफ्तिखार अली खान पटौदी भोपाल के नवाब बने।
सैफ के दादा इफ्तिखार अली खान पटौदी इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं। उनके पिता और इफ्तिखार अली खान के बेटे मंसूर अली खान भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके हैं।
नवाब की संपत्ति को केंद्र ने शत्रु संपत्ति माना केंद्र सरकार ने 25 फरवरी 2015 को शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत राजस्व विभाग को पटौदी परिवार की संपत्ति राजसात करने का आदेश दिया था। नवाब मंसूर अली खान पटौदी के बेटे सैफ अली खान पटौदी ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
याचिका में कहा गया है कि भोपाल रियासत के नवाब हमीदुल्लाह की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान पाकिस्तान चली गई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति ने 1960 में अधिसूचना जारी कर भोपाल नवाब की दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान को संपत्ति का वारिस घोषित किया था। साजिदा के बेटे और किक्रेटर नवाब मंसूर अली खान पटौदी उनके वारिस हुए।
वहीं, केंद्र सरकार का कहना है कि नवाब हमीदुल्लाह खां की वैधानिक उत्तराधिकारी आबिदा सुल्तान हैं, जो पाकिस्तान चली गई थीं। इसलिए शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत उनकी संपत्ति को राजसात करने का अधिकार उसे है।
2019 में कोर्ट ने सैफ की दादी साजिदा सुल्तान को भोपाल की संपत्ति का वैध वारिस मान लिया था।
शरीयत कानून के तहत आबिदा सुल्तान के बेटे ने संपत्ति पर दावा किया शरीयत कानून के तहत बंटवारे में सैफ अली खान के दादा इफ्तिखार अली खान के बड़े भाई नवाब मोहम्मद सरवर अली खान को वारिस माना गया। लेकिन सैफ की मां शर्मिला टैगोर ने इस फैसले को अदालत में चुनौती दी।
शर्मिला टैगोर ने कोर्ट में तर्क दिया कि सरवर की मां आबिदा सुल्तान 1947 के बंटवारे के बाद पाकिस्तान चली गई थीं और भोपाल नवाब की मौत भारत में हुई थी, इसलिए शरीयत के आधार पर उनका भारत की संपत्ति पर कोई दावा नहीं बनता।
इसके बाद साल 2019 में कोर्ट ने फैसला सुनाया कि सैफ की दादी साजिदा सुल्तान ही भोपाल की संपत्ति की वैध वारिस हैं। सैफ की बड़ी बहन, सबा अली, औकाफ-ए-शाही ट्रस्ट की प्रमुख ट्रस्टी हैं, जो इन विवादों को सुलझाती हैं। इसके लिए वे समय-समय पर भोपाल आती हैं और ट्रस्ट की बैठकों में भाग लेती हैं।
सैफ की बड़ी बहन सबा अली खान औकाफ-ए-शाही ट्रस्ट की प्रमुख ट्रस्टी हैं।
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घर में घुसकर सैफ अली खान पर जानलेवा हमला
बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर हमला करने वाले संदिग्ध शख्स की पहली तस्वीर सामने आई है। वह रात ढाई बजे छठी फ्लोर पर नीचे उतरता दिखा। मुंबई पुलिस के DCP गेदाम दीक्षित ने बताया कि हमलावर सीढ़ियों से अपार्टमेंट में दाखिल हुआ और हमले के बाद सीढ़ियों से ही भागा। पढ़ें पूरी खबर…
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2025-01-17 00:28:10
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