महाकाल मंदिर आने वाले भक्त भी घने कोहरे के बीच दर्शन के लिए पहुंचे।
नववर्ष के पहले दिन घने कोहरे ने उज्जैन वासियों का स्वागत किया। सुबह से ही घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी 100 मीटर से भी कम रही। जिससे गाड़ी चलाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। दोपहर 11 बजे तक शहर घने कोहरे की चादर में लिपटा रहा।
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पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी और बुधवार सुबह से छाए घने कोहरे के कारण ठंड भी अपनी पूरी तरह से असर दिखाती रही। 31 फर्स्ट की रात का तापमान 13.5 डिग्री था, जबकि मंगलवार को बर्फीली हवाओं ने ठंड को और बढ़ा दिया था। 29 दिसंबर को उज्जैन का अधिकतम तापमान 19.2 डिग्री था, जबकि 31 दिसंबर को दोपहर में तापमान 5 डिग्री बढ़कर 24.5 डिग्री पर पहुंच गया था।
उज्जैन में सुबह से ही घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी 100 मीटर से भी कम रही।
नववर्ष के पहले दिन, शहर में घने कोहरे ने सुबह सैर करने वालों और कामकाजी लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी। महाकाल मंदिर आने वाले भक्त भी घने कोहरे के बीच दर्शन के लिए पहुंचे।
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