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24 अरब किलोमीटर दूर से आई खुशखबरी! 6 महीनों से ‘चुप’ वोयाजर 1 स्‍पेसक्राफ्ट हुआ ठीक

Voyager 1 spacecraft News : लगभग 24 अरब किलोमीटर दूर से वैज्ञानिकों को बड़ी खुशखबरी मिली है। पिछले साल नवंबर से ‘चुप’ बैठा नासा (Nasa) का वोयाजर 1 स्‍पेसक्राफ्ट (Voyager 1) पूरी तरह से ठीक हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, स्‍पेसक्राफ्ट के सभी चार साइंस इंस्‍ट्रूमेंट पृथ्‍वी पर जरूरी डेटा भेजने लगे हैं। नवंबर 2023 में स्‍पेसक्राफ्ट ने पृथ्‍वी पर पढ़ने लायक डेटा भेजना बंद कर दिया था। नासा की जेट प्रोपल्‍शन लेबोरेटरी (Nasa JPL) को इसकी जांच सौंपी गई। टीम ने एक खराब चिप का पता लगाया जो अभियान को बाधा पहुंचा रही थी।    

Voyager 1 से वैज्ञानिकों को जो डेटा मिलता है, वो बाइनरी कोड यानी 0 और 1 में होता है। स्‍पेसक्राफ्ट में दिक्‍कत आई तो उसने अस्‍पष्‍ट डेटा भेजना शुरू कर दिया। वैज्ञानिक ऐसी स्थिति का अनुमान लगा रहे थे, क्‍योंकि स्‍पेसक्राफ्ट 46 साल पुराना हो गया है।   

अप्रैल में वैज्ञानिकों को कामयाबी मिली, जब इसने पढ़ने लायक डेटा फ‍िर से पृथ्‍वी पर भेजना शुरू कर दिया। हालांकि तब भी इसके 2 साइंस इंस्‍ट्रूमेंट ही ठीक काम कर पा रहे थे। अब पता चला है कि Voyager 1 के सभी चार साइंस इंस्‍ट्रूमेंट ठीक तरीके से काम कर रहे हैं। 

परेशानी को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने कोडिंग का इस्‍तेमाल किया। वोयाजर स्‍पेसक्राफ्ट को साल 1977 में लॉन्‍च किया गया था। पृथ्‍वी से 24 अरब किलोमीटर दूर होने की वजह से इसका संदेश पृथ्‍वी पर काफी देर से पहुंचता है। पृथ्‍वी से जब भी कोई मैसेज वोयाजर 1 को भेजा जाता है, तो उसे स्‍पेसक्राफ्ट तक पहुंचने में 22.5 घंटे का लग जाते हैं।

वोयाजर 1 की सफलता के बाद वैज्ञानिकों ने साल 2018 में Voyager 2 स्‍पेसक्राफ्ट को लॉन्‍च किया था। दोनों स्‍पेसक्राफ्ट अपने साथ ‘गोल्डन रिकॉर्ड्स’ ले गए हैं। यह 12 इंच की सोने की परत वाली तांबे की एक डिस्क है, जिसका मकसद हमारी दुनिया यानी पृथ्‍वी की कहानी को अलौकिक दुनिया (extraterrestrials) तक पहुंचाना है। वोयाजर 1 और 2 स्‍पेसक्राफ्ट का मकसद बृहस्‍पति और शनि ग्रह के सिस्‍टमों को स्‍टडी करना है। 
 

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2024-06-17 07:01:30
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