जवान का शव खून से लथपथ मिला। पास में ही पत्नी का शव भी पड़ा था।
भोपाल के बंगरसिया इलाके में सीआरपीएफ जवान रविकांत वर्मा ने बुधवार-गुरुवार दरमियानी रात 1:30 बजे गोली मारकर पत्नी रेनू वर्मा की हत्या कर दी। उसने पत्नी को तीन गोलियां मारी। पुलिस कंट्रोल रूम और डायल 100 पर कॉल कर हत्या करने की जानकारी दी। इसके बाद खुद
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पुलिस मौके पर पहुंची तो जवान का शव खून से लथपथ मिला। पास में ही पत्नी का शव भी पड़ा था। इसके बाद पुलिस ने दोनों बॉडी को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। घटनास्थल की जांच के दौरान पुलिस को पास ही पड़ी सर्विस इंसास राइफल और आठ कारतूस मिले।
सीआरपीएफ जवान ने पहले पत्नी को गोली मारी फिर खुद जान दे दी।
रेनू और रविकांत किराए के मकान में रहते थे। मकान मालकिन प्रीति मिश्रा ने दैनिक भास्कर से बातचीत में घटना की रात का आंखों देखा हाल बयां किया। हादसे के बाद वह भी सदमे में है। अपने घर में ताला लगाने के बाद पास में रहने वाली मां के घर रह रही हैं।
पढ़िए प्रीति मिश्रा की जुबानी घटना की पूरी कहानी.. प्रीति ने बताया- ‘बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात करीब डेढ़ बज रहे थे। अचानक फायरिंग की आवाज सुनाई देने लगी। मेरी डेढ़ साल की मासूम बेटी बुखार में थी। आवाज सुनते ही रोने लगी। मेरे पति अरुणाचल प्रदेश में आर्मी में पदस्थ हैं। मैं घर में अकेली महिला हूं। किराएदार के घर से कभी कोई विवाद की आवाजें नहीं सुनाई दीं। ऐसा लगा ही नहीं कि रविकांत भैया कभी भाभी को गोली मार सकते हैं।’
रविकांत बोला- मैंने मैडम को गोली मार दी प्रीति ने कहा- ‘मुझे लगा कि कोई चोरी की नीयत से घर में घुसकर किसी भारी चीज से गेट तोड़ने का तो प्रयास नहीं कर रहा है। मैंने खिड़की से बाहर झांका। हिम्मत कर यहां-वहां देखा और जोर से आवाज दी। कोई जवाब नहीं मिला।’
रविकांत भैया (किराएदार) को कॉल कर पूछा क्या आप घर आ गए हो, जवाब मिला हां और मैंने मैडम (पत्नी) को गोली मार दी। मैंने पूछा क्यों गोली मार दी, बिना कोई जवाब दिए उन्होंने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।
रेनू और रविकांत की मकान मालकिन प्रीति मिश्रा ने दैनिक भास्कर से बातचीत में घटना की रात का आंखों देखा हाल बयान किया
प्रीति ने बताया- ‘मैं और ज्यादा डर चुकी थी, तत्काल कांपती आवाज से पास में रहने वाली मां और भाई को कॉल किया। उन्हें तत्काल घर आने को कहा, बताया कि रविकांत भैया ने रेनू भाभी को गोली मार दी। पास में रहने वाले अंकल को भी मदद के लिए बुलाया। वह भी सीआरपीएफ से रिटायर्ड हैं।’
‘भाई अन्य पड़ोसियों को लेकर घर पहुंचा। रविकांत के पोर्शन का मेन गेट अंदर से लॉक था। गेट तोड़ने का प्रयास किया। नहीं टूटा, पुलिस को कॉल करते रहे। डायल 100 पर कॉल करने पर डिटेल लेने में करीब दस मिनट का समय लगा दिया। 108 को कॉल किया तो वह भी डिटेल नोट करने के बाद पता ही पूछते रहे और आते-आते आधा घंटा लगा दिया।’
खून से लथपथ रेनू की सांसें चल रही थीं मकान मालकिन ने बताया कि ‘पुलिस आई तब किसी तरह से गेट खोला। अंदर खून से लथपथ रेनू की सांसें चल रही थीं। उसने कराहती हुई आवाज में कहा, मुझे बचा लो। उसको तीन गोलियां लगी थीं। प्रीति ने बताया-
हॉल के पास बना बैडरूम बाहर से लॉक था। मैंने तत्काल बच्चों की तलाश में गेट खोला। जो नजारा देखा उससे मन भर आया। 6 साल के भाई से लिपटी हुई ढाई साल की बहन जमीन पर लेटी थी। दोनों डर से कांप रहे थे।’
एक किलोमीटर दूर रहने वाले रेनू के जेठ और जेठानी को सूचना दी। उनके आने पर दोनों बच्चों को पुलिस ने उन्हें सौंप दिया।
अक्टूबर-2024 में घर में किराए से रहने आए थे प्रीति ने बताया- ‘भैया को हमने कभी किसी गलत काम में नहीं देखा। रेनू ने भी कभी कोई खास परेशानी का जिक्र नहीं किया। बस बातचीत में इस बात का जिक्र जरूर करती थी कि पति का अधिक झुकाव उनके बड़े भाई के परिवार के लिए है। मेरी वह कम ही सुनते हैं। उसने कभी नहीं बताया कि पूर्व में रविकांत भैया और उनके परिवार पर कोई केस दर्ज कराया था।
रेनू हंसमुख थी। कॉलोनी के अन्य परिवारों से भी कम समय में घुल मिल गई थी। रविकांत-रेनू अक्टूबर-2024 में हमारे घर किराए से रहने आए थे।
घर के ग्राउंड फ्लोर पर रहता था रविकांत।
मायके को ज्यादा तवज्जो देने को लेकर विवाद पुलिस को दिए बयानों में पता चला है कि सीआरपीएफ जवान रविकांत और रेनू की शादी साल 2015 में शादी हुई थी। पत्नी रेनू मायके पक्ष से फोन पर ज्यादा बातचीत करती थी। जवान को लगता था कि पत्नी ससुराल से ज्यादा मायके पक्ष को तवज्जो देती है। उससे और बच्चों से ज्यादा फोन पर बातचीत में समय बिताती है। इसी वजह से दोनों के बीच आए दिन विवाद होते थे।
पुलिस का मानना है कि दोनों के बीच हुआ विवाद देर रात तक चला, इसके बाद जवान ने यह कदम उठाया है। वहीं रेनू के मायके वालों का आरोप है कि रविकांत दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करता था। दहेज की मांग को लेकर विवाद करता था। उसका ध्यान नहीं रखता था और बड़े भाई के परिवार को अधिक तवज्जो देता था।
वहीं मृतक जवान के बड़े भाई राम कुमार ने बताया कि दोनों में कोई विवाद नहीं था। बुधवार को करीब 2 बजे ही दोनों भाई मिले थे। तब तक रवि ने किसी विवाद के बारे में चर्चा नहीं की थी।
पुलिस पहुंची तो पति-पत्नी के लहूलुहान शव मिले टीआई मनीष राज सिंह भदौरिया ने बताया कि रात करीब 1:30 बजे रविकांत ने कॉल कर बताया कि मैंने अपनी पत्नी को गोली मार दी है। फिलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि दोनों को कितनी गोली लगी है। पत्नी की बॉडी में पीठ और पसली पर दो घाव साफ दिखाई दे रहे हैं। दोनों बॉडी का पीएम एम्स में कराया जा रहा है।
रविकांत वर्मा (35) और पत्नी रेनू वर्मा (32) सीआरपीएफ कैंप के पास सिविल कॉलोनी में रहते थे। ये लोग मूल रूप से भिंड के मिहोना के रहने वाले थे। जानकारी के मुताबिक इनके दो बच्चे ढाई साल की बेटी और 6 साल का बेटा है। रविकांत के दो अन्य भाई भी सीआरपीएफ में ही नौकरी करते हैं। रवि 13 साल पहले सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था।
यूपी में पदस्थ था भाई, छुट्टी लेकर आया था रविकांत 2010 में CRPF में भर्ती हुआ था। भोपाल में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात था। रवि पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा था। घटना के समय ऑन ड्यूटी था। एक भाई CRPF से रिटायर्ड है। उसका मंझला भाई नीरज भी CRPF में यूपी के रामपुर में ही पदस्थ है। फिलहाल छुट्टी लेकर भोपाल आया था। उसका घर रवि के घर के पास ही है। पत्नी रेनू ग्वालियर के मुरार की रहने वाली थी। रेनू के पिता बीएसएफ से रिटायर्ड एसआई हैं। रविकांत के पिता खेती-किसानी करते थे।
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भोपाल के बंगरसिया स्थित कॉलोनी में रहने वाले सीआरपीएफ जवान ने बुधवार-गुरुवार दरमियानी रात 1:30 बजे गोली मारकर पत्नी की हत्या कर दी। उसने पत्नी को दो से ज्यादा गोलियां मारी। इसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम और डायल 100 में खुद कॉल कर हत्या करने की जानकारी दी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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