तीन दिन से चल रही गिद्धों की गणना बुधवार को भी जारी रही। तीन दिन में उन्हीं स्थानों पर गिद्ध मिले, जहां सोमवार और मंगलवार को देखे गए थे। तीन दिन में कुल 270 गिद्ध गिने गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या किला तलहटी में रही। शहर में ऊंचे-ऊंचे पेड़ अब कम ह
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लगभग 300 फीट ऊंची इस पहाड़ी की तलहटी में 30 गिद्ध मिले। यहां 9 गिद्धों के घोंसले भी मिले। वहीं घाटीगांव उत्तर, घाटीगांव दक्षिण, तिघरा, तिघरा गेम रेंज में भी इनकी अच्छी खासी संख्या देखी गई। यह स्थान गिद्धों के लिए अनुकूल है। एसडीओ मनोज जाटव के मुताबिक सिटी एरिया में ऊंचाई वाले वृक्ष कम हो गए हैं। गिद्ध खासतौर पर ऊंचे स्थान पर अपना घोंसला बनाता है, ताकि वह पूरे क्षेत्र पर नजर रख सके। इसलिए उन्होंने खासतौर पर किला तलहटी पर अपना ठिकाना बनाया हे।
इसलिए जरूरी गिद्ध: गिद्ध गंदगी दूर करने वाला पक्षी है। यदि प्रकृति में यह सफाईकर्मी पक्षी न हो तो मृत अवशेष से वातावरण दूषित हो जाएगा। गिद्ध प्रकृति के अपशिष्टों को नष्ट करने वाले होते हैं। गिद्ध की खानपान की आदतें पारिस्थितिकी तंत्र या ईको सिस्टम के लिए जरूरी हैं।
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