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3KM तक सुनाई दी ब्लास्ट की आवाज, मोहल्ला हिल गया: मुरैना में पीड़ित बोले-धमाके ने सब छीन लिया; कहां रहें, क्या खाएं – Morena News

मुरैना के इस्लामपुरा में शनिवार दोपहर करीब 12 बजे दो मंजिला मकान में ब्लास्ट हुआ। इसके साथ आसपास के 4 मकान भी धराशाई हो गए। 300 मीटर के दायरे में मलबे के टुकड़े गिरे। ब्लास्ट में मां-बेटी की मौत हो गई जबकि एक अन्य महिला घायल हुई है। इस हादसे ने चार प

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कोरोना में पति की मौत हो गई थी। परिवार चलाने के लिए टेंट का काम करते थे। वह भी बर्बाद हो गया। मकान मलबे के ढेर में बदल चुका है। पड़ोसी के घर की गैलरी में दिन-रात गुजार रहे हैं।

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धनवंतरी राठौर को बेटियां दिलासा देने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन वे भी समझती हैं कि झूठे दिलासे से कब तक काम चलेगा। हकीकत को तो झुठलाया नहीं जा सकता। ब्लास्ट के चलते इन परिवारों के सामने रहने-खाने का संकट खड़ा हो गया है।

ब्लास्ट में इस्लामपुरा के चार मकान पूरी तरह ढह गए।

ब्लास्ट में इस्लामपुरा के चार मकान पूरी तरह ढह गए।

मलबे में दब गए मां-बेटी, बचाया नहीं जा सका जिस मकान में विस्फोट हुआ, वह गजराज सिंह राठौड़ के नाम पर है। तीन साल पहले गजराज ने जमील को दस हजार रुपए प्रति महीने पर मकान किराए पर दिया था। वह पिज्जा का ठेला लगाता है। ब्लास्ट के समय घर में नहीं था। किचन में खाना बना रही पत्नी अंजुम बेगम (35) और बेटी साहिबा बानो (17) मलबे में दब गए। दो बेटे अरबाज (12) और आर्य (10) स्कूल गए थे। मां-बेटी की मौत हो गई।

लोगों को लगा कि दोनों भाई भी मलबे में दबे हैं, लेकिन शाम को वे लौट आए। दोनों अभी भिंड जिले में मामा के घर हैं।

प्रभावित परिवार बची-खुची गृहस्थी मलबे से निकालने में जुटे हैं।

प्रभावित परिवार बची-खुची गृहस्थी मलबे से निकालने में जुटे हैं।

घर में दो पेटी से ज्यादा बारूद रखा था जमील को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पूछताछ में उसने बताया- किचन में दो एलपीजी सिलेंडर रखे थे। एक भरा और दूसरा आधा खाली था। हमारे एक रिश्तेदार के पास पटाखा बनाने का लाइसेंस है। वह दिवाली पर पटाखा बनाने का काम करता है। घर में दो पेटी बारूद रखी थी। कुछ बारूद पिछले साल की बची थी।

स्थानीय लोगों ने भी जमील के घर में पटाखे बनाने की बात कही है।

धनवंतरी बोली-ब्लास्ट ने सब छीन लिया धनवंतरी राठौर ने कहा, ‘मकान में रखा टेंट का सामान पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। तीन मंजिला मकान पूरी तरह टूट चुका है। इस हादसे ने हमारा सब कुछ छीन लिया। करीब 70 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। पूरा परिवार पड़ोसी की गैलरी में रात-दिन गुजार रहा है।’

धनवंतरी ने बताया कि कोरोना काल में 3 साल पहले पति शिव सिंह राठौड़ की मौत हो चुकी है। बड़ा बेटा वासुदेव राठौर (22) और छोटा बेटा रोहित (17) पिता के काम को ही संभालते थे। आज की स्थिति में न तो उनके पास रोजगार बचा और न ही रहने के लिए मकान। चार बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है।

विकेश ने कहा-दोनों बच्चे बाल-बाल बच गए जमील जिस मकान में रहता था, उसके ठीक पीछे धर्मेंद्र गुर्जर का मकान था। इस हादसे में धर्मेंद्र और उसके छोटे भाई का परिवार भी बाल-बाल बचा है। धर्मेंद्र के भाई की पत्नी विकेश ने बताया कि जब हादसा हुआ तो वह अपने 3 महीने के बच्चे को लेकर पीछे के कमरे में मौजूद थी। जैसे ही धमाका हुआ, वह बच्चे को कमरे में छोड़कर एकदम बाहर निकल आई।

बाद में उसे ध्यान आया कि उसका बच्चा वहीं पर रह गया तो वह वापस गई और उसे कमरे में से निकाल लाई। उसका दूसरा बेटा कृष्णा बगल वाले कमरे में खाना खा रहा था। धमाके के वक्त वह भी बाहर निकलकर आ गया। अगर समय रहते बाहर नहीं निकलते तो कुछ भी हो सकता था।

धर्मेंद्र गुर्जर का कहना है कि मकान के पीछे के दोनों कमरे पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं। पूरा मकान तोड़कर दोबारा बनवाना पड़ेगा, तब कहीं रहने लायक होगा।

रामनिवास ने कहा- घर में जाने से भी डर लग रहा धर्मेंद्र गुर्जर के बगल में ही बना रामनिवास वर्मा का मकान भी टूट गया है। पीछे के कमरे पूरी तरह दरक गए। उनमें बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। रामनिवास ने कहा- डर लग रहा है कि पता नहीं कब, पीछे वाले मकान की छत हमारे मकान के ऊपर गिर जाए और पूरा परिवार दब जाए।

रामनिवास शिवहरे बोले- यह अकेला सिलेंडर ब्लास्ट नहीं जमील के बगल वाला मकान रामनिवास शिवहरे का है। उन्होंने कहा, ‘किसी भी सूरत में यह अकेला सिलेंडर का ब्लास्ट नहीं है।’

उन्होंने अपने मकान को अंदर से दिखाते हुए बताया कि कमरे दरक चुके हैं। धमाका इतनी तेज था कि मकान के आंगन में पड़ी सीमेंट की टीन टूटकर नीचे आ गई।

तीन किमी दूर तक सुनाई दी धमाके की आवाज इस्लामपुरा में रहने वाले दीपक राठौर ने बताया कि जिस वक्त धमाका हुआ, वे खाना खा रहे थे। धमाका इतना तेज था कि उनके हाथ से रोटी छूट गई। इसकी आवाज 3 किलोमीटर दूर तक लोगों को सुनाई दी है।

उन्होंने कहा- यह धमाका अकेले सिलेंडर का नहीं है। यह धमाका ऐसा है, जैसे कोई बम का गोला फटा हो। वहां निश्चित रूप से विस्फोटक रखा था, जिसकी वजह से धमाका हुआ।

90 साल के गंगाराम बोले-धमाके से पूरा मोहल्ला हिल गया इस्लामपुरा में ही रहने वाले गंगाराम राठौर ने बताया कि इतनी तेज धमाका अपनी पूरी 90 साल की उम्र में नहीं सुना। पूरा मोहल्ला हिल गया। लोग यह कह रहे थे कि भूकंप आ गया। उनका कहना है कि यह धमाका बारूद का ही है।

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दो मंजिला मकान में विस्फोट, घर में पटाखे बनाने के लिए रखा था बारूद

मुरैना में एक मकान में विस्फोट हो गया। धमाका इतना तेज था कि मकान भरभराकर गिर गया। आसपास के मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। मलबे में मां और बेटी दब गई। जिसे बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। बताया जा रहा है कि यहां दीपावली के लिए पटाखे बनाने का काम होता था। पटाखे बनाने के लिए रखे बारूद में विस्फोट से यह हादसा हो गया। पढ़ें पूरी खबर

20 घंटे बाद निकाल पाए मां-बेटी के शव:मुरैना में ब्लास्ट के बाद 300 मीटर दूर गिरे मलबे के टुकड़े

मुरैना में घर हुए ब्लास्ट के 20 घंटे बाद मां-बेटी के शव मलबे से निकाले गए। रविवार सुबह करीब 8 बजे शव मिले। दो जेसीबी की मदद से रेस्क्यू टीम पूरी रात मलबा हटाने में जुटी रही। इस्लामपुरा में शनिवार दोपहर करीब 12 बजे 2 मंजिला मकान में ब्लास्ट हुआ। आसपास के 4 मकान धराशाई हो गए। करीब 300 मीटर के दायरे में मलबे के टुकड़े गिरे। पढ़ें पूरी खबर

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