परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा केस की जांच चार-चार एजेंसियां कर रही हैं। ईडी मनी ट्रेल और प्रॉपर्टी के दस्तावेज, तो इनकम टैक्स सौरभ के दोस्त चेतन की गाड़ी से मिले 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए की जांच कर रही है।
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लोकायुक्त आय से ज्यादा संपत्ति की जांच, तो डीआरआई इस बात की जांच कर रही है कि जो सोना मिला है वो लीगल तरीके से लिया गया है या नहीं। अब काली कमाई को कॉलोनी बनाने में खपाए जाने का कनेक्शन भी जांच एजेंसियों को मिला है। एजेंसियों को सौरभ शर्मा की ही तलाश है क्योंकि सारे लिंक उसी से जुड़े हैं।
सौरभ शर्मा पत्नी के साथ दुबई में है। भोपाल जिला कोर्ट से उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। ऐसे में आगे क्या हो सकता है? वो कितने दिन तक दुबई में रह सकता है? क्या उसे हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत का लाभ मिल सकता है? क्या उसकी प्रॉपर्टी अटैच हो सकती है?
इन्हीं सवालों पर हमने ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर, जांच एजेंसियों के विशेष लोक अभियोजक सुनील श्रीवास्तव और एडवोकेट रवि पाटीदार से बात की। संडे स्टोरी में पढ़िए कैसे हर जांच का कनेक्शन सौरभ से जुड़ा है और आगे क्या–क्या संभावनाएं हैं…
7 पॉइंट्स में जानिए जांच एजेंसियां सौरभ के कौन-कौन से कनेक्शन की जांच कर रहीं
1.फार्म हाउस का सौरभ से कनेक्शन 19 दिसंबर को इनकम टैक्स ने 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नकद वाली गाड़ी जिस फार्म हाउस से जब्त की है, उसका भी सीधा कनेक्शन सौरभ से जुड़ रहा है। दरअसल, मेंडोरी में ये फार्म हाउस सौरभ की मौसी के दामाद विनय आसवानी का है। विनय ग्वालियर का ही रहने वाला है।
सौरभ की मां उमा 3 बहनें हैं। उमा, सुषमा और रमा। तीनों बहनों का परिवार ग्वालियर में रहता है। विनय सौरभ की मौसी सुषमा का दामाद है। सूत्रों का कहना है कि विनय को ये फार्म हाउस खरीदने में सौरभ ने ही मदद की है। भास्कर को फार्म हाउस के आसपास के लोगों ने बताया था कि कुछ समय पहले ही ये खरीदा गया है।
अब जांच एजेंसियां विनय से भी पूछताछ करेगी कि उसके नाम से सौरभ ने कितनी प्रॉपर्टी खरीदी? क्या उसे इस बात की जानकारी थी कि सोना और कैश से भरी गाड़ी फार्म हाउस पर है?
19 दिसंबर को इनकम टैक्स ने मेंडोरा के फार्म हाउस से गाड़ी जब्त की जिसमें 54 किलों सोना और 11 करोड़ कैश बरामद हुआ था।
2. कार का सौरभ से कनेक्शन
इनकम टैक्स ने जिस कार से 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए बरामद किए वो कार सौरभ के दोस्त चेतन गौर की है। जिस दिन लोकायुक्त ने छापा मारा था उसी दिन सौरभ के घर के सामने दोपहर 2 बजे ये कार गुजरी थी। अब कहा जा रहा है कि सौरभ ने ही दुबई में बैठकर इस कार के जरिए सोना और नकदी अपने जीजा के फार्म हाउस पर पहुंचाया था।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद ये सवाल भी उठे कि जब लोकायुक्त की कार्रवाई चल रही थी तो ये कार कैसे निकल गई? लोकायुक्त पुलिस ने तर्क दिया कि कार के बारे में उन्हें कुछ नहीं मालूम। इनकम टैक्स ने जब चेतन से इस कार को लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि सौरभ ने उसके नाम पर कार ली है, लेकिन कार उसकी नहीं है।
भास्कर ने इस कार को लेकर सौरभ की मां उमा शर्मा से पूछा तो उन्होंने कहा कि इस कार का इस्तेमाल तो सौरभ का पूरा दफ्तर यानी उसके मिलने जुलने वाले लोग करते थे।
लोकायुक्त छापे के बीच 19 दिसंबर को दोपहर 2 बजे कार सौरभ गुजरी थी।
3.रिश्तेदारों के साथ प्रॉपर्टी में साझेदारी का कनेक्शन
इनकम टैक्स के साथ जब इस मामले में ईडी की एंट्री हुई और जब सौरभ और चेतन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया तो कई और राजदार बेनकाब हुए। सौरभ का साथ देने वालों में उसकी मां, पत्नी, साला, दोस्त चेतन गौर और शरद जायसवाल के साथ जीजा रोहित तिवारी का भी नाम सामने आया।
जांच एजेंसी को पता चला कि सौरभ ने भोपाल समेत कई शहरों में जीजा के साथ साझेदारी में कई प्रॉपर्टी खरीदी। भोपाल में जिस बंगले में सौरभ रह रहा था, वह जीजा के नाम से खरीदा था। 27 दिसंबर को जब ईडी ने नए सिरे से सौरभ के भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर के ठिकानों पर छापा मारा तो प्रॉपर्टी से जुड़े कई और सबूत मिले।
ईडी को सौरभ के मकान से हरे रंग की एक डायरी मिली है। ईडी के सूत्रों के मुताबिक 66 पन्ने की ये डायरी सौरभ की है जिसमें उसके हाथ से लिखे हुए नोट्स हैं। हालांकि, सूत्रों ने ये नहीं बताया कि डायरी में क्या और किसके बारे में लिखा गया है।
27 दिसंबर को ईडी ने सौरभ के भोपाल के तीन ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की।
4.सौरभ के झूठे शपथ पत्र का कनेक्शन
सौरभ को कॉन्स्टेबल की नौकरी पिता डॉ. आर के शर्मा के निधन के बाद अनुकंपा पर मिली थी। इस नौकरी को हासिल करने के लिए उसने झूठा शपथ पत्र पेश किया था। उसने शपथ पत्र में बताया था कि उसका कोई रिश्तेदार सरकारी नौकरी में नहीं है, जबकि उसका बड़ा भाई सचिन छत्तीसगढ़ पीएससी सिलेक्ट होकर सरकारी नौकरी कर रहा था।
सौरभ के ग्वालियर में रहने वाले पड़ोसी बताते हैं कि सौरभ भी सिविल सर्विस की तैयारी कर चुका है। एक बार वह इंटरव्यू तक पहुंचा, लेकिन सिलेक्ट नहीं हो पाया। उसकी मां उमा शर्मा कांग्रेस की नेता रही हैं। पॉलिटिकल कॉरिडोर में खासी पहचान रखती थी। कांग्रेस के मंत्री उनके नजदीक थे। भोपाल के पावर कॉरिडोर में भी उमा का नाम पहचाना जाता था।
सौरभ फिटनेस ट्रेनर भी रहा और डांसर भी। 2012 में ग्वालियर की डांस कोरियोग्राफर दिव्या से उसकी शादी हो गई। सौरभ और दिव्या ने थंप स्टूडियो नाम से डांस एकेडमी शुरू की। इस एकेडमी ने ग्वालियर में बड़ी–बड़ी सेलिब्रिटी के कार्यक्रम आयोजित करवाए।
ये साल 2016 की फोटो है। मशहूर कोरियोग्राफर टेरेंस लुईस के साथ सौरभ और उसकी पत्नी दिव्या।
5.चेक पोस्ट का कंट्रोल हासिल करने का कनेक्शन
अक्टूबर 2016 में सौरभ ट्रांसपोर्ट कॉन्स्टेबल बना। 2019 तक ग्वालियर में ही पोस्टिंग रही। इसके बाद साल 2020 में एक बार फिर मप्र में सत्ता परिवर्तन हुआ और बीजेपी की सरकार बनी तो उसके पास चेक पोस्ट का कंट्रोल आ गया।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जुलाई 2021 के बाद तो ये हाल हो गए कि सौरभ ही परिवहन विभाग में पोस्टिंग तय करने लगा। चेक पोस्ट उसने अपने लोगों को ठेके पर दे दिए। वहां तैनात इंस्पेक्टर, हेड कॉन्स्टेबल का शेयर उसने एडवांस में तय कर दिया और वसूली का जिम्मा अपने लोगों को दे दिया।
शिकायतें होने लगीं तो जांच से बचने के लिए 2023 में उसने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। वह मंजूर भी हो गया।
6.विदेश यात्राओं का कनेक्शन
लोकायुक्त को छापे में सौरभ के घर से चार देशों की करेंसी मिली है। इससे साफ है कि वह कई बार विदेश यात्राएं कर चुका है। परिवहन विभाग की नौकरी से इस्तीफा देकर सौरभ रियल एस्टेट कारोबारी बन गया था। भोपाल के शाहपुरा में वह जयपुरिया स्कूल की फ्रेंचाइजी लेकर यहां 65 हजार फीट की बिल्डिंग बनवा रहा था।
इसमें करीब 10 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। सौरभ के एक रिश्तेदार कहते हैं कि स्कूल के इंटीरियर डिजाइन के सामान के लिए बीते दिनों वह चीन गया था।
7.कॉलोनी निर्माण में खपाई जा रही नकदी का कनेक्शन
सौरभ और चेतन अर्निवल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए करोड़ों रु. के नकद ट्रांजैक्शन का भी खुलासा हुआ है। देवास के राजेश पांडे को नकद राशि दी गई थी। कंपनी का पता तिरुमाला पैलेस के पास का है। फरवरी से नवंबर 2023 तक 6 ट्रांजैक्शन में करीब सवा सात करोड़ रु. भेजे गए थे।
पांडे को ये रकम देवास और इंदौर में भेजी गई थी। मोबाइल नंबरों की वॉट्सऐप चैटिंग डिटेल है उसमें सौरभ शर्मा के नाम पर 78030***05 है जबकि चेतन के नाम पर 94254***34 मोबाइल नंबर बताया है। सूत्रों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन कंपनी के जरिए नगदी कॉलोनी निर्माण में खपाई जा रही थी।
4 सवालों में जानिए सौरभ के मामले में आगे क्या?
इस मामले में भास्कर ने ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर सत्येंद्र सिंह, जांच एजेंसियों के विशेष लोक अभियोजक सुनील श्रीवास्तव और एडवोकेट रवि पाटीदार से बात की।
1.सौरभ कब तक दुबई में रह सकता है?
एडवोकेट रवि पाटीदार का कहना है कि सौरभ टूरिस्ट वीजा पर दुबई गया है। यूएई में वीजा नियम सरल हैं। वो वहां रहकर वीजा अवधि बढ़ा सकता है।
2.जांच एजेंसियां क्या कर सकती हैं?
ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर सत्येद्र सिंह कहते हैं कि सौरभ यदि समय रहते भारत नहीं लौटा तो ईडी के पास एफएटीएफ(फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) का भी विकल्प है। ये एक ग्लोबल आर्गनाइजेशन है। जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को आर्थिक मदद से निपटने में वैश्विक स्तर पर काम करता है। दुबई भी इसका सदस्य है।
ईडी के पास रेड कॉर्नर नोटिस का भी विकल्प है। ये हुआ तो उसे दुनिया के किसी भी एयरपोर्ट पर पकड़ा जा सकेगा। महादेव सट्टा एप के आरोपियों को भी हाल ही में ईडी ही भारत लेकर आई है।
3.सौरभ के दुबई में ही ठहर जाने की कितनी संभावना है?
सत्येंद्र सिंह कहते हैं कि इस बात की संभावना कम है। सौरभ की मां और दोनों बेटे यहीं हैं। ऐसे में वो खुद यहां आएगा। जांच एजेंसियों को वो चकमा नहीं दे सकता।
4.क्या जांच एजेंसियां उसकी प्रॉपर्टी अटैच कर सकती है?
विशेष लोक अभियोजक सुनील श्रीवास्तव कहते हैं कि ऐसा हो सकता है। यदि सौरभ नहीं लौटा तो पहले तो कोर्ट का कुर्की नोटिस उसके घर में चस्पा किया जाएगा। फिर भी नहीं आया तो उसकी प्रॉपर्टी को अटैच करने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
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