एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने कहा कि एस्टरॉयड के पहले विश्लेषण से पता चला है कि सैंपल में प्रचुर मात्रा में पानी है। उन्होंने बताया कि यह पृथ्वी पर लौटा अब तक का सबसे बड़ा कार्बन युक्त एस्टरॉयड सैंपल है। इसमें खनिज (minerals) और कार्बनिक अणुओं (organic molecules) दोनों के रूप में कार्बन शामिल है।
OSIRIS-REx मिशन ने साल 2020 में बेन्नू एस्टरॉयड से चट्टान और धूल के सैंपल लिए थे। सैंपलों को एक कैप्सूल में लेकर स्पेसक्राफ्ट दो सप्ताह पहले ही पृथ्वी पर लौटा था। ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में इनका विश्लेषण किया जा रहा है।
खास यह है कि OSIRIS-REx मिशन से पहले जापान भी साल 2010 और 2020 में अंतरिक्ष से एस्टरॉयड के सैंपल ला चुका है। हालांकि जापानी मिशन सिर्फ 5.4 ग्राम का सैंपल लाया था, जबकि नासा के मिशन ने 250 ग्राम सैंपल कलेक्ट किया।
बेन्नू एस्टरॉयड को ही क्यों चुना?
यह एस्टरॉयड हर 1.2 साल में सूर्य की परिक्रमा करता है और लगभग हर 6 साल में पृथ्वी के करीब पहुंचता है। 1614 फीट आकार का यह एस्टरॉयड साइज में बड़ा है। नासा के अनुसार, साल 2135 में जब यह एस्टरॉयड पृथ्वी के करीब आएगा, तब इसकी ट्रैजेक्टरी में थोड़ा बदलाव होगा। संभावित रूप से साल 2175 और 2199 के बीच यह पृथ्वी को प्रभावित कर सकता है। नासा को लगता है कि इसी तरह के एस्टरॉयड अरबों साल पहले पृथ्वी से टकराए थे और हमारे ग्रह पर पानी के साथ-साथ कई और चीजें लेकर आए।
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2023-10-12 04:37:49
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