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5 फरवरी को मिलेगी स्कूटी, 15 फरवरी से पहले लैपटॉप: 97 हजार से ज्यादा छात्रों को मिलेगा फायदा, पिछले एक साल से कर रहे थे इंतजार – Madhya Pradesh News

मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के टॉपर्स को स्कूटी और लैपटॉप देने के ऐलान के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह में 5 फरवरी को स्कूटी देने के कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसके बाद 15 फरवरी से पहले छात्रों को

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दरअसल, सीएम डॉ. मोहन यादव ने जापान यात्रा से लौटने के बाद इस योजना को लेकर बनी असमंजस की स्थिति को साफ कर दिया। सीएम ने कहा कि हम लगातार सभी वर्गों के लिए सभी योजनाओं पर काम कर रहे हैं। हमने हमारी सरकार की किसी योजना के मूल स्वरूप को न तो बदलने दिया है। न उस संबंध में कोई ढील दी है।

2023-24 शैक्षणिक सत्र के टॉपर पिछले एक साल से इस योजना का इंतजार कर रहे थे। सीएम की योजना को हरी झंडी देते ही स्कूल शिक्षा विभाग ने छात्रों की लिस्ट भी तैयार कर ली है। 2023-24 शैक्षणिक सत्र में 12वीं में टॉप करने वाले 7800 छात्रों को स्कूटी मिलेगी। वहीं 12वीं में 75% से ज्यादा अंक लाने वाले 90 हजार छात्रों को लैपटॉप की राशि दी जाएगी। दोनों योजनाओं पर सरकार 250 करोड़ रु. खर्च करने वाली है। पढ़िए रिपोर्ट

अब जानिए सीएम के ऐलान के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने क्या तैयारी की सीएम के इस ऐलान के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने तत्काल ही दोनों घोषणाओं को पूरा करने की तैयारी शुरू कर दी। स्कूल शिक्षा विभाग की सुबह होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव संजय गोयल ने अधिकारियों से इसकी जानकारी ली।

अफसरों ने इसकी प्रक्रिया के बारे में बताया। ये भी कहा कि टॉपर्स की लिस्ट तैयार है। वित्त विभाग में प्रपोजल गया हुआ है। इसके बाद प्रमुख सचिव ने वित्त विभाग के अफसरों से बात की और तय हुआ कि 5 फरवरी को स्कूटी देने के कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

अब जानिए कैसे मिलेगी स्कूटी? मुख्यमंत्री स्कूटी योजना के तहत माध्यमिक शिक्षा मंडल की बारहवीं की परीक्षा में अपने-अपने सरकारी स्कूल में टॉप करने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी। यदि स्कूल को-एड है, तो एक छात्र और एक छात्रा को स्कूटी मिलेगी। पिछले सत्र (2022-23) में 7,778 विद्यार्थियों को स्कूटी मिली थी, जिनमें 2,760 ई-स्कूटी और 5,018 पेट्रोल स्कूटी थीं। इस पर सरकार ने 40.40 करोड़ रुपए खर्च किए थे।

अगर विधार्थी ई-स्कूटी खरीद रहें है तो उन्हें एक लाख पच्चीस हजार रुपए दिए जायेंगे। वहीं पेट्रोल स्कूटी के लिए 90000-100000 रुपए दिए जायेंगे। छात्रों को स्कूटी खरीद के उसका बिल अपने संबंधित स्कूल के प्रिंसिपल को देना होगा। पहले 15000 रुपए किस्त के माध्यम से दिए जाएंगे, जो की छात्र के परिजन स्कूटी डीलर को दे सकेंगे।

इसके बाद स्कूटी खरीदने का बिल परिजन, प्रिंसिपल को देंगे जो इसे आगे फॉरवर्ड करेंगे। बिल मिल जाने के बाद पूरी राशि विभाग छात्र के खाते में डालेंगे। ये राशि सीधे छात्र के खाते में जाएगी न कि परिजनों के।

15 फरवरी से पहले मिलेगा लैपटॉप

इसी तरह ‘मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना’ के तहत MP बोर्ड की 12वीं परीक्षा में 75% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप खरीदने के लिए 25,000 रुपए की राशि दी जाती है। 2022-23 में 78,641 विद्यार्थियों को यह फायदा मिला था, लेकिन इस बार यह संख्या 90,000 के पार पहुंच चुकी है।

यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 12,000 ज्यादा है। सरकार इस योजना पर 225 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगी। 2009-2010 से चालू हुई इस योजना में पहले मेधावी विद्यार्थियों का क्राइटेरिया 85 फीसदी अंकों तक रखा गया था, लेकिन बाद में इसे कम कर 75% कर दिया गया।

राशि देने में क्यों लगा लगा 9 महीने से ज्यादा का वक्त? योजना के लाभार्थियों को पहले यह राशि दिसंबर के अंत तक मिल जाया करती थी, लेकिन इस बार 2023-24 के विद्यार्थियों को 9 महीने का लंबा इंतजार करना पड़ा। दरअसल,राज्य सरकार ने 33 विभागों की 73 से ज्यादा योजनाओं पर रोक लगा दी थी। इनमें मेधावी छात्र-छात्राओं को स्कूटी और लैपटॉप जैसी योजना के साथ लाड़ली बहनों को आवास और स्कूली बच्चों को साइकिल देने जैसी योजना भी शामिल थी।

इस संबंध में वित्त विभाग ने 23 अगस्त को एक सर्कुलर भी जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि 73 से ज्यादा योजनाओं के लिए वित्त विभाग की मंजूरी जरूरी होगी। सरकार को ये वित्तीय सख्ती क्यों करना पड़ी इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने सिर्फ इतना कहा था कि इस तरह के आदेश आमतौर पर बजट के बाद जारी किए जाते हैं।

ताकि मौजूदा संसाधन और सरकार की प्रायोरिटी के मुताबिक पैसे का इस्तेमाल हो। पिछले वित्तीय वर्ष में इस सूची में 150 योजनाओं की लिस्ट थी जिन्हें इस बार घटाया गया है। लाड़ली बहनों को आवास देने वाली योजना को सरकार ने पीएम आवास 2.0 योजना में मर्ज कर दिया है। छात्रों को स्कूटी-लैपटॉप देने वाली योजना को लेकर स्थिति साफ नहीं की थी।

सीएम ने पहले कहा था- एक साल के लिए थी योजना इससे पहले दैनिक भास्कर के साथ इंटरव्यू में सीएम ने लैपटॉप और स्कूटी के सवाल पर कहा था कि जो योजना एक साल के लिए थी वो तो एक साल के लिए ही रहेगी। पिछले हफ्ते भी एक यू-ट्यूब पॉड कास्ट में भी सीएम ने ऐसा ही जवाब दिया था। जिसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर था। ​​

दैनिक भास्कर के सवाल पर ये दिया था जवाब​​​​​

सीएम के रूप में डॉ. मोहन यादव का एक साल पूरा होने पर दैनिक भास्कर ने उनका इंटरव्यू किया था। जिसमें सीएम ने ये कहा –

सवाल: सरकार हमेशा कहती है बजट की कमी नहीं है लेकिन बच्चों को लैपटॉप, स्कूटी नहीं मिल पा रही है?

जवाब: दोनों बात में फर्क है। कुछ योजनाएं 1 साल के लिए थी, इसलिए उसे लगातार देते रहना यह थोड़ा ज्यादती हो जाएगी। कुछ योजना लगातार वाली थी, वो चल रही हैं। जो एक साल की योजना थी उसको हम हर साल कैसे करेंगे? हमने कहा कि सरकार की जो योजनाएं रेगुलर हैं, वह बंद नहीं होगी।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार बोले- सरकार बच्चों को लैपटॉप स्कूटी तुरंत दे

मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार 3 फरवरी को मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा था कि लैपटॉप- स्कूटी योजना पहले से चल रही थी। इन्होंने चुनाव में भी वादा किया था। फिर सरकार स्कूटी लैपटॉप मेधावी छात्रों को क्यों नहीं देना चाह रही?

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