भोपाल जिला पंचायत की साधारण सभा की मीटिंग शुक्रवार को होगी। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, पीएचई, कृषि, पीडब्ल्यूडी, आदिम जाति, वन, महिला एवं बाल विकास समेत 15 विभागों की समीक्षा की जाएगी। इससे पहले होने वाली सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में प्रतिनिधियों
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पिछली मीटिंग 10 जुलाई को होने से पहले ही हंगामे की भेंट चढ़ गई थी। सीईओ सिंह के समय पर नहीं पहुंचने पर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने मीटिंग का बहिष्कार किया था। बाद में जनप्रतिनिधियों ने सीईओ ऋतुराज के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया था।
सीईओ के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव लाए-अध्यक्ष
पिछली मीटिंग का बहिष्कार करते हुए अध्यक्ष गुर्जर ने कहा था कि सीईओ किसी की नहीं सुनते हैं, इसलिए निंदा प्रस्ताव लाए हैं। उपाध्यक्ष मोहन जाट ने कहा था कि डीईओ ए.के. त्रिपाठी के खिलाफ पिछली बैठकों में निंदा प्रस्ताव लाए गए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए विरोध जताया गया। सदस्य चंद्रेश राजपूत ने कहा था कि जनता ने हमें चुना है, इसलिए बैठक में मुद्दा उठाया। जो भी भ्रष्टाचार करेगा, उसका विरोध करेंगे। बैठक में भी यह मुद्दा उठाया गया।
पिछली बैठक 10 जुलाई को हुई थी, जिसका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों ने बहिष्कार कर दिया था।
आज फिर बैठक, कई मुद्दों पर चर्चा होगी
5 महीने के बाद आज शुक्रवार को फिर बैठक है। दोपहर 1 बजे से बैठक होगी, जिसमें कृषि, पशु चिकित्सा, मत्योद्योग, सहकारी समिति, बिजली कंपनी, वन, पीएचई, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, प्रधानमंत्री सड़क योजना, पीडब्ल्यूडी, आदिम जाति, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा की जाएगी।
इस बैठक से पहले दोपहर 12 बजे से सामान्य प्रशासन समिति की बैठक होगी, जिसमें अध्यक्ष, सीईओ और सभी सदस्य मौजूद रहेंगे।
10 जुलाई को बैठक के दौरान जमकर हंगामा भी हुआ था।
इसलिए जरूरी है मीटिंग
जानकारी के अनुसार, बैठक ही एक ऐसा प्लेटफार्म होता है जहां सभी विभागों के अफसरों से जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य रूबरू होते हैं। पिछली बैठकों में उपाध्यक्ष और सदस्यों ने अधिकारियों पर भड़ास भी निकाली थी। इसके बाद कामों में थोड़ी तेजी आई, लेकिन बैठक न होने से गांव के विकास से जुड़े काम अटक गए।
सदस्यों का कहना है कि बैठक न होने से वे गांव से जुड़े पानी, सड़क, नाला-नाली निर्माण, बिजली कनेक्शन समेत जनता से जुड़े अन्य विषय नहीं उठा पा रहे हैं। शुक्रवार को होने वाली बैठक में ये मुद्दे उठाएंगे।
दो महीने में होनी चाहिए मीटिंग
पिछली 2 मीटिंग को 9 महीने का समय हो चुका है। नियमानुसार,मीटिंग हर दो महीने में होनी चाहिए।
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