स्पेसडॉटकॉम के अनुसार, 20 जुलाई को यह धूमकेतु पृथ्वी से 176 मिलियन मील (283 मिलियन किलोमीटर) की दूरी पर था। रिपोर्ट कहती है कि इस धूमकेतु को नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकेगा। हालांकि टेलीस्कोप की मदद से उत्तरी गोलार्ध में यह धूमकेतु नजर आ सकता है। इसे देखने का सही वक्त सूर्यास्त के लगभग दो घंटे बाद का है। आकाश में 20 से 30 डिग्री ऊपर एक धुंधली गेंद के रूप में इसे देखा जा सकता है।
अर्थस्काई की रिपोर्ट के अनुसार, इस धूमकेतु को साफ देखने के लिए दूरबीन या टेलीस्कोप की जरूरत होगी। रिपोर्ट के अनुसार, इस धूमकेतु का नाम जर्मन खगोलशास्त्री हेनरिक ओल्बर्स के नाम पर रखा गया है। साल 1815 में पहली बार उन्होंने इसकी खोज की थी। इसके नाम में पी का मतलब ऐसे धूमकेतुओं से है जिनका ऑर्बिट 200 साल से कम का है।
पृथ्वी से इस धूमकेतु को आखिरी बार 1956 में देखा गया था। इन गर्मियों में देखे जाने के बाद यह अगली बार 2094 में नजर आएगा। सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने के दौरान यह धूमकेतु नेप्च्युन ग्रह तक पहुंचता है और पृथ्वी के करीब से भी गुजरता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि धूमकेतु के पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है।
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2024-07-23 10:37:16
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