उद्योगपतियों को प्रदेश से जुड़ी हर खासियत बता रहे अफसर: निवेशकों को लुभाने जंगल, खनिज से लेकर नदियों तक ​की ब्रांडिंग कर रही है सरकार – Bhopal News

उद्योगपतियों को प्रदेश से जुड़ी हर खासियत बता रहे अफसर:  निवेशकों को लुभाने जंगल, खनिज से लेकर नदियों तक ​की ब्रांडिंग कर रही है सरकार – Bhopal News

मप्र में औद्योगिक निवेश बढ़ाने के मकसद से राज्य सरकार अलग-अलग तरीकों से कवायद कर रही है। उद्योगपतियों को मप्र को नदियों का मायका बताकर भी लुभाया जा रहा है। उन्हें ये भी बताया जा रहा है कि जमीन, जल, जंगल और खनिज के कारण मप्र दूसरे प्रदेशों की तुलना में

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इन्हीं सुविधाओं का नतीजा है कि उद्योगपतियों ने चारों रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में अब तक 143556 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं।

एमपी आईडीसी के अफसरों का कहना है कि देश के मध्य में बसे मप्र की हर राज्य से कनेक्टिविटी अच्छी होने के कारण भी निवेश का दायरा लगातार बढ़ रहा है। उद्योगपतियों को प्रदेश की खासियत बताने के लिए एमपी आईडीसी ने एक प्रेजेंटेशन तैयार किया है।

हर सेक्टर की अपनी अलग खासियत

1. लैंड बैंक: उद्योगों के लिए राज्य में सवा लाख एकड़ से भी ज्यादा का लैंड बैंक है। इसलिए यहां औद्योगिक क्षेत्र का दायरा बढ़ाया जा सकता है। यहां 320 से ज्यादा औद्योगिक क्षेत्र हैं। इनमें 10 फूड पार्क, 5 आईटी पार्क, 2 स्पाइस पार्क, 2 मल्टी प्रोडक्ट एसईजेड और 2 प्लास्टिक पार्क हैं। यहां देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र भी है, जो राज्य के क्षेत्रफल का करीब 31% है।

2. नदियों का मायका: मप्र में सदाबहार नदियां भी हैं। इतनी संख्या में नदियां होने के कारण मप्र को नदियों का मायका भी कहा जाता है। यहां नर्मदा, चंबल, ताप्ती, सोन, बेतवा, तवा, क्षिप्रा, केन, सिंध, पेंच, कूनो, पार्वती, सक्कर, गार, माही, कुंवारी, पहूज जैसी नदियां हैं। इसलिए यहां पानी की कमी नहीं है, जो किसी उद्योग के लिए बेहद जरूरी संसाधन है।

3. खनिज: खनिज की दृष्टि से मप्र का देश में चौथा स्थान है। यहां देश का सबसे ज्यादा हीरा और मैग्जीन पाया जाता है। इसके अलावा यहां कोयला, आयरन-ओर, लाइम स्टोन, तांबा समेत अन्य कई प्रकार के खनिज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इसलिए मप्र में माइनिंग इंडस्ट्रीज के लिए अपार संभावनाएं हैं।

मप्र का टेक्सटाइल इकोसिस्टम: टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए मप्र का इकोसिस्टम अनुकूल है। यहां बीते 3 साल में कपास के उत्पादन से मप्र देश का अग्रणी राज्य बन गया है। यहां कपड़े बनाने की 53 इकाइयां थीं हैं।

पर्यटन क्षेत्र में भी संभावनाएं: मप्र अब देश में दुनिया के लिए पर्यटन का नया केंद्र बनकर उभरा है। वर्ष 2022 में यहां 3.40 करोड़ पर्यटक घूमने आए थे। वर्ष 2023 में ये आंकड़ा 11.23 करोड़ तक पहुंच गया। यहां पन्ना, सतपुड़ा, कान्हा किसली जैसे नेशनल पार्क के अलावा धार्मिक स्थल लोगों के आकर्षित करते हैं।

बिजली: मप्र विद्युत सरप्लस स्टेट भी है। यहां विद्युत उत्पादन की इंस्टॉल्ड कैपेसिटी करीब 31 हजार मेगावाट है, जिसमें 23% नवकरणीय ऊर्जा है। इसके अलावा यहां क्लीन और ग्रीन एनर्जी का भंडर भी है। रीवा में सबसे बड़ा सोलर पार्क है और ओंकारेश्वर में सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट लग रहा है।

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