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फर्जी CBI और ED ऑफिसर बनकर वैज्ञानिक से 71 लाख की ठगी, 7 दिन रखा डिजिटल अरेस्ट

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इंदौर में राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआर कैट) के विज्ञानी अनिल कुमार को साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट का शिकार बनाया। अपराधियों ने मनी लांड्रिंग और मानव तस्करी के आरोपों में उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी और नकली सीबीआई और ईडी अधिकारियों के रूप में वीडियो कॉल पर पूछताछ की। अनिल और उनकी पत्नी से 71 लाख रुपये की ठगी की गई।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Fri, 04 Oct 2024 10:57:23 PM (IST)

Updated Date: Fri, 04 Oct 2024 11:07:33 PM (IST)

विज्ञानी को झांसा देकर 71 लाख रुपये विभिन्न खातों में जमा कराए गए। प्रतीकात्मक तस्वीर

HighLights

  1. वैज्ञानिक को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की ठगी
  2. नकली CBI और ईडी अफसर बनकर दिया झांसा
  3. वीडियो कॉल पर अनिल और पत्नी से की पूछताछ

नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: राजा रामन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआर कैट) के विज्ञानी अनिल कुमार डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए। साइबर अपराधियों ने अनिल को मनी लान्ड्रिंग, मानव तस्करी जैसे गंभीर आरोपों में गिरफ्तार करने की धमकी दी।

अपराधियों ने अनिल और उनकी पत्नी को सात दिनों तक न सिर्फ अपने सर्विलांस पर रखा बल्कि नकली सीबीआई और ईडी अफसर बनकर वीडियो कॉल पर गहन पूछताछ भी करते रहे। वारदात का तरीका वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एसपी ओसवाल के साथ हुई सात करोड़ रुपये की ठगी जैसा ही है।

आरआर कैट में सहायक विज्ञानी से ठगी

अतिरिक्त सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक अनिल कुमार आरआर कैट में सहायक विज्ञानी हैं। एक सितंबर को दोपहर पौने 12 बजे अज्ञात नंबर से फोन काल आया था। फोन करने वाले ने खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी बताते हुए अपना नाम सुशांत कुमार बताया।

फर्जी अधिकारी ने कहा कि आपके आधार कार्ड से जारी सिमकार्ड (6776414672) का इस्तेमाल गैरकानूनी विज्ञापन, महिला उत्पीड़न संबंधित मैसेज में हो रहा है। उसने शिकायत बताई, कहा कि इस केस में 300 लोग शामिल हैं। दिल्ली क्राइम ब्रांच और सीबीआई जगह-जगह छापे मार रही है।

आरोपितों ने गोपनीयता रखने की शर्त पर अनिल और उनकी पत्नी से वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से पूछताछ करना शुरू कर दी। विज्ञानी और उनकी पत्नी चार दिनों तक नकली सीबीआई-क्राइम ब्रांच और ईडी अफसरों के सवालों का जबाव देते रहे।

सीबीआई का फर्जी नोटिस भेजा

इस दौरान फर्जी क्राइम ब्रांच अधिकारी राकेश कुमार ने अनिल को सीबीआई का फर्जी नोटिस भेजा और कहा कि मनी लान्ड्रिंग और मानव तस्करी में गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है। तुम सरकारी अफसर हो और बेगुनाह प्रतीत होते हो। लिहाजा तुम्हे गिरफ्तार न करने और केस को प्राथमिकता से लेने की सीबीआई कोर्ट से अपील की जाएगी, लेकिन इसके लिए पति-पत्नी को डिजिटल सर्विलांस पर रखा जाएगा।

वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से पूछताछ का ड्रामा

दूसरे दिन फर्जी सीबीआई ने पति-पत्नी से वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से पूछताछ की। फर्जी सीनियर अफसर से ऑनलाइन चर्चा की। कहा कि दंपती पूछताछ में सहयोग कर रहे हैं। केस की गोपनीयता भी रख रहे हैं। इन्हें गिरफ्तारी से मुक्त रखा जा सकता है।

विज्ञानी अनिल से कहा कि चौबीसों घंटे डिजिटल सर्विलांस पर रहना होगा। 17 बच्चों की जिंदगी का सवाल है। केस में बैंक, पुलिस अधिकारी भी संलिप्त हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया की टीम निगरानी कर रही है।

खातों की जानकारी ली

ठग ने खातों में जमा राशि, एफडी, म्यूच्युअल फंड और प्रापर्टी की जानकारी ले ली। स्टेटमेंट की कॉपी भी वाट्सएप पर लेते गए। उनसे कहा कि बैंक में जमा रुपयों की भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) द्वारा जांच की जाएगी।

आरोपितों ने सीबीआई और ईडी से प्रमाण पत्र देने का झांसा देकर अलग-अलग खातों में 71 लाख 33 हजार 75 रुपये जमा करवा लिए। नजदीकी पुलिस स्टेशन (द्वारकापुरी) जाकर टीआई से बात करवाने के लिए कहा और मोबाइल बंद कर लिए।

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2024-10-04 17:37:33