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नेपानगर में बाघ के शव मिलने का मामला: तीन सदस्यीय टीम कर रही जांच; 200 से ज्यादा ग्रामीणों के बयान दर्ज – Burhanpur (MP) News

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बुरहानपुर जिले के नेपानगर वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 197 दक्षिण हसनपुरा के जंगल में शुक्रवार शाम को बाघ का शव मिला था। इसके बाद घटना के दूसरे दिन से ही वन विभाग की टीम इंदौर से आई टाइगर स्ट्राइक फोर्स के साथ वन क्षेत्रों की सघन सर्चिंग में जुटी है

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5 दिनों में वन विभाग की टीम ने वन क्षेत्र के 7 किमी के दायरे में रहने वाले करीब 200 से ज्यादा ग्रामीणों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए। बता दें कि वन विभाग के अफसर और चिकित्सा विशेषज्ञ यह स्पष्ट कर चुके हैं कि बाघ की उम्र अधिक होने से उसकी नेचुरल डेथ हुई है।

लेकिन, मामला बाघ से जुड़ा और संवेदनशील होने के कारण वन विभाग हर एंगल से जांच पुख्ता करना चाहता है। इसलिए वन क्षेत्र में नदी, तालाब, खेतों में लगातार सर्चिंग कर रहा है। इंदौर से आई टीम में शामिल डॉग स्क्वायड भी स्थानीय वन विभाग की टीम के साथ घूम रही है। नेपानगर एसडीओ मान सिंह खराड़ी, रेंजर श्रीराम पांडे, नावरा रेंजर तरूण अनिया सहित वनकर्मी बुधवार को भी जांच में जुटे रहे।

यह हैं पूरा मामला

बता दें कि 4 अक्टूबर को शाम के समय गश्त के दौरान वन कर्मियों को नेपानगर की बीट दक्षिण हसनपुरा के कक्ष क्रमांक 197 में एक नर टाइगर का शव मिला था। टीम ने इसकी सूचना वरिष्ठ अफसरों को दी। इसके बाद डीएफओ विजय सिंह सहित अन्य अफसर मौके पर पहुंचे। टाइगर को रातभर निगरानी में रखा गया।

दूसरे दिन 5 अक्टूबर को भोपाल वन विभाग से आए वन्य प्राणी चिकित्सकों और उप संचालक पशु चिकित्सा बुरहानपुर डॉ. हीरा सिंह भंवर के साथ आए अन्य चार डॉक्टर ने बाघ का बारीकी से परीक्षण किया।

मामले में डीएफओ ने तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई है, जो जांच कर रही है।

विसरा रिपोर्ट आने के बाद हाेगी पुष्टि

वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने बताया कि मृत बाघ की उम्र करीब 10 से 12 साल है। आमतौर पर खुले जंगल में रहने वाले बाघ की औसत उम्र 12 से 15 साल होती है। इस आधार पर माना जा सकता है कि अधिक उम्र के कारण बाघ की प्राकृतिक मौत हुई है, लेकिन इसकी अधिक पुष्टि विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही की जा सकती है।

डॉक्टर के अनुसार बाघ के शरीर पर कहीं भी चोट के निशान नहीं मिले। सैंपल सुरक्षित कर इंदौर लैब भेजा गया। करीब 15 दिनों में विसरा रिपोर्ट आने के बाद वास्तविक स्थिति का पता चलेगा।

200 से अधिक लोगाें के बयान दर्ज

मामले में डीएफओ ने तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई है। इसमें शामिल असीरगढ रेंजर तरूण अनिया ने बताया बुधवार को भी वन क्षेत्रों के 7 किमी के दायरे में सर्चिंग की गई है। ग्रामीणों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। 200 से अधिक लोगाें के बयान दर्ज कर लिए हैं, कुछ के और दर्ज किए जाएंगे।

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