संभाग आयुक्त ने अधिकारियों के साथ बैठक में योजना बनाई।
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर
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इंदौर के वार्डों में महिला सुरक्षा के लिए जागरूकता केंद्र बनाए जाएंगे। पहले चरण में नगर निगम के सामुदायिक भवनों का उपयोग किया जाएगा फिर आंगनबाड़ी और अन्य परिसरों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इन केंद्रों पर पुलिस और महिला बाल विकास विभाग की टीम संयुक्त रूप से काम करेगी। यह टीमें महिला अपराध कम करने, सरकारी योजनाओं की जानकारी देने का करेगी। इसके साथ शिक्षा, कौशल विकास और जागरूकता के लिए भी अलग अलग प्रकल्प चलेंगे।
संभागायुक्त दीपक सिंह ने आज पुलिस विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक में इस विषय पर बेहतर योजना बनाने पर चर्चा की। बैठक में एडीशनल पुलिस कमिश्नर मनोज श्रीवास्तव, डीसीपी हेडक्वॉर्टर जगदीश डाबर, महिला सुरक्षा शाखा की एडिशनल एसपी प्रियंका डोडवे, महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक संध्या व्यास सहित अन्य अधिकारीगण एवं इस क्षेत्र में कार्य कर रहे विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
मोबाइल-एप भी बनाने का सुझाव दिया
संभागायुक्त ने बैठक में कहा कि बालिका अपराध संबंधी रियल टाइम रिपोर्टिंग और अलर्ट के लिए मोबाइल-एप भी बनाया जाना चाहिए। बालिका सुरक्षा के लिए प्रमुख रूप से पुलिस के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग समग्रता और समन्वय के कार्य करें। बालिकाओं में निडरता और जागरूकता के प्रसार के लिए अधिक समेकित प्रयास करें।
डोर टू डोर सर्वे किया गया
बैठक में मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि सामुदायिक पुलिसिंग के तहत अपराध नियंत्रण का सृजन कार्यक्रम इंदौर पुलिस द्वारा दिसंबर 2023 से संचालित है। इसके अंतर्गत शहर की चिन्हित बस्तियों का डोर-टू-डोर सर्वे कर 12 वर्ष से 18 वर्ष आयु की बालिकाओं का समूह बनाया गया है। इनके साथ पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग अन्य शासकीय विभाग एवं स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर बालिकाओं से संवाद स्थापित करते हैं। कार्यशाला एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित कर बालिकाओं में सुरक्षा की भावना एवं आत्मविश्वास बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य किया जाता है। संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि पुलिस के इस प्रयास में अब महिला एवं बाल विकास विभाग अपना इंफ्रास्ट्रक्चर का सहयोग भी देगा। बालिकाओं के प्रशिक्षण इत्यादि के लिए पुस्तिकाएं और अन्य तरह की सामग्री भी तैयार की जाएगी।
पुलिस से सीधा संपर्क स्थापित किया जा रहा
बैठक में नोडल अधिकारी प्रियंका ने बताया कि सृजन कार्यक्रम के तहत 12 से 18 वर्ष की बालिकाओं को सुरक्षा देने के लिए, अपराधों के प्रति जागरूक करने एवं अपराधों को रोकने के लिए कार्य किया जा रहा है। बालिकाओं का पुलिस से सीधा संपर्क स्थापित करना हमारा उद्देश्य है ताकि मुसीबत के वक्त सीधा पुलिस से संपर्क हो सके। सृजन की एक कोर टीम गठित की गई है, जिसमें पुलिस उपायुक्त महिला सुरक्षा प्रियंका डोडवे को नोडल अधिकारी बनाया गया है। महिला आरक्षकों को चिह्नित कर उन्हें पुलिस दीदी के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। इंदौर के समस्त थानों में ऊर्जा डेस्क संचालिका एवं बाल कल्याण अधिकारी को भी कोर टीम का सदस्य बनाया गया है।
खतरनाक क्षेत्रों की पहचान की जा रही
डीसीपी पुलिस मुख्यालय जगदीश डाबर ने बैठक में बताया कि ऐसे क्षेत्र जहा पर बालिकाओं के प्रति ज्यादा अपराध होते हैं उन्हें चिह्नित किया गया है। ऐसे हाट-स्पाट एरिया वाले थाना क्षेत्रों में सृजन बालिका समूह बनाए गए हैं। 12 से 18 वर्ष की बालिकाओं का डोर-टू-डोर सर्वे कर उनका डाटा एकत्रित किया गया है। ताकि समस्याओं को भी चिह्नित किया जा सके। बैठक में तय किया गया कि आने वाले समय में चंदन नगर एवं आजाद नगर जैसे क्षेत्रों में भी डोर-टू-डोर सर्व किया जाए। विद्यालयों को सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित बनाने के लिए SOP एवं गाइड लाइन तैयार की जाए। महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त संचालक संध्या व्यास ने बैठक में बताया कि विभाग द्वारा इन्हें उद्देश्यों के लिए सेफ सिटी कार्यक्रम भी संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य बालिकाओं एवं महिलाओं को शहर में सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराना है। ताकि वे सभी प्रकार की हिंसा के भय से मुक्त होकर सुरक्षित जीवन जी सकें।
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2024-10-09 01:30:01