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भोपाल कारखाने में सात माह में बनाई गई डेढ़ क्विंटल एमडी ड्रग्स, हरीश आंजना के साथियों के जरिए हो रही थी आपूर्ति

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भोपाल के बगरोदा में एमडी ड्रग्स का कारखाना पकड़ा गया। आरोपितों ने पिछले सात महीनों में डेढ़ क्विंटल ड्रग्स बनाई, जो अन्य राज्यों में भेजी गई। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और पुलिस नेटवर्क की जांच कर रही हैं। कारखाना बंद फैक्ट्री में चल रहा था, जिससे सुरक्षा का फायदा उठाया गया।

By Anurag Mishra

Publish Date: Thu, 10 Oct 2024 09:44:08 PM (IST)

Updated Date: Thu, 10 Oct 2024 09:44:08 PM (IST)

ड्रग्स निर्माण करेन वाली फैक्ट्री।

HighLights

  1. भोपाल में एमडी ड्रग्स का कारखाना पकड़ा गया।
  2. आरोपितों ने सात महीने में डेढ़ क्विंटल ड्रग्स बनाई।
  3. राजस्थान से मध्य प्रदेश में एमडी ड्रग्स की सप्लाई।

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र बगरोदा में एमडी ड्रग्स बनाने का कारखाना पकड़े जाने के बाद बड़ी जानकारी सामने आई है। यह कारखाना संचालित करने वाले तीन आरोपित नासिक के सान्याल बाने, भोपाल के अमित चतुर्वेदी और मंदसौर के हरीश आंजना को रिमांड पर लेकर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) पूछताछ कर रही है।

उसमें पता लगा है कि आरोपितों ने पिछले सात माह में डेढ़ क्विंटल ड्रग्स बनाई थी। इसे हरीश आंजना और उसके साथियों ने राजस्थान समेत दूसरे राज्यों में पहुंचाया। भोपाल पुलिस भी अब एमडी ड्रग्स के नेटवर्क को खंगालने में जुट गई। पुलिस की जांच में सामने आया है कि राजस्थान के प्रतापगढ़ होते हुए मंदसौर के रास्ते एमडी ड्रग्स पहुंचाई जाती रही है।

यह भी सामने आया है कि मध्य प्रदेश में भी दूसरे राज्यों से बड़ी मात्रा एमडी ड्रग की आपूर्ति होती है। राजस्थान से उज्जैन होते हुए भी एमडी ड्रग्स मध्य प्रदेश में पहुंचाने की जानकारी मिली है। इसकी पुष्टि इस बात से भी हो रही है कि पुलिस की नारकोटिक्स शाखा ने अभी तक जितने प्रकरण पकड़े हैं, उनमें अधिकतर का रूट मंदसौर या उज्जैन ही था।

बता दें कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और गुजरात एटीएस ने इस कारखाने से तरल व टैबलेट के रूप में एमडी ड्रग्स और इसे बनाने का कच्चा माल पकड़ा था। गुजरात एटीएस ने इसकी कीमत 1814 करोड़ रुपये आंकी थी। एनसीबी अब गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ कर इस काम में लगे अन्य लोगों को पता लगाने में जुटी हुई है। सभी आरोपित 14 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर हैं।

इंदौर में भी बंद फैक्ट्री में मादक पदार्थ बनाने का आया था मामला

भोपाल में आरोपितों ने औद्योगिक क्षेत्र में बंद फैक्ट्री को किराये पर लेकर एमडी ड्रग बनाने का काम शुरू किया था। डीआइजी नारकोटिक्स महेश चंद जैन ने बताया कि लगभग 15 वर्ष पहले डायरेक्टोरेट आफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) ने इंदौर में ड्रग्स बनाने का कारखाना पकड़ा था। यहां भी आरोपितों ने बंद फैक्ट्री में भी ड्रग्स बनाना शुरू किया था। अधिकारियों ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में एसिड और अन्य रसायनों की गंध आम है, इसलिए आरोपित यहां इस तरह के धंधे करना ज्यादा सुरक्षित मानते हैं।

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