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दशहरे पर मुख्यमंत्री महेश्वर और इंदौर में करेंगे शस्त्र-पूजन, देवी अहिल्याबाई को होगा समर्पित

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दशहरा पर्व इस बार देवी अहिल्याबाई को समर्पित रहेगा, जिसमें पहली बार सरकारी स्तर पर शस्त्र-पूजन का आयोजन होगा। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव महेश्वर और इंदौर में शस्त्र-पूजन करेंगे। सभी जनप्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्रों में इस आयोजन में भाग लेने के लिए कहा गया है।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Fri, 11 Oct 2024 08:57:17 PM (IST)

Updated Date: Fri, 11 Oct 2024 09:34:10 PM (IST)

सभी जनप्रतिनिधि को अपने क्षेत्रों में करेंगे शस्त्र-पूजन।

HighLights

  1. इस बार देवी अहिल्याबाई को समर्पित होगा दशहरा
  2. पहली बार सरकारी स्तर पर किया जाएगा शस्त्र-पूजन
  3. सीएम मोहन महेश्वर और इंदौर में करेंगे शस्त्र-पूजन

राज्य ब्यूरो, नईदुनियासभोपाल। रक्षाबंधन उत्सव के बाद अब सरकार दशहरा पर्व भी प्रदेशभर में धूमधाम से मनाएगी। पहली बार सरकारी स्तर पर शस्त्र-पूजन का आयोजन किया जा रहा है। इस बार दशहरा उत्सव देवी अहिल्याबाई को समर्पित रहेगा। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव शनिवार को देवी अहिल्याबाई की राजधानी रही महेश्वर और उनकी छावनी रही इंदौर में शस्त्र-पूजन करेंगे।

इस वर्ष प्रदेश में दशहरा पर्व सरकार और समाज मिलकर धूमधाम के साथ मनाएंगे और शस्त्र-पूजन भी किया जाएगा। इस वर्ष का दशहरा महिला सशक्तिकरण और सुशासन की प्रतीक देवी अहिल्याबाई को समर्पित रहेगा। उन्होंने देशभर में जन-कल्याण के अनेक महती कार्य करवाए। इन कार्यों की स्मृति और देवी अहिल्याबाई के योगदान से आज की पीढ़ी को अवगत कराने का यह प्रयास है।

अपने-अपने क्षेत्रों में शस्त्र-पूजन करेंगे

सीएम ने मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों को अपने-अपने क्षेत्रों में शस्त्र-पूजन करने के लिए कहा है। प्रत्येक जिले में पुलिस शस्त्रागार, कोतवाली और थानों में होने वाले शस्त्र-पूजन एक विभाग तक सीमित न होकर जनता का पर्व बनेगा।मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारे भारतीय पर्व उमंग और उल्लास के प्रतीक होते हैं।

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देवी अहिल्याबाई को समर्पित दशहरा

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम अहिल्याबाई की 300वीं जयंती का वर्ष मना रहे हैं। लोकमाता देवी अहिल्याबाई का व्यक्तित्व, जीवन और चरित्र हम सबके लिये आदर्श है। वे एक तपोनिष्ठ, धर्मनिष्ठ और कर्मनिष्ठ शासक, प्रशासक रही है। उनसे हम सबको प्रेरणा लेना चाहिये। देवी अहिल्याबाई ने धर्म के भाव के साथ शासन व्यवस्था चलाने का बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उनका धर्म तथा राज्य व्यवस्था में विशेष महत्व है। उनका मुख्य ध्येय था कि उनकी प्रजा कभी भी अभावग्रस्त और भूखी नहीं रहे। उनके सुशासन की यशोगाथा पूरे देश में प्रसिद्ध है। उन्होंने समाज-सेवा के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया था।

अहिल्याबाई हमेशा अपनी प्रजा और गरीबों की भलाई के बारे में सोचती थी, साथ ही वे गरीबों और निर्धनों की हरसंभव मद्द के लिए हमेशा तत्पर रहती थी। उन्होंने समाज में विधवा महिलाओं की स्थिति पर भी खासा काम किया और उनके लिए उस वक्त बनाए गए कानून में बदलाव भी किया था।

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