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Weather: दशहरा पर बारिश का Alert, मौसम विभाग ने 37 जिलों के नाम बताए, रावण भीगे

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इंदौर में खड़े रावण और मौसम विभाग के द्वारा जारी किया गया सैटेलाइट इमेज।
– फोटो : अमर उजाला, इंदौर

विस्तार


दशहरा के दिन मौसम विभाग (Weather Depeartment) ने बारिश (Rain) का अलर्ट जारी किया। मानसून (Mansoon) खत्म हो चुका है लेकिन लगातार तीन दिन से जारी बारिश ने रावण (Ravan) दहन कार्यक्रमों के आयोजकों के पसीने छुड़वा दिए हैं। इंदौर समेत पूरे मप्र में कई जगह रावण पूरी तरह से भीग गए हैं और कई जगह वाटर प्रूफ होने के कारण बच गए हैं। आज शनिवार को भी मौसम विभाग ने मप्र के कई जिलों में बारिश का अलर्ट (Alert) जारी किया है। सुबह से बादल हैं और ठंडी हवाएं चल रही हैं। इंदौर समेत मप्र के कई जिलों में शुक्रवार को तीसरे दिन भी लगातार पानी गिरा और रात में भी हल्की बारिश होती रही। आखिरी दिन गरबा स्थलों पर गरबा (Garba) कार्यक्रम नहीं हो सके।

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प्रदेश के 37 जिलों में आज बारिश का अलर्ट

मध्यप्रदेश में इस वर्ष मानसून की विदाई के बीच मौसम में उतार-चढ़ाव जारी है। राज्य के विभिन्न जिलों में गरज-चमक और हल्की बारिश का दौर अभी भी बना हुआ है। खासतौर पर शनिवार को, जब दशहरा मनाया जाएगा, प्रदेश के 37 जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। यह स्थिति विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दशहरा के दिन रावण दहन का आयोजन होता है, और बारिश के चलते ये आयोजन प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, मौसम विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि तेज बारिश की संभावना नहीं है, इसलिए चिंता की कोई बड़ी वजह नहीं है।

मानसून की विदाई के बावजूद बारिश

मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर जैसे प्रमुख जिलों से मानसून लौट चुका है। मौसम विभाग ने इसकी आधिकारिक घोषणा भी कर दी है। इसके बावजूद इन जिलों में बारिश का सिलसिला जारी है। इसका मुख्य कारण दो मौसम प्रणालियों का सक्रिय होना है। पहला, लो प्रेशर एरिया और दूसरा, साइक्लोनिक सर्कुलेशन। इन प्रणालियों की सक्रियता के कारण कुछ स्थानों पर हल्की बारिश और गरज-चमक की स्थिति बनी हुई है।

किन जिलों में कैसा रहेगा मौसम

मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि अगले 24 घंटों में इंदौर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, शाजापुर, सीहोर, देवास, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, दमोह, नरसिंहपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट जिलों में कहीं-कहीं बारिश और गरज-चमक वाला मौसम रहेगा। दूसरी ओर, भोपाल, श्योपुर, मुरैना, भिंड, राजगढ़, नर्मदापुरम, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, कटनी, जबलपुर, डिंडोरी, अनूपपुर, उमरिया और शहडोल में मौसम साफ रहेगा। यहां दिनभर धूप खिली रहेगी और बारिश की संभावना नहीं है।

बीते दिनों की बारिश

शुक्रवार को धार, खंडवा, बड़वानी, पचमढ़ी, मंडला, सिवनी, हरदा और खरगोन जिलों में बारिश दर्ज की गई। विशेष रूप से हरदा जिले में अच्छी बारिश हुई, हालांकि यहां से 5 अक्टूबर को ही मानसून विदा हो चुका था। वहीं, राजधानी भोपाल में दिनभर धूप-छांव वाला मौसम रहा, जहां कभी धूप तो कभी हल्के बादल छाए रहे।

मानसून की विदाई की प्रक्रिया

मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि अगले दो दिनों यानी 12 और 13 अक्टूबर तक प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज-चमक और हल्की बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। इसके बाद ही मानसून की पूरी तरह से विदाई होगी। खास बात यह है कि पिछले दो साल से नवरात्रि और दशहरे के दौरान बारिश हो रही है, और इस बार भी मौजूदा सिस्टम के चलते कुछ जिलों में दशहरे के दिन बारिश होने की संभावना है।

ठंड का आगाज

मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि 20-21 अक्टूबर से प्रदेश में ठंड का असर दिखने लगेगा। रात का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है, जिससे लोगों को ठंडक महसूस होने लगेगी। हालांकि, दिन का तापमान अभी 33-34 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक दिन के तापमान में भी गिरावट शुरू हो जाएगी, जिससे ठंडक का प्रभाव और भी अधिक हो जाएगा।

बारिश के आंकड़े

इस साल मध्यप्रदेश में कुल 44.1 इंच बारिश हुई है, जो कि राज्य के औसत से थोड़ा अधिक है। बारिश के मामले में जबलपुर संभाग सबसे आगे रहा, जहां मंडला जिले में सबसे ज्यादा 60.6 इंच बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा, सिवनी जिले में 56.8 इंच बारिश हुई। श्योपुर, निवाड़ी और राजगढ़ में भी 52 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है। बारिश के लिहाज से प्रदेश के टॉप-10 जिलों में भोपाल, सागर, अलीराजपुर, डिंडोरी और छिंदवाड़ा भी शामिल हैं।

डैम और जलाशयों की स्थिति

इस मानसूनी सीजन में प्रदेश के लगभग 250 बड़े और छोटे डैम में से 200 डैम पूरी तरह भर चुके हैं। इनमें से कई डैम जैसे बरगी, बाणगंगा, ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर, तवा, कलियासोत, केरवा और भदभदा डैम में मानसून के दौरान 6 से 10 बार या इससे अधिक बार गेट खोले गए हैं। इन जलाशयों में पानी की स्थिति बेहतर होने के कारण आने वाले महीनों में राज्य में जल संकट की समस्या नहीं होगी।

निष्कर्ष

मध्यप्रदेश में इस वर्ष मानसून की विदाई धीरे-धीरे हो रही है, लेकिन दो मौसमी सिस्टमों के सक्रिय होने से गरज-चमक और हल्की बारिश का दौर अब भी जारी है। दशहरे के अवसर पर राज्य के कई हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है, जिससे रावण दहन के कार्यक्रम प्रभावित हो सकते हैं। मानसून के पूरी तरह विदा होने के बाद ठंड का आगाज होगा, जो 20 अक्टूबर के बाद से ज्यादा महसूस होने लगेगी।

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2024-10-12 03:53:20