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प्राइवेट स्कूलों को देंगे टक्कर: 415 सरकारी स्कूलों में बनेगा म्यूजिक बैंड; कांगो, गिटार पर होगी प्रार्थना – Bhopal News

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मप्र में पहली बार स्कूलों में एक साथ बड़े पैमाने पर म्यूजिक बैंड बनाने की तैयारी है। अब तक चुनिंदा सरकारी स्कूलों में ही म्युजिकल बैंड थे, लेकिन पहली बार एक साथ मप्र के 552 सरकारी हायर सेकंडरी स्तर के स्कूलों में ये म्यूजिकल बैंड बनाए जा रहे हैं। इन्ह

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यह सभी वे सरकारी स्कूल हैं, जिन्हें पीएम श्री स्कूल योजना के तहत चयनित किया गया है। इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं को वर्तमान समय के हिसाब से बैंड के लिए म्यूजिकल इंस्टूमेंट दिए जाएंगे। इसके साथ हर स्कूल में एक म्यूजिक टीचर भी रखा जाएगा। जिन स्कूलों काे चुना गया है, उन्हें म्यूजिक इंस्टूमेंट खरीदने के लिए प्रति स्कूल सरकार 2 लाख रुपए देगी।

कुल 9 प्रकार के म्यूजिक इंस्टूमेंट खरीदे जाएंगे। इसमें हार्मोनी सूटकेस के साथ, बैस गिटार, कांगो, दो तरह के सिंथेसाइजर स्टेंड के साथ, ड्र्रम, ढोलक और फ्लूट शामिल है। इंस्टूमेंट खरीदने के बाद एक साल तक बच्चों की तैयारी करवाई जाएगी और इसके बाद एक राज्य स्तरीय संगीत प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। ताकि बच्चों को म्यूजिक क्षेत्र में अवसर मिल सके। अफसरों का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों में कई बच्चे म्यूजिक में अपना करियर बनाते हैं। सरकारी स्कूलों में इसकी कमी महसूस की जा रही थी। इसलिए इसकी शुरुआत की गई।

म्यूजिक कोर्स बंद होने की कगार पर, सांस्कृतिक कार्यक्रमों तक सिमटा

मप्र के करीब 8500 हाई और हायर सेकंडरी स्कूल में म्यूजिक कोर्स है, लेकिन 50 स्कूल ही ऐसे हैं, जहां रेगुलर म्यूजिक टीचर हैं। यदि भोपाल की बात करें तो यहां भी 5 स्कूलों में ही म्यूजिक टीचर हैं। इसके कारण म्यूजिक कोर्स का मामला सांस्कृतिक कार्यक्रमों तक सिमटकर रह गया था। जब सरकार ने स्कूलों में सतत एवं व्यापक मूल्यांकन शुरू किया और इसमें म्यूजिक को शामिल किया, इसके बाद म्यूजिक इंस्टूमेंट खरीदने और बैंड बनाने पर काम शुरू हुआ।

हालांकि अभी भी कुल संख्या में से केवल 6 फीसदी स्कूलों में ही म्यूजिक बैंड शुरू करने की योजना बनी है। बता दें कि वर्ष 1994 में पहली बार सरकारी स्कूलों में म्यूजिक टीचर भर्ती करने की शुरूआत हुई थी। इसके बाद जब वर्ष 2018 में टीचर भर्ती निकली तो इसमें म्यूजिक टीचर का पद ही शामिल नहीं किया गया था।

552 स्कूलों में म्यूजिकल इंस्टूमेंट किट ली जा रही

^मप्र के 552 स्कूलों में म्यूजिकल इंस्टूमेंट किट ली जा रही है। ताकि बच्चों को वर्तमान समय के हिसाब से संगीत की शिक्षा दे सकें। -राजीव सिंह तोमर, अपर संचालक, समग्र शिक्षा अभियान मप्र

घटिया इंटरएक्टिव पैनल खरीदने के आरोप

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाने के लिए घटिया किस्म के चायनीज इंटरएक्टिव पैनल खरीदने के षडयंत्र का आरोप लगा है। विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के मुताबिक हाल कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आरएसके योजना के तहत इंटरएक्टिव पैनल खरीदने के लिए टेंडर निकाले हैं, लेकिन टेंडर में ऐसी शर्तें डाली गई हैं, जिससे सैमसंग जैसे ग्लोबल ब्रांड समेत कई ब्रांडेड कंपनियां कॉम्पटीशन से बाहर हो गई हैं। कटारे ने सीएम मोहन यादव और स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से टेंडर को निरस्त कर ईओडब्ल्यू से मामले की जांच कराने की मांग की है।

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