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विदिशा में रेलवे लाइन पर काम कर रहे दो कर्मियों की राज्य रानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से मौत

विदिशा में सोमवार सुबह राज्य रानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से दो कर्मियों की मौत हो गई। दोनों पटरी पर चाबियां चेक कर रहे थे। हादसे के बाद ट्रेन को तीन घंटे तक रोका गया, जबकि शवों को निकालने के लिए उसे पीछे किया गया।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Mon, 14 Oct 2024 05:23:30 PM (IST)

Updated Date: Mon, 14 Oct 2024 05:27:17 PM (IST)

शवों को निकालने के लिए ट्रेन को पीछे किया गया।

HighLights

  1. राज्य रानी एक्सप्रेस की चपेट में आए दो चाबी मैन
  2. हादसा सुबह 8:30 बजे कुल्हार रेलवे ट्रैक पर हुआ
  3. इंजन में फंसे शव, करीब तीन घंटे रुकी रही ट्रेन

नवदुनिया प्रतिनिधि, विदिशा: सोमवार सुबह बीना से भोपाल की ओर जा रही राज्य रानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से लाइन पर काम कर रहे दो चाबी मेनों की मौत हो गई। शव इंजन में फंसने के कारण तीन घंटे ट्रेन केवटन ब्रिज पर खड़ी रही। इससे रेल यातायात भी प्रभावित हुआ।

इंजन के आगे फंस गया था पाइंट मैन

जानकारी के अनुसार सुबह करीब 8:30 बजे कुल्हार रेलवे ट्रैक के पास रेलवे के दो चाबी मेंन मनोज सेन और हारुन खान पटरी पर चाबियां चेक कर रहे थे। तभी अचानक दोनों राज्यरानी एक्सप्रेस के इंजन की चपेट में आ गए। दोनों चाबी मैन की मौके पर ही मौत हो गई। एक चाबी मैन का शव ट्रेन के इंजन में फंस गया, जबकि दूसरा शव कटने से टुकड़ों में ट्रैक पर फैल गया।

ट्रेन को बैक कर निकाला गया शव

हादसे के बाद करीब 3 घंटे तक राज्यरानी एक्सप्रेस ट्रैक पर केवटन ब्रिज पर खड़ी रही। मौके पर जीआरपी टीम और स्थानीय पुलिस पहुंची। जीआरपी प्रभारी किशोर सिंह ने बताया कि ट्रेन को करीब एक किलोमीटर पीछे कर शव के अवशेषों को नीचे से निकाला गया। हादसे के समय दोनों कर्मचारी ट्रैक मरम्मत कर रहे थे।

किशोर सिंह ने बताया कि एक पाइंट मैन का शव इंजन के आगे कैटल गार्ड में फंस गया था। दूसरा ट्रेन से करीब 500 मीटर पीछे रह गया था। आगे वाले शव को निकालने के बाद ट्रेन को करीब 500 मीटर रिवर्स कर दूसरे शव को उठाया है। शवों को बासौदा लाया गया। जहां पोस्टमार्टम करने के बाद शव स्वजन को सौंप दिए है।

स्टेशन निर्माण की गति धीमी, दिसंबर तक हो सकेगा पूरा

गंजबासौदा : अमृत भारत योजना से तैयार हो रहा है रेलवे के नए भवन का निर्माण गाइडलाइन के अनुसार अक्टूबर तक पूरा होना था। लेकिन धीमी गति से काम चलने के कारण इसे दिसंबर तक पूरा होने की संभावना है। विगत माह जब डीआरएम निरीक्षण करने आए थे, तब उन्होंने निर्माण पूरा करने के लिए अक्टूबर की गाइडलाइन तय की थी।

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वर्तमान में भवन का निर्माण काफी लंबित है। निर्माण में आने वाली परेशानी के कारण यह कार्य अक्टूबर के अंत तक पूरा किया जाना संभव नहीं है। रेलवे स्टेशन पर 2800 वर्ग मीटर परिसर में प्रस्तावित विभिन्न स्ट्रक्चर निर्माण चल रहा है। इसी परिसर में वीआईपी, जनरल और आरक्षित वेटिंग रूम, बुकिंग काउंटर, किचन शौचालय सहित कारिडोर का निर्माण प्रस्तावित किया गया है।

पुराने भवन में चल रहे बुकिंग काउंटर

जब तक नए भवन में शिफ्ट नहीं होंगे। तब तक वर्तमान काउंटर नहीं टूट पाएंगे। वीआईपी परिसर के निर्माण का रास्ता साफ नहीं होगा। बाहरी स्ट्रक्चर का निर्माण पूरा हो गया है। अंदर का कार्य चल रहा है, जिसकी गति धीमी है।

दो खंडों में विभाजित है मुख्य परिसर

नया भवन 2800 वर्ग मीटर परिसर कारिडोर के माध्यम से दो खंड में विभाजित है। एक खंड में 1380 वर्ग मीटर में वीआईपी विश्राम गृह, कैंटीन, स्टोर, किचन, काउंटर आदि के साथ कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। जबकि 1500 वर्ग मीटर में अपर क्लास, जर्नल वेटिंग रूम, बुकिंग काउंटर, जनरल वेटिंग रूम, टायलेट आदि का निर्माण प्रस्तावित है।

इसके साथ ही प्लेटफार्म क्रमांक 3,4 के लिए विस्तार का काम चल रहा है, जो कि वर्तमान में अधूरा है। इसके साथ ही प्लेटफार्म पर यात्री शेड विस्तार का कार्य हो चल रहा है। हालांकि काम अलग-अलग ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है। इसके चलते अलग-अलग टुकड़ों में चल रहा है।

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