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सोलर पैनल से बिजली बनाने में मालवा-निमाड़ नंबर-1: रूफ टॉप सोलर नेट मीटर से 8 महीने में जुड़े 9000 उपभोक्ता – Indore News

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मालवा-निमाड़ यानी पश्चिम मप्र में सूरज की किरणों से बिजली तैयार करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या में 80 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है। वर्तमान में पश्चिम मप्र में 19750 स्थानों, छतों, परिसरों से रूफ टॉप सोलर नेट मीटर के तहत और ऊर्जा उत्पादन हो रहा है,

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मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर की प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बताया कि इस कैलेन्डर वर्ष में सौर ऊर्जा के प्रति सबसे ज्य़ादा आकर्षण देखा गया है। पीएम सूर्य घर योजना लागू होने के बाद बहुत तेजी से बिजली उपभोक्ताओं का रुझान इस ओर रहा, यहीं कारण हैं कि फरवरी से अक्टूबर दूसरे सप्ताह के बीच करीब नौ हजार बिजली उपभोक्ता इससे जुड़े चुके हैं। इन उपभोक्ताओं की छतों, परिसरों पर सौर पैनल लग चुके हैं, यहीं नहीं इनकी बिजली भी उत्पादित होकर विधिवत रूप से मीटर और बिलिंग सिस्टम में दर्ज हो रही है।

प्रबंध निदेशक ने बताया वर्तमान में कंपनी क्षेत्र में निम्न दाब और उच्च दाब से संबद्ध उपभोक्ताओं के यहां 19750 स्थानों पर नेट मीटर लगे हैं। इनकी कुल उत्पादन क्षमता 200 मेगावॉट के करीब है। सबसे ज्यादा उत्पादन इंदौर शहर क्षेत्र, सुपर कॉरिडोर, बाइपास इत्यादि स्थानों पर हो रहा है। इंदौर महानगर क्षेत्र में करीब 11 हज़ार 400 स्थानों पर सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है, इसकी कुल क्षमता 100 मेगावॉट के पार हैं। दूसरे स्थान पर उज्जैन जिला 2 हजार स्थानों पर, तीसरे स्थान पर देवास जिला 1 हज़ार स्थानों पर रूफ टॉप सोलर मीटर वाला हैं। रजनी सिंह ने बताया कि कंपनी क्षेत्र में चौथे स्थान पर रतलाम जिला 755 स्थान, पांचवां स्थान खरगोन जिला 750 स्थान पर हैं। इसके बाद अन्य जिलों में 40 से 450 छतों, परिसरों में रूफ टॉप सोलर नेट मीटर के माध्यम से बिजली उत्पादन हो रहा हैं।

केंद्र सरकार तीन किलो वाट के संयंत्र पर दे रही सब्सिडी केंद्र शासन वर्ष 2024 के प्रारंभ से ही तीन किलो वॉट तक के सोलर पैनल पर अधिकतम 78 हजार रूपए की सब्सिडी दे रही हैं। यह प्रति किलो वॉट के हिसाब से अब तक की अधिकतम सब्सिडी हैं। उपभोक्ता जो राशि खर्च करता हैं, वह करीब तीन वर्ष में बिल से बच जाती हैं। इस तरह लिया जाए लाभ

कोई भी उपभोक्ता अपनी छत पर सोलर पैनल्स लगा सकता है। पात्रतानुसार केंद्र शासन द्वारा DBT से सब्सिडी देय हैं। उपभोक्ता टोल फ्री कॉल सेंटर 1912, बिजली कंपनी जोन-वितरण केंद्र, pmsuryaghar.gov.in या mpwz.co.in पर संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं।

प्रदेश में इंदौर सबसे आगे, दूसरे नंबर पर भोपाल

बिजली कंपनी के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में सोलर सिस्टम के माध्यम से बिजली बनाने में इंदौर पूरे प्रदेश में नंबर वन है। इंदौर में इस समय 11 हजार 400 से ज्यादा छतों पर सोलर सिस्टम के माध्यम से बिजली बनाई जा रही है। इंदौर मध्य शहर, सुपर कॉरिडोर क्षेत्र, बाइपास से लगी कॉलोनियों, औद्योगिक इलाकों में सूरज की किरणों को सहेज कर बिजली तैयार की जा रही है। इंदौर के बाद भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर का नंबर आता है। भोपाल में लगभग 7 हजार 500, जबलपुर में लगभग 4 हजार और ग्वालियर में लगभग 3 हजार 500 घरों की छत पर सोलर सिस्टम से बिजली बन रही है।

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