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सीहोर जिले में भ्रष्टाचार के मामले: झरखेड़ा व अम्लाह में सरपंच सचिव दोषी; दुकान निर्माण और नीलामी में किया घोटला – Amlaha News

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सीहोर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रष्टाचार बढ़ाता जा रहा है। जिले में दो चर्चित‎ मामले सुर्खियों में हैं। इनमें झरखेड़ा और अम्लाह के नाम हैं। एक मामाले में दुकानों की‎ नीलामी में दोषी पूर्व सरपंच-वर्तमान ‎सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज‎ कराने के जिला पं

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वहीं दूसरे मामले में‎ तात्कालीन सरपंच-सचिव दोषी पाए ‎जाने पर उनके खिलाफ रिकवरी के‎ लिए जनपद सीईओ ने जिला पंचायत ‎सीईओ को पत्र लिखा है।

अम्लाह में दुकान नीलामी ‎कर सरपंच सचिव ने नकद राशि ली

अमलाहा ‎ग्राम पंचायत में दुकानों ‎के निर्माण में गबन की शिकायत‎ जिला पंचायत में हुई थी। ‎शिकायत के बाद इछावर जनपद‎ सीईओ ने 27 सितंबर को जांच‎पूरी कर प्रतिवेदन जिला पंचायत‎सीईओ को प्रेषित करते हुए‎ तात्कालीन सरपंच, वर्तमान ‎सरपंच और सचिव से 30.16‎ लाख रुपए की वसूली के लिए ‎पत्र जारी करने प्रतिवेदन भेजा‎ था। इसमें पाया गया कि ‎अमलाहा में दुकानों का निर्माण‎ ग्राम पंचायत ने अन्य मद से ‎कराया।

सरपंच-सचिव ने ‎दुकानों की नीलामी से नकद ‎राशि प्राप्त की और उसे बैंक में ‎जमा नहीं किया। यह नकद राशि ‎तात्कालीन सरपंच, वर्तमान‎ सरपंच और सचिव ने खर्च कर ‎दी। जो पंचायत लेखा नियम के ‎विपरीत है।

10 लाख 40 हजार 400 में दुकानें बनीं

कार्य का‎मूल्यांकन 10 लाख 40 हजार‎ 400 रुपए पाया गया। जबकि‎ दुकानों पर व्यय राशि 38 लाख ‎62 हजार 870 रुपए पाया गया।‎ अधिक व्यय एवं नगद राशि 30 ‎लाख 16 हजार 600 रुपए ‎वसूली योग्य पाई गई। जांच ‎प्रतिवेदन के बाद भी अब तक ‎जिला पंचायत ने सरपंच-सचिव से वसूली के पत्र ‎जारी नहीं किया गया।‎

दुकान नीलामी के अधिक रुपए लेकर कम की रसीद काटी ग्राम‎ पंचायत झरखेड़ा में साल 2022 के पूर्व 17 ‎दुकानों का निर्माण कराया गया, जिनमें नियमों‎ का उल्लंघन और वित्तीय गड़बड़ियां जांच में‎ सामने आई थीं। जांच के दौरान दुकान ‎खरीददारों ने पूर्व सरपंच और सचिव पर गंभीर ‎आरोप लगाए थे।

झरखेड़ा के कैलाश चन्द्र ने ‎बताया कि उन्होंने एक दुकान नीलामी में‎ खरीदी थी जिसकी कीमत दो लाख 86 हजार‎ रुपए निर्धारित की गई थी, लेकिन उन्हें दुकान‎की खरीद रसीद मात्र 65 हजार रुपए की ही दी ‎गई।

वहीं मुलीबाई ने बताया 1 लाख 8 हजार नगद भुगतान करने पर उन्हें मात्र 45‎ हजार रुपए की रसीद दी गई। इसी तरह‎ जगदीश विश्वकर्मा ने बताया कि एक दुकान‎ उन्होंने नीलामी में खरीदी थी, जिसकी कीमत‎ एक लाख थी जो उन्होंने पूर्व सरपंच को नगद‎ दिए थे।

लेकिन उन्हें मात्र 45 हजार रुपए की‎ रसीद दी गई। लखन मेवाड़ा ने बताया कि‎ उन्होंने दुकान के लिए 1 लाख 40 हजार ‎नगद पूर्व सरपंच को दिए, उन्हें भी मात्र 45 ‎हजार की रसीद दी गई।‎

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