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मंगल ग्रह पर मिला पानी का भंडार! भर जाएगा एक महासागर, जानें पूरा मामला

मंगल ग्रह की सतह के नीचे तरल पानी का भंडार हो सकता है। यह पानी ग्रह की सतह के नीचे मौजूद टूटी हुई आग्नेय चट्टानों में होने का अनुमान है। वैज्ञानिकों को लगता है कि इस पानी से एक महासागर भर जाएगा। यह निष्कर्ष नासा के रोबोट इनसाइट लैंडर से मिले भूकंपीय डेटा को टटोलने के बाद निकाले गए हैं। रिसर्चर्स ने कहा है कि मंगल ग्रह की सतह से लगभग 7.2 से 12.4 मील (11.5 से 20 किलोमीटर) नीचे मौजूद यह पानी सूक्ष्मजीवी जीवन (microbial life) को बनाने के लिए अनुकूल परिस्थितियां देता है फ‍िर चाहे हम आज के संदर्भ में बात करें या अतीत की। 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यह स्‍टडी जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में पब्लिश हुई है। इसमें कहा गया है कि मंगल ग्रह की सतह के नीचे आग्नेय चट्टानें जिस गहराई में मौजूद हैं, वह जगह इतनी गर्म है कि पानी को लिक्विड फॉर्म में रख सकती है। गहराई कम होने पर पानी, बर्फ बन जाएगा। 

रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी पर भी एक निश्चित गहराई में सूक्ष्मजीवी जीवन मौजूद है। वहां भी चट्टानों में पर्याप्‍त पानी है। 

नासा के जिस इनसाइट लैंडर के डेटा से यह जानकारी मिली है, वह साल 2018 में धरती पर उतरा था। लैंडर ने ग्रह की कई परतों, उसके लिक्विड मेटल कोर से लेकर मेंटल और क्रस्‍ट तक के बारे में डेटा जुटाया था। इनसाइट मिशन 2022 में खत्‍म हो जाएगा।

इनसाइट के डेटा से पता चला है कि लिविक्‍ड वॉटर का भंडार ग्रह की सबसे बाहरी परत यानी उसकी सतह के नीचे टूटी हुई आग्नेय चट्टानों के अंदर मौजूद है। माना जाता है कि ये चट्टानें लावा के ठंडा होने और जमने से बनी हैं।

वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर उस पानी को निकाला जाए, तो मंगल की पूरी सतह पर एक से दो किलोमीटर गहरा महासागर बन सकता है। वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि शुरुआत में मंगल ग्रह की सतह पर भी पानी हुआ करता होगा। तब वहां की सतह आज की तुलना में ज्‍यादा गर्म रही होगी। इस रिसर्च से मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं का पता लगाने में मदद मिल सकती है। 
 

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2024-08-14 08:16:04
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