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‘गोल्डन गर्ल’ अवनी की संघर्ष की कहानी, 11 की उम्र में हुआ था कार एक्सीडेंट

नई दिल्ली. पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत ने धमाकेदार आगाज किया है. शूटर अवनी लेखरा ने गोल्ड मेडल के साथ भारत का पदकों का खाता खोला है. अवनी ने लगातार दूसरी बार पैरालंपिक का गोल्ड मेडल हासिल किया है. यह कारनामा करने वाली अवनी देश की पहली महिला एथलीट बन गई हैं. अवनी का यहां तक का सफर बहुत संघर्ष भरा रहा है. 11 साल की उम्र में अवनी की कार एक्सीडेंट में रीढ़ की हड्डी टूट गई थी. जिसके बाद उन्हें व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा. छोटी उम्र में व्हीलचेयर के साथ सफर शुरू करने वाली अवनी को उनके पिता ने काफी मोटिवेट किया. उन्होंने बिटिया को पढ़ाई के साथ साथ खेल पर भी ध्यान देने को कहा. फिर क्या था. अवनी ने पढ़ाई के साथ साथ खेल भी मौके तलाशने लगी.

भारत की स्टार पैरा शूटर अवनी लेखरा (Avani Lekhara) ने कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में कहा था कि शूटिंग में उनका रुझान अभिनव बिंद्रा की वजह से बढ़ी. अभिनव ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता था. अवनी का कहना था कि उन्होंने अभिनव बिंद्रा की आत्मकथा ‘अ शॉट एट हिस्ट्री’ पढ़ी, जिसके बाद उनका निशानेबाजी में दिलचस्पी बढ़ने लगी. तभी से ही उन्होंने इसे अपना करियर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने लगीं. कमर के नीचे के हिस्से में लकवा मारने के कारण अवनि व्हीलचेयर पर निर्भर हैं.

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