पिछली बार नगर पालिक निगम का परिषद सम्मेलन 28 जुलाई को हुआ था, लेकिन तब महापौर को डरपोक कहने पर स्थगित कर दिया गया था। सोमवार को फिर सुबह 11 बजे से सम्मेलन हुआ जो रात पौने आठ बजे तक चला। इसमें बीच-बीच में हंगामा भी होता रहा। शाम पौने छह बजे सम्मेलन और
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महापौर माधुरी अतुल पटेल की अध्यक्षता में इंदिरा कॉलोनी स्थित परमानंद गोविंदजीवाला ऑडिटोरियम में हुए सम्मेलन में दोपहर में लेखाधिकरी बसंत पाटिल को हटाए जाने को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया गया। बैठक के दौरान ही लेखाधिकारी पर लगे आरोपों के कारण उन्हें हटाए जाने को लेकर प्रस्ताव लिया गया, लेकिन फिलहाल उन्हें हटाया नहीं गया है।
वहीं शाम पौने छह बजे फिर से हंगामा हो गया। यह हंगामा इतना बड़ा कि विपक्ष के पार्षद बैठक छोड़कर चले गए। निगम अध्यक्ष अनीता अमर यादव ने सम्मेलन स्थगित कर 5 नवंबर को रखने की बात कही थी, लेकिन सत्तापक्ष ने दो अन्य पार्षदों को सभापति बनाकर रात पौने आठ बजे तक तक सदन की कार्रवाई पूरी कराई।
आयुक्त ने कहा- शाम तक 60 से अधिक समस्याओं पर चर्चा हुई। बजट पर भी समय देना जरूरी था। इसलिए बैठक जारी रखी। कोरम पूरा रहा।
48 पार्षदों ने सवाल लगाए थे, आयुक्त-महापौर ने दिए जवाब परिषद की बैठक से पहले नगर के 48 वार्डों के पार्षदों ने जो सवाल लगाए थे उसके जवाब देने के लिए भी बैठक रखी गई थी। साथ ही बजट पर भी चर्चा होना थी। इसमें सभी पार्षदों को एक-एक कर अपनी बात रखना थी, लेकिन कई बार अपनी बात रखते समय विपक्ष ने विरोध जताया और लापरवाही पर हंगामा भी किया। रात पौने आठ बजे तक भी सम्मेलन जारी रहा।
पूर्व महापौर बोले- नियमानुसार सम्मेलन हुआ विपक्षी पार्षदों के सदन से चले जाने की बात पर पूर्व महापौर अतुल पटेल ने कहा-दो बार के पार्षद विनोद पाटिल को सभापति बनाया गया। सभापति अनीता यादव को जल्दी जाना होगा। सभापति काम ही नहीं करना चाहती। किसी ने कोई अपमान नहीं किया। सदन की कार्रवाई हुई है। कोई काम नहीं रूकता। एक सिस्टम बना हुआ है। एक्ट में रूल बना है। पौने छह बजे से पहले अध्यक्ष की सहमति से प्रस्ताव रख दिया गया था। छह बजे विपक्ष के लोग नियम बता रहे थे। तभी रोका जाना था। छह बजे के बाद बैठक नहीं बुलाई जा सकती है, लेकिन लंबी चल सकती है।
उन्होंने कहा कि सम्मेलन कुछ समय के लिए किया जा सकता है, लेकिन अगली तारीख के लिए किया जाता है तो सदन की सहमति ली जाती है। उनकी ही सहमति से बैठक बुलाई थी। पिछली बार भी उन्होंने 15 मिनट के लिए सम्मेलन स्थगित कर दिया था। यहां आज बजट का विषय था। शहर विकास की बात है। वहीं आयुक्त संदीप श्रीवास्तव ने कहा-बैठक में शाम तक 60 से अधिक समस्याओं पर चर्चा हुई। बजट पर भी समय देना जरूरी था। इसलिए बैठक जारी रखी गई। कोरम पूरा रहा। सत्ता पक्ष के पार्षद मौजूद थे। उन्होंने विनोद पाटिल को सभापति नियुक्त कर एजेंडें के प्रस्तावों पर चर्चा की।
बैठक में हंगामा इतना बड़ा कि विपक्ष के पार्षद बैठक छोड़कर चले गए।
निगम अध्यक्ष बोलीं- कलेक्टर से करूंगी शिकायत वहीं नगर निगम अध्यक्ष अनीता अमर यादव ने कहा सम्मेलन काफी देर तक चला था, इसलिए मैंने सम्मेलन स्थगित कर अगले माह की 5 तारीख तय की थी, लेकिन उन्होंने दो पार्षदों को सभापति बनाकर सदन की कार्रवाई की। इसकी शिकायत मैं कलेक्टर से करूंगी।
कांग्रेस नेता अजय रघुवंशी ने कहा अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद का अपमान किया गया है। बजट में बहस करना चाहिए, लेकिन सत्तापक्ष लोगों पर टैक्स लगाना चाहता है। विपक्ष के सवालों से बचने के लिए यह सब किया गया है। आसंदी के अपमान की हम शिकायत करेंगे।
2024-25 का बजट पेश- 2 अरब 9 करोड़ 90 लाख 42 हजार आय का बजट पेश परिषद बैठक में नगर नगर निगम बुरहानपुर का वर्ष 2024-2025 का बजट पारित किया गया। जिसमें कुल राजस्व आय और पूंजीगत कुल बजट 2 अरब 9 करोड़ 90 लाख 42 हजार रूपए। इस प्रकार नगर निगम को व्यय पर आय की बचत 1 लाख हुई का बजट पेश किया गया। शहर की सड़कों का कायाकल्प, स्वास्थ्य सुविधाएं, सफाई के साधन जुटाना, सफाई की जाना, संजीवनी क्लिनिक्स का निर्माण, संपातिकर मूल्य की 25 प्रतिशत की वृद्धि किया जाना भी प्रस्तावित किया गया। 2 बार के वरिष्ठ पार्षद संभाजी सगरे, 2 बार के चुने हुए पार्षद विनोद पाटिल को सभापति के रूप में चयन किया गया।
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