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मच्छर मारने के दावों पर भारी डेंगू-चिकनगुनिया के केस

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग व निगम मच्‍छरों से होने वाली बीमारियों के खिलाफ जंग होने जैसा अभियान शुरू करने का दावा कर रहा है। साथ ही दावा कर रहा है कि पूरे शहर में 135 टीमें काम कर रही हैं। लेकिन विभागों के इन दावों पर डेंगू व चिकनगुनिया के सामने आ रहे केस भारी पड रहे हैं।

By Anoop Bhargav

Publish Date: Thu, 24 Oct 2024 10:20:23 AM (IST)

Updated Date: Thu, 24 Oct 2024 10:20:23 AM (IST)

स्कूल में बच्चों को डेंगू से बचाव की जानकारी देतीं महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता।

HighLights

  1. स्वास्थ्य विभाग के 135 लोगों की टीम मैदान में उतरी
  2. फिर भी नहीं लग पा रहा बीमारियों पर अंकुश
  3. 23 सैंपल की जांच में 11 चिकनगुनिया केस मिले हैं

नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। मच्छरजनित बीमारियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने युद्ध जैसा अभियान छेड़ दिया है। दोनों विभागों की करीब 135 लोगों की टीमें मच्छरों के उन्मूलन और लार्वा नष्ट करने में जुटी हैं, ऐसा दावा दिन-प्रतिदिन किया जा रहा है। इसके बावजूद मच्छरों का आतंक कम नहीं कर पा रही हैं। ये मच्छर महज डेंगू ही नहीं फैला रहे, बल्कि हड्डी तोड़ चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ा रहे हैं। दावों पर आकड़े भारी पड़ रहे हैं।

आंकड़े बता रहे हैं कि डेंगू और चिकनगुनिया के केसों में बढ़ोत्तरी हो रही है। पिछले तीन दिन में चिकनगुनिया के 35 मामले सामने आ चुके हैं। इधर डेंगू की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब तक डेंगू के 1135 मरीज मिल चुके हैं, जबकि नगर निगम के साथ स्वास्थ्य विभाग लार्वा सर्वे के साथ लगातार फागिंग करने का दावा कर रहा है।

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बुधवार को गजराराजा मेडिकल कालेज की लैब में 23 सैंपल की जांच में 11 चिकनगुनिया केस मिले हैं, जबकि सोमवार को दस व मंगलवार को 14 केस सामने आए थे। वहीं इन तीन दिनों में डेंगू के केसों की बात करें तो सोमवार को 17, मंगलवार को 17 और बुधवार को 19 नए केस सामने आए। इधर स्वास्थ्य विभाग बीमारियों की रोकथाम का दावा करते नहीं थक रहा है। विभाग का दावा है कि सर्वे कार्य में लगी टीमें अब तक छह लाख से ज्यादा घरों का सर्वे कर चुकी हैं।

सर्वे के साथ आमजन को डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव की जानकारी भी दी जा रही हैं, लेकिन पाजिटिव केस मिलने का सिलसिला थमते नहीं दिख रहा है। इसलिए कहलाता है हड्डी तोड़ बुखार: चिकनगुनिया वायरल बीमारी है जो मच्छरों के काटने से होती है। इसे हड्डी तोड़ बुखार इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें बुखार के साथ-साथ सीवियर ज्वाइंट और मसल्स पेन होता है। जोड़ों में दर्द इतना भयावह होता है कि मरीज न तो बैठ पाता है और न ही उठ पाता है। वहीं बुखार भी बहुत तेज आता है। इसके साथ ही सिर दर्द, थकान, जी-मिचलाना या उल्टियां होना और शरीर पर लाल चकत्ते होना भी इसके लक्षण हैं।

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निगम अमले ने डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में कराई फाकिंग

डेंगू-मलेरिया की रोकथाम के लिए निगम प्रशासन और जिला प्रशासन द्वारा निरंतर शहर के डेंगू प्रभावित क्षेत्रों के साथ ही अन्य सभी बस्तियों, मोहल्लों एवं कालोनियों में फागिंग और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है। बुधवार को निगम अमले ने बालाबाई का बाजार, सुपर बाजार छापाखाना के पीछे, रमटापुरा, प्रेम नगर, कुंज विहार फेज एक और दो, शताब्दीपुरम, गुदड़ी मोहल्ला, दीनदयाल नगर ए व एम ब्लाक, नाका चंद्रवदनी, समाधिया कालोनी, आनंद नगर, गोल पहाड़िया सहित विभिन्न क्षेत्रों में फागिंग का कार्य कराया।

डेंगू के 19, चिकनगुनिया के 11 नए केस मिले

गजराराजा मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल की लैब में 319 सैंपल की जांच में 19 नए डेंगू केस मिले। वहीं गजराराजा मेडिकल कालेज की लैब में 23 सैंपल की जांच में 11 चिकनगुनिया के केस मिले। बुधवार को डेंगू और चिकनगुनिया के नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग की 110 टीमों ने प्रभावित क्षेत्रों के पांच हजार 652 घरों का सर्वे किया। इनमें 295 घरों में लार्वा मिला। इसे नष्ट कराया गया। अभी तक 17 हजार 434 सैंपल की जांच में 1134 पाजिटिव केस मिले हैं। इसके साथ ही मलेरिया विभाग की टीमें स्कूलों में पहुंचकर बच्चों को मच्छरजनित बीमारियों से बचाव की जानकारी के साथ शपथ भी दिला रही हैं।

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