इंदौर का बजाजखाना चौक
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के व्यापार और व्यवसाय की प्रदेश ही नहीं वरन देश में भी एक अलग पहचान है। रियासतकाल में इंदौर का बाजार जिस तेजी से समृद्ध हुआ, उसके लिए इंदौर का होलकर राज्य की राजधानी बनना मिल का पत्थर साबित हुआ। 1818 में इंदौर का होलकर रियासत की राजधानी बना। इसके बाद राजबाड़े का निर्माण हुआ और फिर इसके आसपास नगर का बाजार तेजी से विकसित हुआ।
राजस्थान से नगर में मारवाड़ी परिवारों का आगमन हुआ, और उन्होंने नगर के व्यापार को गति प्रदान की। नगर में अब आधुनिक किस्म के बाजार और मॉल कल्चर का विकास हुआ पर प्राचीन इंदौर में भी नगर के पहले ऐसे मॉल का विकास हुआ था, जहां सभी सामग्री एक ही इलाके में सरलता से मिल जाया करती थी। यह प्राचीन मॉल बजाजखाना चौक का ऐतिहासिक कपड़ा बाजार था। इसकी प्रसिद्धि प्रदेश में गहरी थी।
हल्दी बाजार था मारोठिया
बजाजखाना के आसपास बर्तन बाजार, सराफा, हल्दी बाजार (अब मारोठिया बाजार) बोहरा बाजार और सांठा बाजार स्थित थे। इन बाजारों में सभी जरूरत की सामग्री मिल जाया करती थी। बजाजखाना चौक के विकास की कहानी 1844 के करीब आरंभ हुई थी। महाराजा तुकोजीराव द्वितीय के विशेष प्रयासों से यह गुलजार हुआ। बजाजखाना चौक के कपड़ा बाजार में विकास का उल्लेख इंदौर के अंग्रेज योजनाकार पैट्रिक गिडीज ने 1918 में नगर के मास्टर प्लान में भी उल्लेख किया है।
चौकार आकार में किया निर्माण
बजाज खाना चौक की दुकानों और बाजार का निर्माण चौकोर आकार में किया गया था। बाजार में चारों और दुकानें और मध्य में सब्जी की दुकानें थी। 1936-37 में ये दुकानें हटा कर बगीचा बना दिया गया था। इस बगीचे का नामकरण प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हजारीमल जड़िया के नाम पर किया गया था। 2010 में इस बगीचे के स्थान पर मल्टी स्टोरी पार्किंग बना दिया दिया गया।
1921 में होता था एक करोड़ का कारोबार
1921 में बजाजखाना चौक का कपड़ा मार्केट का सालाना व्यापार एक करोड़ रुपये से अधिक था। बाद में यह कपड़ा मार्केट छोटा लगने लगा, इसलिए समीप ही नए कपड़ा बाजार का निर्माण किया गया था।
1932 में सोडियम वैपर लैंप लगे
इंदौर नगर में बिजली आने के 22 वर्ष बाद पहली बार 1932 में बजाजखाना चौक में निगम ने सोडियम वैपर लैंप लगवाए थे। 1985 में चौक के मध्य एक व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स के निर्माण की योजना भी बनाई गई थी। आज भी बजाजखाना चौक नगर का विविध सामग्री का बाजार है। नगर के इतिहास का यह सबसे पुराना और करीब 180 साल पुराना प्रसिद्ध बाजार है। आज भी यह बाजार नगर के मध्य में अपनी प्रसिद्धि के लिए जाना जाता है और यहां बारहों महीने खरीदारों से रौनक रहती है। यहां और आसपास के बाजारों में जन्म से लेकर अंतिम संस्कार तक की संपूर्ण सामग्री मिलती है।
Source link
#दवल #वशष #इदर #क #परन #बजर #म #सल #परन #बजजखन #चक #क #खनक #आज #भ #कयम
https://www.amarujala.com/madhya-pradesh/indore/special-on-diwali-the-sound-of-180-year-old-bajajkhana-chowk-still-persists-in-the-old-markets-of-indore-2024-10-23
2024-10-22 19:53:29