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1800 करोड़ के ड्रग्स मामले में फैक्ट्री मालिक अरेस्ट: 21 दिनों से फरार था जयदीप सिंह; तीन आरोपी पहले हो चुके हैं गिरफ्तार – Bhopal News

भोपाल में 1800 करोड़ रुपए से ज्यादा की ड्रग पकड़े जाने के बाद से फरार फैक्ट्री मालिक जयदीप सिंह को कटारा हिल्स पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के मोबाइल फोन को 21 दिन तक सर्विलांस रखा गया था। इसी के आधार पर पुलिस को आरोपी की लोकेशन मिली

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पुलिस ने जयदीप सिंह को जेके रोड स्थित एक घर से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने बागरोदा में फैक्ट्री लेने के बाद एसके सिंह नाम के भेल के रिटायर्ड अधिकारी को नियम खिलाफ बेचा था। इसी फैक्ट्री में आरोपी सान्याल बाने, अमित चतुर्वेदी ड्रग बनाते रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए थे।

जिस फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई की गई, वह भोपाल के नजदीक बगरोदा गांव के इंडस्ट्रियल एरिया में है, जो कटारा हिल्स थाना इलाके में आता है। कार्रवाई के बाद भोपाल पुलिस ने इस फैक्ट्री के मालिकों पर एफआईआर दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इसी मामले से जुड़े तीसरे आरोपी हरीश आंजना (उम्र 32 वर्ष) और प्रेमसुख पाटीदार निवासी मंदसौर को भी गिरफ्तार किया है।

कटारा हिल्स पुलिस की गिरफ्त में आया आरोपी जयदीप सिंह।

फैक्ट्री में हो रहा था मादक पदार्थ मेफेड्रोन (एमडी) बनाने का काम

यह सूचना मिली थी कि भोपाल का अमित चतुर्वेदी और नासिक- महाराष्ट्र का सान्याल बाने भोपाल के बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री की आड़ में मादक पदार्थ मेफेड्रोन (एमडी) के अवैध निर्माण और बिक्री में शामिल हैं। जिसके बाद गुजरात एटीएस के सीनियर अधिकारियों को इसके बारे में बताया गया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

फैक्ट्री में तलाशी के दौरान कुल 907.09 किलोग्राम मेफेड्रोन (ठोस और तरल दोनों रूप में) मिला। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी अनुमानित कीमत करीब 1814.18 करोड़ रुपए है।

ड्रग्स बनाने की सामग्री जब्त की थी

छापामार कार्रवाई 5 अक्टूबर को की गई थी। इस दौरान पता चला कि यहां मादक दवा मेफेड्रोन (एमडी) बनाने का काम चल रहा था। इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाला करीब 5 हजार किलोग्राम कच्चा माल और उपकरण भी मिले। इनमें ग्राइंडर, मोटर, ग्लास फ्लास्क, हीटर और अन्य उपकरण शामिल हैं। इन सभी सामग्रियों को आगे की जांच के लिए जब्त कर लिया गया।

फैक्ट्री में मौजूद केमिकल बनाने का सामान।

फैक्ट्री में मौजूद केमिकल बनाने का सामान।

रोजाना तैयार कर रहे थे 25-30 किलो ड्रग्स

गुजरात में पकड़ाए कुछ ड्रग्स डीलर्स से गुजरात एटीएस को इस फैक्ट्री की जानकारी मिली थी। इसके बाद से ही गुजरात एटीएस डेढ़ महीने से फैक्ट्री पर नजर रख रखी थी। जानकारी पक्की होने पर एटीएस ने दिल्ली एनसीबी से संपर्क किया। इसके बाद संयुक्त रूप से कार्रवाई की गई।

बताया जा रहा है कि फैक्ट्री की मशीनें और सिस्टम इतने आधुनिक और उच्च क्षमता वाले थे आरोपी पिछले छह महीने से रोजाना 25 से 30 किलो ड्रग्स तैयार कर रहे थे। आरोपियों ने फैक्ट्री 6 महीने पहले किराए पर ली थी। फैक्ट्री के मालिक का नाम जयदीप सिंह है। 8 साल पहले फैक्ट्री को निर्माण के लिए लीज पर लिया था। फर्नीचर निर्माण के नाम पर इस जमीन को लिया गया था।

फैक्ट्री में बिना फेस मास्क दम घुटने लगा

पुलिस के मुताबिक, अमित और सान्याल की इस फैक्ट्री में बिना फेस मास्क के जाना संभव नहीं था। कि यहां रोज 25-30 किलो एमडी ड्रग्स का उत्पादन होता था। जांच के लिए पहुंची टीम ने फैक्ट्री में एंट्री को तो कुछ ही देर बाद दम घुटने लगा। इसके बाद केमिकल रेजिस्टेंस मास्क मंगवाए गए, जिन्हें पहनकर टीम ने जांच की।

मुख्य आरोपी पांच साल जेल में रह चुका है

आरोपियों में सान्याल प्रकाश बाने (उम्र 40 वर्ष) महाराष्ट्र के नासिक का रहने वाला है और अमित चतुर्वेदी (उम्र 57 वर्ष) भोपाल का रहने वाला है। सान्याल प्रकाश बाने को इससे पहले साल 2017 में महाराष्ट्र के अंबोली पुलिस स्टेशन इलाके में एक किलो एमडी ड्रग्स के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उसे पांच साल की जेल भी हुई थी। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने दोस्त अमित चतुर्वेदी से संपर्क किया और एमडी ड्रग्स बनाने और बेचने का प्लान बनाया।

इस योजना के अनुसार, उन्होंने सात महीने पहले भोपाल के बगरोदा गांव पास इंडस्ट्रियल एरिया में एक शेड किराए पर लिया था और पिछले छह महीनों से एमडी ड्रग्स तैयार कर रहे थे। गुजरात ATS और NCB ने भोपाल स्थिति फैक्ट्री में रेड के दौरान आरोपी अमित प्रकाशचंद्र चतुर्वेदी और सान्याल बाने को गिरफ्तार किया था।

आरोपी मंदसौर निवासी हरीश आंजना को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

आरोपी मंदसौर निवासी हरीश आंजना को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

MD ड्रग्स की कीमत 1814 करोड़ रुपए कैसे

1 किलो एमडी ड्रग्स की इंटरनेशनल मार्केट में कीमत 5 करोड़ रुपए है। भोपाल फैक्ट्री से ऐसा तैयार ड्रग्स कुल 60 किलो पकड़ा गया है, जिसकी कीमत दिल्ली एनसीबी द्वारा 300 करोड़ आंकी गई है। यह हार्ड फॉर्म में था। लिक्विड मेफेड्रोन की बाजार कीमत 1.5 करोड़ रुपए प्रति लीटर है, वह 840 लीटर मिला है। इसकी कुल कीमत 1260 करोड़ आंकी गई है। एमडी ड्रग्स तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले एसीट्रोन, सॉल्वेंट और ब्रोमीन जैसे रॉ मटेरियल 4000 लीटर बरामद हुए। इनकी कीमत करीब 300 करोड़ आंकी गई है। इस तरह ड्रग्स की कुल कीमत 1814 करोड़ रुपए होती है।

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