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उपचुनाव जहां, खाद सिर्फ वहां: प्रदेश में जरूरत का 5% डीएपी भी नहीं पहुंच रहा – Bhopal News

किसानों की पसंदीदा खाद डाई-अमोनियम फास्फेट (डीएपी) का वितरण मप्र में सियासी खेल बन गया है। प्रदेशभर के किसान रात-रात भर डीएपी के लिए कतारें लगा रहे हैं। दूसरी ओर, जिन दो विधानसभा सीटों बुदनी (सीहोर जिला) और विजयपुर (श्योपुर जिला) में उपचुनाव हैं, वहा

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इनसे सटे जिलों में किसान सोसायटी के चक्कर काट रहे हैं, पर उन्हें टका सा जवाब मिल रहा है- ‘जब रैक आएगी तो डीएपी मिल जाएगा।’ दैनिक भास्कर के रिपोटर्स गुरुवार-शुक्रवार को एक साथ 25 जिलों में पहुंचे, जहां हालात खासे खराब हैं। कई जगहों पर डीएपी खाद के लिए संघर्ष हो रहा है या हो चुका है। सीहोर से सटे रायसेन जिले के दो गोदाम गौहरगंज और औबेदुल्लागंज में डीएपी नहीं है। भोपाल जिले की राप​ड़िया सोसायटी, रायसेन की सलकनी सोसायटी में भी यही हाल हैं।

शाहगंज में गोदाम इंचार्ज बोले- केंद्रीय कृषि मंत्री का क्षेत्र, डीएपी की यहां कमी नहीं

सीहोर जिले के शाहगंज सरकारी गोदाम के इंचार्ज रविकांत उपाध्याय केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को अब भी सीएम कहते हैं। भास्कर ने पूछा तो बोले- सीएम का क्षेत्र है, डीएपी खाद की कोई कमी नहीं है। कम होता है तो डीएमओ को बता देते हैं, डीएपी मिल जाता है। बुदनी का शाहगंज क्षेत्र शिवराज की विधानसभा सीट में आता है।

इस बार 2.33 लाख टन डीएपी, पर वितरण 1.11 लाख टन का अक्टूबर 2023 तक मप्र के पास 5.04 लाख टन डीएपी था। बिक्री 3.15 लाख टन की हुई। इस बार अक्टूबर 2024 तक 2.33 लाख टन डीएपी है, बांटा 1.11 लाख टन ही।

बुदनी : डबललॉक में छिपाकर रखा डीएपी, ट्रैक्टरों में ताबड़-तोड़ लोडिंग हो रही…

1. बुदनी : शाहगंज का सरकारी गोदाम जिसमें डीएपी 121 टन, यूरिया 1000 टन, सुपर 25 टन और एनपीके 24 टन रखा है। कोई किसान लेने वाला नहीं। गोदाम इंचार्ज रविकांत उपाध्याय कहते हैं, 22 अक्टूबर को 200 टन व 23 अक्टूबर को 50 टन डीएपी मिला। इसके पहले 9 अक्टूबर को भी 100 टन डीएपी मिला।

  • इसी सरकारी गोदाम से जुड़ी बुदनी प्राथमिक साख सहकारी समिति के इंचार्ज संजय राजपूत ने बताया, 25 टन डीएपी रखा है, 60% किसानों को एडवांस डीएपी दे चुके हैं। जब भी रैक लगता है, मंडीदीप से यहां डीएपी खाद पहुंच जाती है। गुरुवार को भी ट्रैक्टरों में ताबड़-तोड़ खाद लोड हो रही थी।
  • बुदनी सीहोर जिले में आता है। यहां रेहटी व नसरुल्लागंज गोदाम से भी डीएपी बंट रहा है। लाइन लगी है।

2. विजयपुर : कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत की सीट पर भी कोई कमी नहीं है। एक अक्टूबर से 400 टन डीएपी खाद श्योपुर जिले में रखवा दिया गया। इसी जिले में विजयपुर सीट आती है। अभी 23 अक्टूबर तक 301 टन डीएपी बंट गया है। 8.27 टन शेष रखा है। कहीं भी कतार नहीं है। मारा-मारी भी नहीं। करीब 3307 किसान डीएपी लेकर जा चुके हैं।

प्रदेश में सब जगह डीएपी पहुंच रहा है, अभी और रैक आई हैं: कृषि मंत्री कंषाना

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Q. बुदनी-विजयपुर में डीएपी की कमी नहीं है, पड़ोस के जिलों में कतारे हैं? एदल सिंह कंषाना : ऐसा नहीं है। जहां चुनाव नहीं हैं, वहां भी डीएपी पहुंची है। आप बताइए कहां दिक्कत है, मैं कलेक्टर से बात करूंगा। शाहगंज डबल लॉक में डीएपी रखा है तो पता लगाएंगे। Q. मप्र में आखिर डीएपी क्यों नहीं मिल रही? – रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूरोप में स्थिति अनुकूल नहीं है। इसलिए लंबा चक्कर लगाकर डीएपी भारत 25 दिन में पहुंच रहा है। पहले 10 दिन लगते थे। अब रैक पहुंचने लगी हैं। शुक्रवार को ही डीएपी आया है।

अफसरों का तर्क है कि चीन ने खाद के रेट को 496 डॉलर/टन से 630 डॉलर तक पहुंचा दिया। इसलिए संकट हुआ। ​​​​​​​

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