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भोपाल के सरकारी आयुर्वेद कॉलेज को मिला ‘ए’ ग्रेड, देशभर के 221 कालेजों में 37वीं रैंक

भोपाल के पंडित खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद कॉलेज को देशभर में पहली बार कराई गई रैंकिंग में 37वीं रैंक मिली है, जबकि शासकीय कॉलेजों में चौथे स्थान पर है। कुल 552 कॉलेजों में से 221 ने ग्रेड हासिल किया।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Mon, 28 Oct 2024 09:46:37 PM (IST)

Updated Date: Mon, 28 Oct 2024 09:46:37 PM (IST)

रेटिंग से मिलेगी रिसर्च व सीटों में बढ़ोतरी का लाभ।

HighLights

  1. पंडित खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद कॉलेज को ए ग्रेड
  2. देशभर में 552 आयुर्वेद कॉलेजों में से 221 को मिवला ग्रेड
  3. जयपुर का नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद बना प्रथम

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया : भोपाल : देशभर के आयुर्वेद कॉलेजों की पहली बार कराई गई रैंकिंग में भोपाल के पंडित खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद कॉलेज को 37वीं रैंक के साथ ए ग्रेड मिला है। हालांकि, मात्र शासकीय कॉलेजों की बात करें तो देश के सात कॉलेजों को ए ग्रेड मिला है, जिसमें भोपाल चौथे नंबर पर है।

शासकीय आयुर्वेद कॉलेज जबलपुर को 98 वीं रैंक के साथ बी ग्रेड, शासकीय कॉलेज इंदौर को 89 रैंक के साथ बी ग्रेड मिला है। रीवा, उज्जैन, ग्वालियर और बुरहानपुर के आयुर्वेद कॉलेज कोई ग्रेड हासिल नहीं कर पाए। भोपाल के दो और इंदौर, बैतूल व मंदसौर के एक-एक निजी कॉलेज को भी ग्रेडिंग मिली है।

552 कॉलेजों की ग्रेडिंग

देशभर के 552 कॉलेजों में से 221 ही निर्धारित ए, बी और सी ग्रेड में आ सके हैं। बाकी रेटिंग से बाहर हो गए हैँ। नेशनल कमीशन फार इंडियन सिस्टम आफ मेडिसिन (एनसीआइएसएम) ने सत्र 2024-25 में देशभर के आयुर्वेद कॉलेजों को रेटिंग ग्रेड व रैंक प्रदान किया है।

इसमें जयपुर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद को 99.54 पर्सेंटाइल के साथ प्रथम रैंक मिली है। खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज को 83.11 पर्सेंटाइल अंक मिले हैं। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. राकेश पाण्डेय ने कहा कि निश्चित रूप से यह रैंकिंग छात्र, मरीज व संस्थान के हित में है।

रेटिंग व ग्रेड से लाभ

रेटिंग-ग्रेड मिलने के बाद इन कॉलेजों को रिसर्च, यूजी-पीजी सीटों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ राज्य व केंद्र की आयुष से संबंधित योजनाओं का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। ए ग्रेड प्राप्त कॉलेज एनसीआइएसएम की सहमति पर विद्यार्थियों से पांच प्रतिशत ज्यादा विकास शुल्क लेने के हकदार होंगे जिसका उपयोग संस्थान व कॉलेज हित में होगा।

प्रदेश में सात शासकीय व 29 निजी आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज हैं। रेटिंग नहीं मिलने से नुकसान जिन कॉलेजों को कोई ग्रेड नहीं मिला वह स्नातक और एमडी-एमएस की सीटें नहीं बढ़ा पाएंगे। मान्यता के लिए इन कॉलेजों का निरीक्षण एनसीआइएसएम द्वारा प्रतिवर्ष किया जाएगा।

इन मापदंडों पर होता है मूल्यांकन

शैक्षिणिक गुणवत्ता, संसाधन, लाइब्रेरी, फैकल्टी और डाक्टरों की संख्या, मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाएं, हर्बल गार्डन, प्रोजेक्ट्स, रिसर्च आदि।

कॉलेज को ए ग्रेड मिला है। ए ग्रेड वाले देश के सात शासकीय कॉलेजों को हम चौथे नंबर पर हैं। कई मापदंडों पर चेकलिस्ट के आधार पर मूल्यांकन किया गया है।

-डा. उमेश शुक्ला, प्राचार्य, खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज

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