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BRICS के पार्टनर देशों में पाकिस्तान को जगह नहीं: 13 देशों को मिला दर्जा, इसमें 7 मुस्लिम बहुल देश

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कजान (रूस)5 दिन पहले

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BRICS समिट 2024 का आयोजन रूस के कजान में हो रहा है। इसमें हिस्सा लेने के लिए PM नरेंद्र मोदी मंगलवार (22 अक्टूबर) को पहुंचे थे। - Dainik Bhaskar

BRICS समिट 2024 का आयोजन रूस के कजान में हो रहा है। इसमें हिस्सा लेने के लिए PM नरेंद्र मोदी मंगलवार (22 अक्टूबर) को पहुंचे थे।

BRICS समिट 2024 का आयोजन रूस के कजान में हुआ। इस दौरान BRICS ने 13 देशों को पार्टनर देश का दर्जा दिया है। इसमें अल्जीरिया, मलेशिया, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, नाइजीरिया, तुर्की, उज्बेकिस्तान को मिलाकर 7 मुस्लिम बहुल देश हैं।

इसमें पाकिस्तान को जगह नहीं मिली है। पाकिस्तान ने BRICS देशों में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन उसे पार्टनर देशों में भी जगह नहीं मिल पाई। पार्टनर देश BRICS के औपचारिक सदस्य नहीं होंगे, लेकिन संगठन की प्लानिंग का हिस्सा होंगे।

इस बार 30 से ज्यादा देशों ने BRICS की मेंबरशिप के लिए आवेदन किया था। BRICS समिट में बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा था कि अब नए देशों को शामिल किए जाने से पहले ये ध्यान रखा जाएगा कि इससे संगठन की कार्य क्षमता पर कोई असर न पड़े।

पाकिस्तान के पार्टनर देश न बन पाने की वजह

पाकिस्तान को पार्टनर देशों में शामिल न होने लेकर 18 अक्टूबर को रूस के डिप्टी PM ने बताया था कि इस पर सदस्य देशों में आम सहमति बन पाई है। दूसरी तरफ BRICS देशों के उभरते हुई अर्थव्यवस्था और बाजार वाले क्राइटेरिया में पाकिस्तान फिट नहीं बैठता है।

1) कमजोर इकोनॉमी- फाइनेंस सबसे बड़ी वजह है। BRICS सीधे तौर पर दुनिया का सबसे संपन्न माने जाने वाले आर्थिक संगठन G7 को टक्कर देता है। ऐसे में पाकिस्तान को इसमें शामिल करने से संगठन आर्थिक रूप से कमजोर होगा।

2) मतभेद बढ़ने का डर – पाकिस्तान के ब्रिक्स में शामिल होने से संगठन की हालत सार्क (SAARC) जैसी न हो जाए। दरअसल, सार्क संगठन साउथ एशियाई देशों में तालमेल बैठाने के लिए बनाया गया था। भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका इसके सदस्य देश हैं।

हालांकि, भारत-पाकिस्तान के बीच सख्त मतभेदों की वजह से संगठन ठीक से काम नहीं कर पाता है। जिससे उसकी अहमियत पर सवाल खड़े होते हैं। BRICS में पाकिस्तान के शामिल होने से उसकी स्थिति SAARC जैसी होने की काफी संभावनाएं हैं।

3) विदेश नीति- तीसरी और आखिरी वजह पाकिस्तान की विदेश नीति है। जो कॉन्क्रीट नहीं है। पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर पार्टनर ढूंढता है। फिर उनसे मदद मांगता है। पाकिस्तान कर्ज जीवी है यानी कर्ज के सहारे जीने वाला।

रूस में BRICS समिट 2024 की 5 तस्वीरें…

जिनपिंग, पुतिन और मोदी मंगलवार को डिनर और म्यूजिक कॉन्सर्ट में शामिल हुए।

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PM मोदी BRICS के लिए कजान एक्सपो सेंटर पहुंचे।

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एक्सपो सेंटर में BRICS नेताओं का फोटो सेशन हुआ।

एक्सपो सेंटर में BRICS नेताओं का फोटो सेशन हुआ।

PM नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गले मिले।

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PM मोदी ने UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान से मुलाकात की।

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BRICS प्लस में बोले जयशंकर- बातचीत से निकलने संघर्षों का हल

रूस में आज BRICS प्लस की मीटिंग में भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिस्सा लिया। इस दौरान जयशंकर ने कहा कि BRICS इस बात का सबूत है कि दुनिया बदल रही है। BRICS ग्लोबल साउथ में वास्तविक बदलाव ला सकता है। उन्होंने कहा-

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दुनिया आगे बढ़ चुकी हैं, लेकिन कुछ पुराने मुद्दे और जटिल हो गए हैं। संघर्षों का प्रभावी ढंग से समाधान करना आज की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि आज का युग युद्ध का नहीं है। विवादों और मतभेदों का समाधान बातचीत और कूटनीति से किया जाना चाहिए। पश्चिम एशिया की स्थिति हमारे लिए एक चिंता का विषय है। इस संघर्ष के बढ़ने से मानवता के लिए गंभीर परिणाम होंगे।

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इस मीटिंग में कुल 28 देश और 5 अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हुए। मीटिंग के बाद BRICS देशों का साझा बयान यानी कजान डिक्लेरेशन जारी होगा।

इस मीटिंग में कुल 28 देश और 5 अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल हुए। मीटिंग के बाद BRICS देशों का साझा बयान यानी कजान डिक्लेरेशन जारी होगा।

BRICS समिट 2024 में बुधवार को PM मोदी ने समिट से अलग चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय बैठक की थी। दोनों के बीच 5 साल बाद हुई इस मीटिंग में सीमा विवाद को जल्द से जल्द निपटाने, आपसी सहयोग और आपसी विश्वास को बनाए रखने पर जोर दिया गया।

2020 में गलवान झड़प के बाद दोनों नेताओं की यह पहली बाइलैटरल मीटिंग थी। 50 मिनट की बातचीत में PM मोदी ने कहा-

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हम 5 साल बाद औपचारिक रूप से बैठक कर रहे हैं। पिछले 4 सालों में सीमा पर पैदा हुई समस्याओं पर जो सहमति बनी है, उसका हम स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों की नींव बनी रहनी चाहिए।

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जिनपिंग ने भी दोनों देशों को अपने मतभेदों को सही तरीके से संभालने पर जोर दिया। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने विकास के सपनों को साकार करने के लिए कम्युनिकेशन और आपसी सहयोग को मजबूत करना चाहिए। भारत और चीन को संबंध स्थिर बनाए रखने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए, जिससे दोनों देशों के विकास लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिल सके।

दोनों देशों में आगे के लिए रणनीति बनी PM मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया। इसके मुताबिक, दोनों नेताओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से सैनिकों के पीछे हटने और 2020 में शुरू हुए विवाद को सुलझाने के लिए हुए पेट्रोलिंग समझौते का स्वागत किया।

सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि जल्द ही बैठक करेंगे। इसमें भारत की तरफ से NSA अजीत डोभाल और चीन की तरफ से विदेश मंत्री वांग यी शामिल होंगे।

इससे पहले 21 अक्टूबर को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया था कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर समझौते पर सहमति बन गई है। इससे मई, 2020 से पहले की स्थिति वापस आएगी। पढ़ें पूरी खबर

बाइलैटरल मीटिंग की फोटो। दोनों नेताओं ने करीब 50 मिनट बातचीत की।

बाइलैटरल मीटिंग की फोटो। दोनों नेताओं ने करीब 50 मिनट बातचीत की।

चीन बोला- मतभेदों को सुलझाने पर जोर रहेगा जिनपिंग और मोदी की मुलाकात पर चीन ने भी बयान जारी किया। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, ”दोनों देशों ने आपस में संपर्क और सहयोग बढ़ाने के अलावा असहमतियों और मतभेदों को सुलझाने पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने विकास के मामले में एक-दूसरे को सहयोग करने की भी वकालत की है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों में भी कंधे से कंधे मिलाकर चलने की बात हुई है।”

मोदी बोले- BRICS देश 40% मानवता और 30% इकोनॉमी के प्रतिनिधि बुधवार को कजान में हुई BRICS समिट के दौरान PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि नए देशों के शामिल होने के बाद BRICS विश्व की 40% मानवता और लगभग 30% इकोनॉमी का प्रतिनिधित्व करता है। 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी वाला ये संगठन सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम है।

साथ ही PM मोदी ने भारत के UPI पेमेंट सिस्टम को बड़ी उपलब्धि बताते हुए इसे BRICS देशों के साथ शेयर करने के इच्छा जाहिर की। उन्होंने भारत के मिशन लाइफ, एक पेड़ मां के नाम अभियान से जुड़़ने के लिए BRICS देशों को न्योता दिया।

PM ने बताया कि इस साल BRICS में WTO रिफॉर्म्स, ट्रेड फैसिटिलेशन, सप्लाई चेन, ई-कॉमर्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन को लेकर सहमति बन गई है।

PM ने बताया कि इस साल BRICS में WTO रिफॉर्म्स, ट्रेड फैसिटिलेशन, सप्लाई चेन, ई-कॉमर्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन को लेकर सहमति बन गई है।

अब तक 15 बार हो चुकी है BRICS समिट 2009 में BRIC देशों की पहली समिट हुई थी। इसका आयोजन रूस में हुआ था। इसके बाद 2010 में साउथ अफ्रीका के शामिल होने के बाद इसका नाम बदलकर BRICS हो गया। अब तक 15 बार BRICS समिट हो चुकी है। इस बार 16वीं समिट हो रही है।

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दुनिया की तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं के समूह BRICS की 16वीं समिट रूस के कजान में हुई। इसमें शामिल होने के लिए चीन, ब्राजील, साउथ अफ्रीका समेत 28 देशों के राष्ट्र प्रमुख रूस पहुंचे। यूरोपियन यूनियन (EU) को पछाड़कर BRICS दुनिया का तीसरा सबसे ताकतवर आर्थिक संगठन बन चुका है। पूरी खबर पढ़े…

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