मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस एक नंबवर को मनाया जाएगा। भोपाल के लालपरेड ग्राउंड में आज से इसकी शुरुआत हो चुकी है। स्थापना दिवस पर पूरे प्रदेश में कार्यक्रमों का आयोजन होगा। मध्य प्रदेश कैसे बना और भोपाल को ही इसकी राजधानी क्यों बनाया गया। एमपी के गठन से जुडी ये सारी जानकारी पढ़िए इस खबर में हम आपको बता रहे हैं।
By Prashant Pandey
Publish Date: Wed, 30 Oct 2024 03:26:37 PM (IST)
Updated Date: Wed, 30 Oct 2024 03:31:31 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, भोपाल(Madhya Pradesh Sthapna Diwas 2024)। मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस को एक नवंबर को मनाया जाएगा। 1956 में देश में हुए राज्यों के पुनर्गठन के दौरान मध्य प्रदेश नया राज्य बना था। इतिहास को देखें तो 26 जनवरी 1950 में पहली बार भारत में संविधान लागू किया गया था। इसके बाद पहली बार देश में 1952 में चुनाव हुए थे। चुनाव के बाद संसद के साथ विधान मंडल भी शुरू हुए। मध्य भारत में आने वाले क्षेत्र के अलग-अलग क्षेत्रों को मिलाकर मध्य प्रदेश बना।
देश का दिल है मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश देश के बीचों-बीच स्थित है, इसलिए इसे भारत का दिल भी कहते हैं। जब 1947 में देश को आजादी मिली, तो यह कई हिस्सों में बंटा हुआ था। विंध्य प्रदेश और मध्य भारत को सबसे पहले सेंट्रल एजेंसी से भी अलग किया गया था। आजादी के तीन साल बाद 1950 में बरार और मध्य प्रांत का नाम बदला गया और इसे नया नाम मध्य प्रदेश रखा गया।
इस दौरान सभी प्रदेशों का गठन भाषा के आधार पर किया था। 1950 में भोपाल, विंध्य प्रदेश, मध्य भारत और मध्य प्रदेश की अपनी-अपनी विधानसभाएं भी थीं। 1956 में मध्य प्रदेश का निर्माण भोपाल, विंध्य प्रदेश, मध्य भारत, सेंट्रल प्रोविंस(सीपी) और बरार को मिलाकर हुआ था। मध्य प्रदेश के साथ इसे मध्य भारत के नाम से भी बुलाया जाता था।
राजधानी बनाने के लिए बड़े शहरों के बीच हुई खींचतान
मध्य प्रदेश का बनाने के साथ ही 1956 में भोपाल को इसकी राजधानी बनाया गया। बड़े शहरों इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर और भोपाल के बीच राजधानी बनाने को लेकर खींचतान भी हुई। सबसे पहले तो इंदौर और ग्वालियर को राजधानी बनाए जाने की मांग उठी थी। इसके बाद बड़े शहर जबलपुर का नाम भी इसमें शामिल हो गया।
ऐसे भोपाल बन गई प्रदेश की राजधानी
राज्य पुनर्गठन आयोग ने जब सभी बड़े शहरों की जानकारी ली तो उसमें भोपाल में सबसे ज्यादा भवन मिले। ऐसे सरकार कार्यालयों को बनाने के लिए यह सबसे उपयुक्त जगह थी। इसके बाद भोपाल को राजधानी बनाए जाने पर मुहर लग गई।
भोपाल के नवाब कर रहे थे विरोध
देश को आजादी मिलने के बाद से भोपाल के नवाब लगातार इसका विरोध कर रहे थे। वे भारत के साथ नहीं आना चाहते थे। इस दौरान उन्होंने हैदराबाद के निजाम के साथ मिलकर भारत का विरोध भी शुरू कर दिया था। उनकी इस गतिविधि को रोकने के लिए भी भोपाल को राजधानी बनाने का निर्णय लिया गया। ताकि प्रदेश में सरकार यही से चले।
मध्य प्रदेश से जुडी खास बातें
- मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल थे।
- प्रदेश के पहले राज्यपाल डॉक्टर बी. पट्टाभिसीतारमैया थे।
- 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग कर छत्तीसगढ़ बना।
- मध्य प्रदेश की सीमाएं पांच राज्यों से मिलती हैं।
- प्रदेश के दक्षिण में महाराष्ट्र और उत्तर में उत्तर प्रदेश है।
- प्रदेश के पश्चिम में गुजरात और दक्षिण में महाराष्ट्र है।
- प्रदेश के पूर्व में छत्तीसगढ़ और उत्तर-पश्चिम में राजस्थान है।
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