बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में में हाथियों की मौत के मामले में एसटीएसएफ की टीम ने डॉग स्क्वायड की मदद से 7 खेतों और 7 घरों की तलाशी ली। घटना के संबंध में 5 लोगों से पूछताछ भी की गई। एसटीएसएफ प्रमुख और उनकी टीम डॉग स्क्वॉड के साथ घटनास्थल से 5 किमी के दायरे के इलाके में छानबीन कर रही है और मामले की जांच कर रही है।
By Dheeraj kumar Bajpai
Publish Date: Thu, 31 Oct 2024 12:23:26 PM (IST)
Updated Date: Thu, 31 Oct 2024 12:23:26 PM (IST)
HighLights
- रेंजर रमेश सिंह पटले का दाहिना पैर जख्मी हो गया।
- मंगलवार को झुंड के एक छोटे हाथी ने दौड़ा दिया था।
- संयोग ही था कि वह इस घटना में वो बाल-बाल बच गए।
नईदुनिया, उमरिया(Umaria News)। आधे दर्जन से अधिक हाथियों की मौत से बौखलाए झुंड ने पनपथा कोर के रेंजर पर हमला किया है,इस घटना में रेंजर रमेश सिंह पटले का दाहिना पैर जख्मी हुआ है। बताया जाता है कि घटना की जानकारी पर मौके पर पहुंची पार्क टीम को मंगलवार को हाथी झुंड के एक छोटे हाथी ने दौड़ा दिया था!
दूसरे पार्क कर्मी दूर भाग गए थे
समय रहते दूसरे पार्क कर्मी दूर भाग गए परन्तु पनपथा कोर रेंजर किसी लकड़ी की चोट से गिर गए और उसी समय हाथी बच्चे ने उनके पैर को जख़्मी कर दिया,हालांकि संयोग से इस घटना में वो बाल-बाल बच गए।
अब तक आठ मौत
सोमवार को बीटीआर अंतर्गत खितौली एवम पतौर कोर रेंज के सलखनिया बीट में संदिग्ध परिस्थितियों में चार हाथियों का शव मिला था। चार मौतों के अलावा झुंड में 9 और हाथी थे,इनमें और चार हाथियों की हालत नाजुक थी।
ये घटना नेशनल लेबल पर हलचल मचा दी
आनन फानन में बीमार हाथियों का इलाज शुरू हुआ,पर दुर्भाग्य से इलाज के कुछ घण्टे बाद ही और चार हाथियों की मौत हो गई थी। ये घटना नेशनल लेबल पर हलचल मचा दी,वही वन्यप्रेमी भी निराश है और प्रबन्धन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे है।
विभिन्न द्रष्टिकोण से मौत के कारणों का पता लगा रही
सूत्रों की माने तो इस पूरे मामले की जांच के लिए एसटीएसएफ टीम जबलपुर और भोपाल की टीम मौके पर पहुंची है,और विभिन्न द्रष्टिकोण से मौत के कारणों का पता लगा रही है।
जबलपुर के चिकित्सक की निगरानी में बीमार हाथी इलाजरत है
इनके अलावा बाकी बचे बीमार हाथियों के इलाज के लिए बीटीआर के स्वास्थ्य अधिकारियों के अलावा जबलपुर के चिकित्सक पहुंचे, जिनकी निगरानी में बीमार हाथी इलाजरत है।
फिलहाल मौत के कारणों पर प्रबन्धन खामोश
हाथियों के एक ही झुंड में इतनी बड़ी तादात में मौत होने के पीछे जहरखुरानी या बड़ी मात्रा में कीटनाशक के सेवन की बात कही जा रही है,पर फिलहाल मौत के कारणों पर प्रबन्धन खामोश है।
2018 में इनकी संख्या करीब तीन दर्जन थी
बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में जंगली हाथियों का बड़ा कुनबा रह रहा है,वर्ष 2018 में इनकी संख्या करीब तीन दर्जन थी,जो वर्तमान में अनुमानित 70 से 80 बताये जा रहे है।
सीमावर्ती क्षेत्र से सटे कृषि क्षेत्र में भी इनका हमला होता रहता
इनकी मूवमेंट बांधवगढ़ के अलग अलग परिक्षेत्रों में निरन्तर देखी जा सकती है। सीमावर्ती क्षेत्र से सटे कृषि क्षेत्र में भी इनका हमला होता रहता है,जिससे किसान भी काफी परेशान रहते है।हाथियों के मौत के पीछे कोदो फसल को भी माना जा रहा है।
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