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श्वास एवं छाती रोग विशेषज्ञ बोले-जिन्हें श्वास संबंधी समस्या है दीवाली पर वे पटाखों के धुएं से बचें

कुछ पटाखों में हानिकारक रसायन होते है। जलाने पर निकालने वाला धुआं और गैस, स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता। विशेषकर जिन्हें अस्थमा, श्वास संबंधी कोई समस्या है, उन्हें तो पटाखों के धुएं से बचना चाहिए। मास्क का प्रयोग करना चाहिए। संभव हो तो पीड़ितों को आतिशबाजी वाले स्थान में नहीं जाना चाहिए।

By Deepankar Roy

Publish Date: Thu, 31 Oct 2024 09:09:18 AM (IST)

Updated Date: Thu, 31 Oct 2024 09:09:18 AM (IST)

मध्‍य प्रदेश के जबलपुर में नईदुनिया के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में श्वास एवं छाती रोग विशेषज्ञ डा. जितेंद्र भार्गव ने पाठकों के स्वास्थ्य संबंधी प्रश्नों पर बताया समाधान।

HighLights

  1. धुआं और धूल के कारण श्वास एवं फेफड़े संबंधी समस्या हो सकती है।
  2. मोमबत्ती घर के बाहर आंगन या खुली जगह में जलाएं, अंदर ना रखें।
  3. घर के अंदर जमा होता है तो यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर संक्रमण बनता है।

नईदुनिया, जबलपुर (Health On Diwali)। यदि कुछ समस्या का अहसास होता है तो इनहेलर का उपयोग करें। यह परामर्श श्वास एवं छाती रोग विशेषज्ञ डा. जितेंद्र भार्गव ने बुधवार को नईदुनिया के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में दिए। वह नईदुनिया के पाठकों को श्वास संबंधी समस्याओं के प्रश्नों पर समाधान बता रहे थे। श्वास एवं छाती से संबंधित रोगों से पीड़ित लोगों को उचित उपचार देकर उनका मार्गदर्शन किया।

धूल के कारण श्वास एवं फेफड़े संबंधी समस्या हो सकती

डा. भार्गव ने बताया कि धुआं और धूल के कारण श्वास एवं फेफड़े संबंधी समस्या हो सकती है। कुछ सावधानियां रखकर समस्या से सुरक्षित रह सकते हैं। जैसे कि त्योहार पर दीप जलाते हैं। कुछ लोग मोमबत्ती जलाते हैं। इन्हें घर के बाहर आंगन या खुली जगह में जलाएं। अंदर ना रखें।

प्रकाश वाली आतिशबाजी को घर के अंदर ना जलाएं

पटाखें आंगन एवं खुले स्थान में फोड़ें। फुलझड़ी, चमक वाली बाती या अन्य कोई प्रकाश वाली आतिशबाजी को घर के अंदर ना जलाएं। इनके जलने पर निकलने वाला धुआं जब घर के अंदर जमा होता है तो यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है।

सवाल – मेरे पिता को अस्थमा की समस्या है। वह इनहेलर का उपयोग करते है। कुछ लोग इनहेलर से नुकसान होना बताते है? – प्रतुल शुक्ला, डिंडोरी

जवाब – इनहेलर नुकसानदायक है, यह भ्रांति है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। श्वास संबंधी रोगियों के लिए उपयोगी है। चिकित्सक के बताएं अनुसार उचित मात्रा वाला इनहेलर लेने में कोई समस्या नहीं है। कोई सामग्री का यदि उसकी आवश्यकता से अधिक उपयोग होगा, तो साइड इफेक्ट की आशंका रहती है।

सवाल – पिता को टीबी थी। बड़े भाई को अस्थमा है। मुझे भी बार-बार छींक आती है और सर्दी लग जाती है। गंभीर रोग है क्या? राधाकिशन शर्मा, उमरिया

जवाब – धूल, धुआं के साथ हानिकारक कण श्वास के माध्यम से प्रवेश करता है तो शरीर से छींक के रुप में पहली प्रतिक्रिया मिलती है। यह आवश्यक नहीं है कि कोई बड़े रोग के कारण ऐसा हो। फैमिली हिस्ट्री है, इसलिए एक बार किसी रेस्पेरेटरी स्पेशलिस्ट से जांच करा लें। कई मरीजों में एलर्जी और अस्थमा के लक्षण एक साथ देखे जाते है।

सवाल – पत्नी गर्भवती है। कल पटाखे की आवाज सुनकर वह घबरा गई। इससे बच्चे को नुकसान हो सकता है क्या? – स्वप्निल शर्मा, कटनी

जवाब – ऐसी स्थिति में रक्तचाप देखना महत्वपूर्ण है। वह नियंत्रित है तो कोई घबराने वाली बात नहीं है। तेज अावाज में चौंकना स्भाविक है। हां, यदि अस्थमा या श्वास संबंधी किसी समस्या से गर्भवती पीड़ित है, तो उस स्थिति में जांच जरुरी होती है। अस्थमा के साथ सुरक्षित प्रसव संभव है।

सवाल – मौसम बदलता है तो मुझ़े सर्दी-खांसी की समस्या होती है। खांसते-खांसते छाती में दर्द होने लगता है। बहुत परेशानी होती है? – पुरुषोत्तम रहंगडाले, बालाघाट

जवाब – पहले सूखी खांसी होती है और फिर बलगम आ रहा है। ऐसा लंबे समय तक होता है या फिर बलगम के साथ रक्त आ रहा है तो किसी श्वास रोग विशेषज्ञ से तुरंत मिलना चाहिए। वैसे सर्दी या संक्रमण से श्वास नली में सूजन और सिकुड़न आती है, जिसके कारण खांसी आती है। यह दवा और बचाव से ठीक हो जाती है।

सवाल – मेरी दादी की आयु 70 वर्ष है। उन्हें टीबी थी। दो वर्ष हो गए है। दवा खा रही है फिर भी समस्या बनी हुई है। – अभिषेक गुप्ता, सीधी

जवाब- सामान्य टीबी छह में छह से नौ माह के दवा के कोर्स से रोग दूर हो जाता है। हो सकता है आयु के साथ फेफड़े की दूसरी समस्या हो। उनकी सांस फूलती हो। ऐसे मामले में प्रदूषण के कारण सीओपीडी की समस्या भी होती है। यदि चूल्हे में खाना बनता है तो उन्हें धुएं से दूर रखें। सही जांच और दवा के सेवन से समस्या ठीक हो जाती है।

सवाल – मेरी आयु 56 वर्ष है। बीड़ी फैक्ट्री में हूं। खांसी आती है। छाती में जकड़न जैसी महसूस होती है? – कंधीलाल केवट, तेंदूखेड़ा दमोह

जवाब – आपने बताया आसपास बीड़ी का धुआं उड़ता है, इससे बचें। ठंड, तीव्र गंज, वर्षा, धूल, धुआं के कारण भी खांसी आती है। मास्क लगाएं, कांच वाला हेलमेंट पहने। जब भी अवसर मिले पानी से मुंह अच्छी तरह धोएं। श्वास नली में सिकुड़न-सूजन के कारण भी हो सकता है कि आपको छाती में जकड़न जैसा महसूस हो रहा हो। दमोह जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक से एक बार जांच करा लें।

सवाल – मेरे बच्चे को आरंभ से एलर्जी की समस्या है। उसे टीबी हुई थी। वह अब ठीक हो गई है। यह दोबारा तो नहीं होगी?

जवाब – एलर्जी का उपचार तो यहीं है कि जिसके कारण वह हो रहा है, उससे बचाव का तरीका ढूंढें। टीबी का पूरा कोर्स करने के बाद उसके दोबारा होने की आशंका ना के बराबर होती है। अभी आयु कम है। जैसे-जैसे आयु बढ़ती धीरे-धीरे फेफड़े की ताकत बढ़ेगी, उसकी समस्याएं कम होगी।

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