फिलाडेल्फियाः पेंसिल्वेनिया में मतदाता धोखाधड़ी के बारे में झूठे दावे और मुकदमा करने की घटना ने इस बात की चिंता फिर बढ़ा दी है कि राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार व पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एक बार फिर वहां या अन्य जगह के चुनावी मैदानों में मतदान को पलटने की कोशिश कर सकते हैं, जहां अगले मंगलवार को विजेता का निर्धारण करने की संभावना है। यह आरोप डेमोक्रेटिक पार्टी के रणनीतिकारों की ओर से लगाया गया है। बता दें कि
बारीकी से विभाजित 7 राज्यों समेत राष्ट्रीय स्तर पर हुए जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि ट्रम्प राष्ट्रपति चुनाव से 4 दिन पहले डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा में हैं।
आरोप है कि ट्रम्प की ओर से लगातार झूठे दावे किए जा रहे हैं कि डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन से 2020 में हुई उनकी हार कई राज्यों में व्यापक धोखाधड़ी का परिणाम थी। ट्रंप ने यह आरोप खासकर उन जगहों पर लगाए हैं, जहां वह पिछली बार हार गए थे। डेमोक्रेट्स के अनुसार ट्रंप और उनके समर्थकों ने पेंसिल्वेनिया में इस चुनाव के बारे में निराधार दावे फैलाए हैं।
2020 में चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लेकर हुआ था बवाल
आरोप है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 में ट्रंप ने अपनी जीत का दावा किया था और मतदाता धोखाधड़ी को लेकर इसी तरह की बयानबाजी के कारण ट्रम्प समर्थकों की एक हिंसक भीड़ ने 6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल पर हमला कर दिया था, जो राष्ट्रपति का निर्धारण करने वाली कांग्रेस के चुनावी वोटों की गिनती को रोकने या प्रभावित करने की कोशिश कर रही थी। वकालत समूह प्रोटेक्ट डेमोक्रेसी के पेंसिल्वेनिया नीति रणनीतिकार काइल मिलर ने कहा, “यह चुनाव परिणाम को पलटने के प्रयासों के लिए बीज बोया जा रहा है जो डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ है।” “हमने इसे 2020 में देखा और मुझे लगता है कि ट्रम्प और उनके सहयोगियों ने सबक सीख लिया है।”
ट्रंप ने 31 अक्टूबर को लगाया था बड़ा आरोप
बता दें कि ट्रम्प ने गुरुवार को मतदाता धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत के बाद संदिग्ध मतदाता पंजीकरण फॉर्म की जांच शुरू होना ही मतदाता धोखाधड़ी का सबूत है। उल्लेखनीय है कि जब इस सप्ताह मेल-इन मतपत्र प्राप्त करने के लिए लंबी लाइनें लगीं तो उनके कुछ समर्थकों ने मतदाताओं के दमन का आरोप लगाया। वहीं राज्य के अधिकारियों और लोकतंत्र समर्थकों ने कहा कि ऐसी घटनाएं दिखाती हैं कि एक प्रणाली मंशा के अनुरूप काम कर रही है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के अभियान द्वारा इस मतदाता धोखाधड़ी के दावे को लेकर मुकदमा दायर करने के बाद एक न्यायाधीश ने फिलाडेल्फिया के उत्तर में बक्स काउंटी में मेल-इन मतपत्र की समय सीमा तीन दिन बढ़ा दी।
ट्रंप के अभियान के आरोपों पर जांच शुरू
ट्रंप के अभियान की ओर से आरोप लगाया गया था कि कुछ मतदाताओं को मंगलवार की समय सीमा से पहले हटा दिया गया था। इसके बाद चुनाव अधिकारियों ने लैंकेस्टर और पड़ोसी यॉर्क काउंटियों में संभावित रूप से धोखाधड़ी वाले पंजीकरणों की खोज की, जिससे स्थानीय कानून प्रवर्तन द्वारा जांच शुरू हो गई। हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि एप्लिकेशन के कारण अवैध वोट मिले हैं या होंगे। (रॉयटर्स)
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