मध्यप्रदेश में नवंबर के दूसरे हफ्ते सर्दी बढ़ेगी। उत्तरी हवाओं के असर से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन और दूसरे शहरों में रात के टेम्प्रेचर में गिरावट आएगी। नवंबर के पहले दिन पचमढ़ी सबसे सर्द रहा। यहां सीजन में पहली बार रात का टेम्प्रेचर 12.6
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मौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी हवाओं की वजह से तापमान में गिरावट होने लगती है। खासकर रातें ज्यादा सर्द हो जाती हैं। दूसरे सप्ताह में हवाओं का असर तेज होगा। इससे पारे में गिरावट आएगी। हालांकि, दिन में पारा 30 डिग्री के आसपास ही बना रहेगा।
पचमढ़ी में गुरुवार-शुक्रवार की रात में पारा 12.6 डिग्री पहुंच गया।
अभी इन शहरों में 20 डिग्री से नीचे रात का पारा दिवाली की रात (गुरुवार-शुक्रवार) पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी में तापमान 12.6 डिग्री दर्ज किया गया। मंडला में 15.6 डिग्री, मलाजखंड में 16.1 डिग्री, बैतूल में 16.5 डिग्री, राजगढ़ में 17.4 डिग्री, रीवा-रायसेन में 17.5 डिग्री, उमरिया में 17.8 डिग्री, छिंदवाड़ा में 18 डिग्री, टीकमगढ़ में 18.2 डिग्री, भोपाल-खंडवा में 18.4 डिग्री रिकॉर्ड हुआ।
खरगोन में 18.6 डिग्री, ग्वालियर-नर्मदापुरम में 18.8 डिग्री, जबलपुर, नौगांव, सिवनी-उज्जैन में 19 डिग्री, गुना-इंदौर में 19.4 डिग्री, खजुराहो-रतलाम में 19.5 डिग्री और धार-नर्मदापुरम में 19.8 डिग्री पहुंच गया।
नवंबर में ऐसा रहता है प्रदेश का मौसम दक्षिण-पश्चिम मानसून के समाप्त होने के बाद मौसम सामान्यत: शांत होता है, लेकिन आसमान बादलों से घिरा रहता है। अक्टूबर की तरह उमस महसूस नहीं होती है। रात के पारे में गिरावट आने लगती है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से ग्वालियर, चंबल, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर समेत कई संभागों में हल्की बारिश हो जाती है। दिन में पारा 30 डिग्री और रात में 15 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहता है।
भोपाल में भी रात के तापमान में गिरावट आई है।
5 बड़े शहरों में नवंबर का ट्रेंड
भोपाल: 10 साल में 2 बार बारिश हो चुकी नवंबर में राजधानी में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड रहा है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़केगा। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है।
इंदौर: 5.6 डिग्री तक जा चुका न्यूनतम पारा इंदौर में ठंड का असर रहता है। खासकर दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से गिरता है। इस वजह से रातें ठंडी हो जाती हैं और टेम्प्रेचर 10 से 12 डिग्री के बीच रहता है। हालांकि, 25 नवंबर 1938 को पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। कभी-कभार बारिश भी हो जाती है। दिन में 31 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है।
ग्वालियर: 1927 में 3 इंच पानी गिरा था पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में पारा 8 डिग्री तक पहुंच चुका है। 54 साल पहले वर्ष 1970 में टेम्प्रेचर 3 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 2 नवंबर 2001 को दिन का तापमान 37.3 डिग्री तक पहुंच चुका है, जबकि यह सामान्य तौर पर 33 से 35 डिग्री के बीच रहता है। इस महीने बारिश भी होती है। 1927 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में 3 बार ऐसा ही मौसम रह चुका है।
जबलपुर: 1946 में 6 इंच से ज्यादा बारिश पिछले 10 साल में 2022 में न्यूनतम पारा 7.8 डिग्री तक जा चुका है। ओवरऑल रिकॉर्ड 12 नवंबर 1989 को दर्ज किया गया था, तब टेम्प्रेचर 3.9 डिग्री तक पहुंच गया था। 1946 में पूरे महीने 6 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। दिन में 30 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है।
उज्जैन: न्यूनतम तापमान 10-11° के बीच रहता है यहां 30 नवंबर 1974 को रात का तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 6 नवंबर 2008 को दिन का तापमान 36.5 डिग्री रहा था। पिछले 10 साल की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10-11 डिग्री के बीच रहा है, जबकि दिन में यह 33 से 35 डिग्री के बीच पहुंच चुका है।
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