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MP में विद्यार्थियों को फैक्ट्रियां दिखाएगी सरकार, ताकि वे बेहतर करियर विकल्प चुन सके

स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना, उच्च शिक्षा की निदेशक उषा नायर ने बताया कि स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना के तहत विद्यार्थियों को औद्योगिक भ्रमण कराया जाएगा, ताकि विद्यार्थियाें को रोजगार और स्वरोजगार की संभावनाओं से जाेड़ सकें। भ्रमण के बाद इसकी रिपोर्ट भी विद्यार्थियों को खुद तैयार करना होगी।

By Anjali rai

Publish Date: Sat, 02 Nov 2024 07:41:06 PM (IST)

Updated Date: Sat, 02 Nov 2024 10:38:37 PM (IST)

औद्योगिक क्षेत्र की तस्वीर।

HighLights

  1. स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना के तहत औद्योगिक भ्रमण।
  2. 35 प्रकार के व्यावसायिक पाठ्यक्रम को भी इसमें शामिल किया है।
  3. विज्ञानी संस्थान और साइंस सिटी भी दिखाएंगे, इंटर्नशिप में मिलेंगे अंक।

नवदुनिया प्रतिनिधि,भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को औद्योगिक वातावरण से परिचित कराने के लिए अनूठी पहल की है। अब उन्हें फैक्ट्रियों का भ्रमण करवाया जाएगा। इससे महाविद्यालयों के विद्यार्थी उद्यमिता की ओर प्रेरित होंगे। वहीं उन्हें अपने आसपास ही रोजगार के अवसरों और उसके लिए जरूरी कौशल की जानकारी हो पाएगी।पहले चरण में प्रधानमंत्री उत्कृष्ट महाविद्यालय व उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान को शामिल किया गया है। फैक्ट्रियों तक आवागमन और अन्य व्यय के लिए प्रति कालेज 15-15 हजार रुपये की राशि भी दी गई है।

प्रदेश में आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार तेजी के साथ उद्योगों की स्थापना पर ध्यान दे रही है। इसका मकसद अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के साथ रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करना भी है।विद्यार्थियों को उद्यमिता की ओर प्रेरित करने के लिए औद्योगिक वातावरण से परिचित कराने फैक्ट्रियों का भ्रमण कराया जाएगा।

इसकी शुरुआत प्रदेश के 55 प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कालेज व जिले के 51 उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान से की जाएगी। सभी कालेजों के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे औद्योगिक भ्रमण के लिए चयनित विद्यार्थियों से प्रोजेक्ट रिपोर्ट अवश्य तैयार करवाएं। इसे महाविद्यालय के करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ में रखें, ताकि अन्य विद्यार्थी भी उसे पढ़ कर मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें। प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है कि इसके तहत ऐसे औद्योगिक संस्थानों के चयन को प्राथमिकता दें, जहां विद्यार्थियों को रोजगार की संभावना अधिक हो। साथ ही वे उद्योग विद्यार्थियों को रोजगार के लिए मार्गदर्शित भी कर सकें।

रोजगार पर फोकस

शासन का फोकस रोजगार के लिए युवाओं को तैयार करना है। इसके अनुरूप ही पाठ्यक्रम भी तैयार किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत विभिन्न कार्य समूह बनाए गए हैं, जो रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए सरकार को पाठ्यक्रम में संशोधन के लिए अनुशंसा करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसरों से प्रत्यक्ष रूप से संपर्क करवाने के लिए औद्योगिक भ्रमण कराया जाएगा, ताकि विद्यार्थी उद्याेगों की गतिविधियों को समझ सकें और स्वयं को रोजगार के लिए तैयार कर सकें।

विज्ञानी संस्थान और साइंस सिटी भी दिखाएंगे

फैक्ट्रियों के भ्रमण के अलावा विद्यार्थियों को विज्ञानी संस्थान, साइंस सिटी, आब्जरर्वेटरी, संग्रहालय और एेतिहासिक स्थान दिखाने भी ले जाया जाएगा। इस तरह की गतिविधियां निरंतर संचालित होंगी।

प्रोजेक्ट वर्क और इंटर्नशिप में मिलेंगे अंक

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक के चारों वर्ष के पाठ्यक्रम में प्रोजेक्ट वर्क और इंटर्नशिप अनिवार्य किया गया है।इसमें भी औद्योगिक संस्थानों का भ्रमण और इंटर्नशिप भी करना है।इसके लिए अंक भी दिए जाएंगे।

35 प्रकार के व्यावसायिक पाठ्यक्रम भी किया गया है शामिल

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्नातक प्रथम वर्ष में 35 प्रकार के व्यावसायिक पाठ्यक्रम शामिल किया गया है। इसमें जैविक खेती, व्यक्तिव विकास, हस्तशिल्प, वर्मी कम्पोस्टिंग, बागवानी,पर्यटन, वेब डिजाइनिंग, पोषण और आहार विज्ञान सहित अन्य रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शामिल किया गया है।

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