कंपू के अवाड़पुरा क्षेत्र के लोगों पर संकट के बादल छाए हुए हैं। यहां सेंट्रल बैंक के कियोस्क के नाम पर 26 लोगों से 44 लाख रुपए से अधिक की ठगी हुई है। इस मामले में पुलिस ने भले ही ठग को पकड़ लिया है, लेकिन ठगी गई रकम का हिसाब-किताब पता नहीं कर पा रही ह
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ठगे गए लोग जरूरतमंद गरीब हैं। ठग ने लोगों को 12%ब्याज देने का लालच दिया। बैंक कर्मचारियों से सांठगांठ कर रुपए ले लिए और फर्जी एफडी के दस्तावेज दे दिए। ठगी का शिकार हुए लोगों का कहना है कि ठग शाहिद खान उर्फ मोनू ने बैंक अधिकारियों से सांठ-गांठ ठगी की है। महिलाओं का कहना है कि ठग ने बैंक खाते से लाडली बहना और विधवा पेंशन तक के पैसे धोखाधड़ी कर निकाल लिए।
वहीं आरोपी शाहिद की गिरफ्तारी के 15 दिन बाद भी पुलिस हाथ पे हाथ रखे बैठी है। एक रुपए की भी रिकवरी पुलिस अभी तक आरोपी से नहीं कर सकी है। ऐसे में 26 के अलावा अन्य 100 लोग जो ठगी का शिकार हुए हैं उनका पुलिस से विश्वास उठ गया।
10% ब्याज मिलने के झांसे में फंस गए ^मेरे पिता पिता सरदार बेग ने 3 लाख रुपए रखने के लिए दिए थे। मगर शाहिद को इसकी भनक लग गई। उसने 10%ब्याज दिलाने का झांसा देकर बैंक में एफडी करा दी। जब पासबुक पर एंट्री करने से कर्मचारी पूजा शर्मा ने मना कर दिया तो हमें फजीवाड़े का शक हुआ। -जुलेखा, निवासी अवाड़पुरा
नातिन की शादी, जमा पूंजी चली गई ^मेरी उम्र 80 साल है। मेरी नातिन आसिमा की शादी फरवरी में है। नातिन की मां पहले से चल बसी है, इसलिए शादी के लिए 3.25 लाख जो रकम बैंक में जोड़ी थी उसके बारे में पता चला कि वह ठग ने निकाल ली है। अब शादी कैसे होगी यही चिंता सता रही है। -अनवरी उर्फ हूरो, निवासी अवाड़पुरा
बहन बनाकर मेरे साथ की ठगी ^ ठग शाहिद ने मुझे बहन बनाकर ठगी की। उसने बैंक में स्टाफ कोटे में एफडी कराने की बात कही। इसमें 12% ब्याज मिलने की बात उसने कही। कुल 1.40 लाख रुपए जमा कराए। पहले महीनें मेरे खाते में 1250 रुपए आए थे, लेकिन उसकी किताब में एंट्री नहीं की। इससे शक हो गया। -गजला, अवाड़पुरा
दिसंबर में बेटी की शादी, पूरी रकम लूटी ^पति की मौत पर संबल के ~2 लाख मिले थे। उर्दू पढ़ाने के लिए घर-घर जाती हूं। इसके एवज में ~7 हजार महीना मिलते हैं। इन रुपए को जोड़कर 3.35 लाख बैंक के कियोस्क के माध्यम से बेटी की शादी के लिए जमा कराए थे। दिसंबर में शादी है। सब रकम लुट गई, अब शादी कैसे होगी। -रजिया बेगम, अवाड़पुरा
जनसुनवाई में अधिकारियों ने दिए थे निर्देश, फिर भी बयान तक नहीं किए दर्ज 22 अक्टूबर को ठगी के शिकार हुए करीब 50 लोग एसपी ऑफिस में जनसुनवाई में पहुंचे थे। जहां एएसपी अखिलेश रैनवाल ने अपने अधीनस्थों को निर्देश दिए थे कि 23 तारीख को ही पड़ाव स्थित सीएसपी ऑफिस में सभी पीड़ितों के बयान व दस्तावेज जमा कराएं। जब पीड़ित सीएसपी ऑफिस पहुंचे तो कुछ लोगों के बयान दर्ज कर खानापूर्ति की गई। इसके बाद उन्हें कंपू थाने में बुलाया गया। जब थाने पहुंचे तो टीआई ने कोई सुनवाई नहीं की। पीड़ितों में से ज्यादातर के अभी तक बयान भी नहीं लिए हैं। ऐसे में रिकवरी तो दूर की बात दिखाई दे रही है।
सेंट्रल बैंक से मांगी डिटेल, बयान क्यों नहीं लिए पूछेंगे ^कियोस्क सेंटर के संचालक द्वारा ठगी के मामले में पुलिस ने सेंट्रल बैंक प्रबंधन से जानकारी मांगी है। जांच के तहत ठगे गए अन्य लोगों के बयान दर्ज करने की कार्रवाई के निर्देश दिए थे। कितने बयान दर्ज हुए इसकी टीआई से जानकारी ली जाएगी। ठगी के आरोपी से ठगी की रकम की बरामदगी नहीं हुई है, ठगी की रकम कहां इनवेस्ट की है इसकी भी जानकारी ली जा रही है। -अखिलेश रैनवाल, एएसपी
पिता को रिटायरमेंट से मिले रुपए की कराई एफडी, वो भी गए
ठग शाहिद ने एफडी पर 12% ब्याज का लालच दिया। इसलिए मेरे पिता इम्तियाज हुसैन ने अपने नाम से 12 लाख और मां महराेज के नाम 3 लाख रुपए की एफडी कराने के लिए सेंट्रल बैंक की शाखा रॉक्सी में पहुंचे। पिता रेलवे से रिटायर्ड हुए थे। उन्हें 14 लाख रुपए मिले थे। जिसे वह निवेश करने के चक्कर में ठग की बातों में आ गए। शाहिद ने जो एफडी का कागज दिया, वह भी फर्जी निकला। -इस्तियाक हुसैन, अवाड़पुरा
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