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हाईकोर्ट का यूट्यूब, एक्स, मेटा, राज्य-केंद्र सरकार को नोटिस: कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग को एडिट कर सोशल मीडिया पर अपलोड करने पर रोक – Jabalpur News

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (जबलपुर) ने लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर बड़ा आदेश दिया है।

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चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बैंच ने लाइव स्ट्रीमिंग को एडिट कर उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। सोमवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश जारी किया। याचिका दमोह निवासी डॉक्टर विजय बजाज ने लगाई। इस पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई और केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, राज्य सरकार, मेटा प्लेटफाॅर्म्स, यू-ट्यूब, एक्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।। अगली सुनवाई अब तीन सप्ताह बाद होगी।

दमोह निवासी डॉ. विजय बजाज की ओर से अधिवक्ता मुकेश कुमार अग्रवाल और उत्कर्ष अग्रवाल ने पक्ष रखा। याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में न्यायालयीन प्रक्रिया की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए कुछ नियम बनाए गए थे। इन नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि लाइव स्ट्रीमिंग के सभी कॉपीराइट हाईकोर्ट के पास हैं। ऐसे में किसी भी प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीमिंग के उपयोग, शेयर, ट्रांसमिट या अपलोड करना प्रतिबंधित है।

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मांग- हाईकोर्ट लाइव स्ट्रीमिंग का दुरुपयाेग करने वालों से पैसा वसूला जाए

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग की क्लिपिंग को एडिट करके अपलोड कर पैसा कमाया जा रहा है। इतना ही नहीं, इसके मीम्स, शॉर्ट्स बनाए जाते हैं और न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं और शासकीय अधिकारियों पर अभद्र व आपत्तिजनक टिप्पणियां की जाती हैं। याचिका में मांग की गई कि अभी तक जिन भी लोगों ने हाईकोर्ट लाइव स्ट्रीमिंग का दुरुपयाेग कर सोशल मीडिया के माध्यम से पैसा कमाया है, उनसे वसूली की जाए। जितनी भी क्लिपिंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड की गई हैं, उन्हें तुरंत डिलीट किया जाए।

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एमपी के थानों में मंदिर निर्माण पर रोक

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (जबलपुर) ने सोमवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए थानों में निर्माणाधीन मंदिरों पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार से पूछा है, ‘आखिरकार कैसे शासकीय जमीन पर मंदिर बन रहे हैं।’ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ की डिवीजन बेंच ने मुख्य सचिव अनुराग जैन, डीजीपी सुधीर सक्सेना को नोटिस देकर जवाब मांगा है। नोटिस गृह विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग को भी दिए गए हैं। पूरी खबर पढ़िए

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