‘मेरे तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं, वो मेरा चेहरा देखकर डर जाते हैं। पूछते हैं- मम्मी आपके चेहरे को क्या हो गया। आप पहले कितनी प्यारी दिखती थीं, अब आपका चेहरा बहुत डरावना हो गया है। आप कैसी दिखने लगी हो। इन सवालों के मैं उन्हें अब क्या जवाब दूं। उसने मुझे
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दिलदहलाने वाली ये कहानी जया वर्मा की है। जया को उसकी सौतन मानसी ने दीपावली के दिन चाकू और लोहे के कुंदे से 70 से अधिक बार गोदकर लहूलुहान कर दिया था। गोदते समय चाकू टेढ़ा हुआ तो उसने चेहरे पर लात-घूंसे बरसाए। गंभीर हालत में जया को रीवा अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में प्रयागराज रेफर कर दिया गया। एक दिन पहले ही जया डिस्चार्ज होकर अपने गांव लौटी है।
दैनिक भास्कर की टीम जया से मिलने रीवा से 85 किमी दूर सोहागी के चौरा गांव पहुंची। यहां ग्रामीण, जया को बचाने वाले और खुद जया से बात की। पढ़िए दिलदहलाने वाली आपबीती…
जया का कहना है अब जीने की इच्छा नहीं है। बच्चों को देखकर लगता है कि मैं नहीं रहूंगी तो इनका क्या होगा।
ग्रामीण बोले- उसके साथ बहुत बुरा हुआ हमारी टीम को यहां सबसे पहले तीन आदिवासी युवक मिले। जया का घर और घटना के बारे में पूछने पर वे भावुक हो गए, बोले- उसके साथ बहुत बुरा हुआ है। उस महिला ने उसे ऐसा दर्द दिया कि देखने वालों का कलेजा फट जाए। वह खून से लथपथ दर्द से तड़प रही थी। वह बेदर्द उस पर जुल्म ढा रही थी।
6 साल पहले ही तो रामबाबू ने जया से शादी की थी। उसके यहां सब कुछ अच्छा चल रहा था। इसके बाद रामबाबू का प्रतापगढ़ यूपी की रहने वाली मानसी से प्रेम संबंध हो गया। दोनों के बीच खूब बातचीत होती, मिलना-जुलना भी होता। मानसी ने शादी का दबाव बनाया तो रामबाबू ने शादीशुदा होने की बात कह दी। मामला पंचायत में पहुंचा और फिर तीन साल पहले रामबाबू ने मानसी से भी शादी कर ली।
रामबाबू की दूसरी शादी के बाद विवाद एक घर में दो पत्नियां। बवाल तो कटना ही था। रामबाबू के घर भी वही हुआ। शादी के कुछ दिनों तक तो सब ठीक रहा, फिर आए दिन तू-तू, मैं-मैं। 6 महीने पहले की ही तो बात है। एक रात करीब 1 बजे मेरे घर का दरवाजा बजा। खोला तो सामने जया खड़ी थी। वह रो रही थी। हमने उसे भीतर बुलाया और पूछा तो बोली- मानसी ने मारपीट कर घर से निकाल दिया है।
रामबाबू ने भी उसी का ही साथ दिया। आधी रात को अब मैं कहां जाऊं। मेरे परिवार ने उसे रात रुकने को कहा। सुबह वह अपने मायके चली गई। कुछ दिनों बाद लौटी, लेकिन मारपीट का सिलसिला बंद नहीं हुआ। मारपीट क्यों की, इस पर बोले- मानसी को लगता था कि रामबाबू जया को ज्यादा प्यार करता है, वह उसे कम भाव देता है।
दीपावली वाले दिन मानसी अचानक आई और जया पर चाकू से हमला कर दिया।
जया बोली- 30 टांके लगे हैं, खाते नहीं बन रहा टीम प्रत्यक्षदर्शी और सरपंच प्रतिनिधि मंगला प्रसाद त्रिपाठी के साथ जया के घर पहुंची। यहां जया के बच्चे बाहर खेल रहे थे। भीतर एक खाट पर जया लेटी थी। वह कराह रही थी। पति एक बच्चे को लेकर बाहर खड़ा था। टीम ने अपना परिचय दिया और रामबाबू को जया से मिलवाने को कहा।
जया बाहर आई, लेकिन कमजोरी के कारण उसे चक्कर आने लगे। जैसे-तैसे कुर्सी में बैठी और फिर उसने आपबीती सुनाई। बोली- उस दिन मैं सुबह से दीपावली की तैयारियों में जुटी हुई थी। सुबह बच्चों के कुरकुरे और बिस्किट की बात को लेकर उसने झगड़ा किया था। मैंने विवाद को तूल नहीं दिया और अपने काम में जुट गई थी। दोपहर में अचानक से मानसी चाकू और कुंदा लेकर मुझ पर टूट पड़ी। उसने मुझे संभलने का मौका भी नहीं दिया। एक के बाद एक कई वार किए। लात-घूंसे मारे।
जया ने कहा- मेरे चेहरे पर और शरीर पर 50 से ज्यादा टांके लगे हैं। अकेले चेहरे पर ही 30 टांके हैं। खाना खाते तक नहीं बन रहा है। उसने मेरे होंठ तक काट दिए हैं। चाकू मारकर गाल पर फाड़ दिया। चेहरे को हर जगह उसने चाकू से गोदा। पूरे शरीर में 70 से अधिक वार किए।
मैं लहूलुहान जमीन में पड़ी उससे छोड़ने की गुहार लगा रही थी, लेकिन वह मेरी हत्या करने की कोशिश में थी। चाकू टेढ़ा हो गया तो कुंदे और लात-घूंसों से पीटा। शरीर से सारा खून निकल गया। घायल हालत में मुझे रीवा के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां टांके लगा दिए गए। मेरी हालत बहुत खराब थी, इसके बाद भी घटना पर पर्दा डालने के लिए मुझे जबरन अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
मैंने कहा कि मुझे इलाज की जरूरत है। मेरे शरीर से काफी खून बह गया है। मुझसे बैठा तक नहीं जा रहा। खड़ी होती हूं तो चक्कर आता है। मेरा कुछ दिनों तक ठीक से इलाज तो कर दीजिए, लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी। जबरन डिस्चार्ज कर मरने के लिए छोड़ दिया। क्या करती, इसके बाद इलाज के लिए प्रयागराज पहुंची। वहां दो दिन भर्ती रही। कुछ सुधार हुआ तो वापस गांव लौट आई।
जया का कहना है कि उसने मुझे मारने के लिए छत से भी धक्का दिया था। मैं संभल गई, नहीं तो उसी दिन उसने मेरी जान ले ली होती।
पहले भी 10 बार हमला कर चुकी थी जया ने बताया कि मानसी उसके साथ मारपीट तो आए दिन करती थी, लेकिन 10 से ज्यादा बाद उसने जानलेवा हमला किया। कुछ महीने पहले उसने मुझे छत से धक्का देने की कोशिश की थी। तब भी मैं बाल-बाल बच गई थी। खुद को संभालती नहीं तो उसी दिन मेरी जान निकल गई होती।
वह चाहती है कि मैं मर जाऊं तो पति और घर पर उसका एकाधिकार हो जाए। पहली बार ऐसा हुआ है, जब उसने हमला किया और यह कैमरे पर रिकाॅर्ड हो गया। दुनिया को पता चला कि वह कितनी खतरनाक है। हर हमले के बाद मैं पुलिस से गुहार लगाती रही। कहती रही कि इस महिला से मेरी जान को खतरा है, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। इसी का नतीजा है कि आज मेरी ऐसी हालत हुई है।
डर के चलते तीन दिन से नहीं सोई जया कहती है कि जानलेवा हमले के बाद मैं तीन दिनों से नहीं सोई हूं। वो खौफनाक मंजर याद आता है तो मैं सहम जाती हूं। शरीर थर-थर कांपने लगता है। रात में डर लगता है कि कहीं वह जान न ले ले। मेरे तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। दो बेटे और एक बच्ची, तीनों की उम्र बेहद कम है।
सोचती हूं कि अगर मुझे कुछ हो गया तो इन बच्चों का क्या होगा। या इन्हें कुछ हो गया तो मेरा क्या होगा। दिन-रात यही चिंता खाए जा रही है। आखिर इस चिंता के साथ जीएं भी तो कैसे जीएं। शादी को 6 साल हुए। तीन बच्चे हैं। इसके बाद भी मेरा सब कुछ खत्म हो चुका है। अब जीने की इच्छा नहीं बची है।
पकड़ने दौड़े तो पानी डालकर खून छुड़ाने लगी गांव के मंगला प्रसाद त्रिपाठी का कहना है कि आज तक हमारी पंचायत में इस प्रकार की वारदात नहीं हुई है। रामबाबू ने जब से दूसरी शादी की, यहां का माहौल खराब हुआ। दूसरी पत्नी कई बार हमला कर चुकी है। पुलिस ने भी मांग की, कि इन्हें दंडित करिए। हमने उसे कई बार समझाया भी, लेकिन वो नहीं मानी।
उस दिन मैं पंचायत के कुछ काम में लगा हुआ था। दोपहर में रामबाबू का कॉल आया। बोला- चाचा मानसी ने जया को मार डाला। यह सुनते ही मैं एक लड़के साथ बाइक से मौके पर पहुंचा। यहां दरवाजा बाहर से बंद था, भीतर मानसी, जया पर चाकू से हमला कर रही थी।
मैंने दरवाजा खुलवाया और मानसी को मना किया। मानसी चाकू और लात से जया पर हमला करती रही। मैंने उसका हाथ पकड़ा तो चाकू मेरे हाथ में लगा। मेरे चाचा ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो उसने ईंट फेंककर मारा। उन पर भी चाकू से हमला करने की कोशिश की।
लोग पकड़ने के लिए आगे बढ़ी तो मानसी ड्रम की ओर दौड़ी और अपने ऊपर पानी डाल लिया। वह खून साफ करने में जुट गई। लोग पकड़कर बाहर लाए और उसे पेड़ से बांध दिया। पुलिस पीड़िता और आरोपी दोनों को पकड़कर ले गई।
शाम तक थाने में रही, इसके बाद उसे छोड़ दिया। वह घर आई तो हमने इसका विरोध किया। पुलिस को कॉल कर पूछा कि इसे क्यों छोड़ा गया है। पुलिस ने कहा- सब्जी काटने वाले चाकू से हमला किया है, जेल नहीं हो सकती है, इसलिए इसे छाेड़ दिया है।
इस पर हमने रामबाबू से कहा- इसे गांव से बाहर लेकर जाओ। वह उसे लेकर पास के गांव में चला गया, वहां रातभर रखा। सुबह वह फिर लौटकर आ गई। इस पर हमने गाड़ी कर उसके मायके छुड़वा दिया। अगले दिन सुबह मां के साथ वह फिर से वापस आ गई। ग्रामीण इनका यहां रहने का विरोध कर रहे हैं। सभी चाहते हैं कि रामबाबू अपनी पत्नी को लेकर कहीं और चला जाए।
70 वर्षीय बुजुर्ग को भी ईंट फेंककर मारा
जया को मानसी से बचाने वाले 70 साल के इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि जब मैं मौके पर पहुंचा तो मानसी उसे मार रही थी। वह बचने के लिए मुझसे लिपट गई। मैंने मानसी को रोकने की कोशिश की तो उसने मुझे मारने के लिए ईंट उठा ली। उसने फेंका, लेकिन निशाना चूक गया। उसने दूसरी ईंट उठाई तो मैंने कहा- नीचे फेंक दे नहीं तो लाठी से पीट डालूंगा। इस पर उसने ईंट फेंक दिया। जैसे-तैसे जया को छुड़ाया।
मानसी ने उस पर पहले भी कई बार हमला किया है। पति रामबाबू कुछ भी नहीं कहता था। मानसी को हमने लोगों की मदद से बांध दिया। कुछ समय बाद पुलिस और और उसे पकड़कर ले गई।
त्रिपाठी का कहना है कि जिस तरह से महिला पर हमला हुआ, उसका इरादा तो उसे जान से मारने का ही था। पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। प्रदेश स्तर पर पंचायत की बदनामी हो गई है। इस घटना से पहले कभी भी हमारे यहां इस तरह की घटना नहीं हुई।
रामबाबू ने 3 साल पहले की थी दूसरी शादी
एसपी विवेक सिंह ने बताया कि रामबाबू वर्मा (27) की दो पत्नियां हैं। दोनों एक ही घर में रहती थीं। विवाद के बाद रंजिश में दूसरी पत्नी मानसी (23) ने पहली पत्नी जया (26) पर चाकू से कई वार किए। इसमें जया बुरी तरह से घायल हो गई। रामबाबू वर्मा चाहता था कि उसकी दोनों पत्नियां अलग-अलग नहीं, बल्कि एक ही छत के नीचे उसके साथ रहें, जिस वजह से दोनों महिलाएं साथ में रहती तो थीं, लेकिन दोनों के बीच सामंजस्य नहीं था।
पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी
चौकी प्रभारी जगदंबा प्रसाद पांडेय ने बताया कि रामबाबू ने पहली पत्नी को तलाक दिए बिना ही दूसरी शादी की थी, जो कानूनन ठीक नहीं है। कानून के मुताबिक रामबाबू को पहली पत्नी से तलाक होने के बाद ही दूसरी शादी की इजाजत मिल सकती थी। रामबाबू ने बिना तलाक लिए ही दूसरी शादी कर ली। दोनों पत्नियों को एक साथ एक छत के नीचे भी रखा, जिस वजह से इस तरह की स्थिति निर्मित हुई। ऐसे में युवक भी कार्रवाई के दायरे में आता है।
यह है पूरा घटनाक्रम
दीपावाली के दिन एक जया वर्मा पर उसकी सौतन मानसी ने 70 से अधिक बार किए थे। गंभीर हालत में रीवा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से उसे प्रयागराज रेफर कर दिया गया था। पुलिस ने इस मामले में आरोपी मानसी को गिरफ्तार कर लिया है। उसका कहना है कि पति रामबाबू वर्मा जया से अधिक प्यार करता है।
वह उसे ज्यादा महत्व देता है, जिस वजह से जया मुझे घमंड दिखाती है। कई बार जिन चीजों को लेकर उसे मेरी बात माननी चाहिए। वो बात कभी सुनती तक नहीं। मैंने उसे कई बार बोला था कि तू सुधर जा नहीं तो मैं तुझे सुधार दूंगी, लेकिन उसने मेरी एक नहीं सुनी। जिस वजह से मैंने गुस्से में आकर उस पर हमला बोल दिया।
2 दिन पहले भी मामूली सी बात को लेकर मेरी उससे कहा-सुनी हुई थी। आए दिन हमारे बीच में लड़ाई-झगड़े होते रहते थे। पति बोलते थे कि मेरे पास इतना पैसा नहीं है कि तुम दोनों की अलग-अलग व्यवस्था करूं। चुपचाप दोनों शांति से यही पर रहो। मुझे बार-बार परेशान करना छोड़ दो।
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