मंगल पर देखे गए इस रहस्यमयी सुराग को नासा ने ज्वालामुखी का बचा हुआ हिस्सा बताया है। ज्वालामुखी अब विलुप्त हो चुका है। यह गड्ढा कुछ मीटर में फैला है। Space.com के अनुसार, इसे 15 अगस्त 2022 को खोजा गया था। यह Arsia Mons नाम के ज्वालामुखी का शेष रह गया भाग है। इसे नासा के MRO ऑर्बिटर ने HiRISE कैमरा से कैप्चर किया था। जब स्पेसक्राफ्ट ने इसे कैमरा में कैद किया तब वह मंगल की सतह से सिर्फ 296 किलोमीटर ही दूर था।
इस गड्ढे के बारे में कहा गया है कि यह वर्टीकल है और नीचे की ओर गहरा है। यह इतना बड़ा है कि इसमें व्यक्ति ठहर सकते हैं। यानी कि भविष्य में मंगल मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए यह सिर छुपाने की जगह के रूप में इस्तेमाल हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मंगल का वायुमंडल बहुत ही पतला है। इसमें ग्लोबल मेग्नेटिक फील्ड की कमी है। यह सूर्य से आने वाली रेडिएशन को नहीं रोक सकता है, जैसा कि हमारी पृथ्वी कर सकती है। इसी वजह से मंगल पर रेडिएशन 40 से 50 गुना तक ज्यादा पाया जाता है।
नासा के अनुसार इस तरह के गड्ढे मंगल पर जीवन के सबूतों के बारे में भी जानकारी दे सकते हैं। कहा गया है कि बीते समय में भी हो सकता है कि ये शेल्टर की तरह इस्तेमाल किए गए हों। या फिर क्या पता वहां पर जीवाणु आदि भी पनप रहे हों। हालांकि अभी तक यह एक रहस्य ही बना हुआ है कि यह गड्ढा कितना गहरा है। साथ ही अभी यह भी पता नहीं है कि अंदर जाकर ये छोटे ही खुलते हैं या फिर गुफा जैसा स्ट्रक्चर भी इनमें मौजूद है। नासा ने रिपोर्ट निष्कर्ष निकाला है कि अगर ये गुफा के रूप में अंदर खुलते हैं तो भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए यह बड़ी राहत बन सकते हैं जो उन्हें बाहर के रेडिएशन से बचा सकते हैं।
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2024-06-15 08:43:34
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