अब खोज भारत ने की, तो नाम भी भारत की पसंद वाले होने चाहिए। IAU ने मंगल ग्रह पर खोजे गए क्रेटरों में से दो के नाम भारत के दो कस्बों के नाम पर रखने की मंजूरी दे दी है, जोकि यूपी-बिहार से आते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, मंगल ग्रह के थार्सिस ज्वालामुखी क्षेत्र (Tharsis volcanic region) में तीन क्रेटर को खोजा गया है। इनके नाम रखे गए हैं- लाल क्रेटर, मुरसान क्रेटर और हिल्सा क्रेटर। मुरसान नाम हाथरस जिले की नगर पंचायत मुरसान से मिलता है, जबकि हिल्सा एक सब डिविजन है जो बिहार के नालंदा जिले में है। तीसरा नाम जो लाल क्रेटर है, वह भारत के जानेमाने जियोफिजिसिस्ट और PRL के पूर्व निदेशक प्रोफेसर देवेंद्र लाल को समर्पित है। मंगल ग्रह पर मिला लाल क्रेटर 65 किलोमीटर चौड़ा है।
मुरसान क्रेटर की चौड़ाई 10 किलोमीटर है, जबकि हिल्सा क्रेटर भी 10 किलोमीटर चौड़ा है। सवाल उठता है कि यही दो नाम क्यों चुने गए, जबकि भारत में हजारों कस्बे हैं। मुरसान नाम चुनने की वजह PRL के मौजूद निदेशक डॉ. अनिल भारद्वाज हैं, जिनका जन्मस्थान मुरसान है। वहीं, हिल्सा डॉ. राजीव रंजन भारती का जन्मस्थान है। डॉक्टर राजीव उस टीम का हिस्सा थे, जिन्होंने मंगल ग्रह पर नए क्रेटरों की खोज की।
रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिक नजरिए से यह खोज काफी अहम है। लाल क्रेटर का पूरा इलाका लावा से ढका हुआ है। बाकी दोनों क्रेटरों की भी अपनी विशेषताएं हैं।
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2024-06-14 08:09:35
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